पौष पूर्णिमा व्रत 2023 पूजा विधि
हिंदी पंचांग के मुताबिक हर हिंदी माह की आखिरी तिथि पूर्णिमा होती है। साल 2023 की पहली पूर्णिमा 6 जनवरी को है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान का विधान है।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाने से भक्तों के सारे काम पूरे होते हैं और उन्हें मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है।
पौष पूर्णिमा का महत्व
साल की पहली पूर्णिमा मानी जाने वाली पौष पूर्णिमा का महत्व पुराणों में बेहद खास बताया गया है। इस तिथि पर त्रिवेणी में स्नान करने का खास महत्व बताया गया है। पौष पूर्णिमा पर स्नान दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के दिन गंगा में डुबकी लगाने का खास महत्व बताया गया है और आपके लिए मोक्ष की प्राप्ति का द्वार खुल जाता है। इस दिन कुछ धार्मिक उपाय करना बेहद प्रभावशाली माना गया है और ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।