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रुद्राक्ष पहनते समय किन बातों का रखें ध्यान?
वर्तमान में हर व्यक्ति अपनी लाइफ की सभी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहता है। हर व्यक्ति चाहता है कि उस पर भगवान शिव की कृपा बरसती रहे। ऐसे में वह
पूर्णिमा की तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा की जाती है, साथ ही इस दिन उमा-महेश्वर व्रत भी रखा जाता है। यह पूर्णिमा इसलिए भी महत्व रखती है क्योंकि इसी दिन से पितृ पक्ष यानि श्राद्ध प्रारंभ होते हैं, जो आश्विन अमावस्या पर समाप्त होते हैं।
भाद्रपद पूर्णिमा व्रत मुहूर्त
सितंबर 28, 2023 को 18:51:36 से पूर्णिमा आरम्भ
सितंबर 29, 2023 को 15:29:27 पर पूर्णिमा समाप्त
भविष्यपुराण के अनुसार उमा महेश्वर व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है लेकिन नारदपुराण के अनुसार यह व्रत भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसकी पूजा विधि इस प्रकार है-
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वर्तमान में हर व्यक्ति अपनी लाइफ की सभी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहता है। हर व्यक्ति चाहता है कि उस पर भगवान शिव की कृपा बरसती रहे। ऐसे में वह
आज हम बात कर रहे हैं ऐसी बाती की जिससे दीप जलाने पर आपके सारे कष्ट स्वयं महादेव हर लेंगे इसे सहस्त्रवली या 3 तार की 108 बाती का दीपक
सावन बाबा भोलेनाथ का प्रिय महीना है। सावन में बाबा को रिझाकर उनका आशीर्वाद पाने के लिए तरह-तरह के उपाय किये जाते हैं। क्या आपको पता है कि सावन में
चन्द्रमा लगाने जा रहे हैं शनि देव पर ग्रहण, दोस्तों ये बहुत ही दुर्लभ खगोलीय घटना है जिसे लूनर आक्लटेशन आफ सैटर्न (Lunar occultation of Saturn) यानि शनि चंद्र ग्रहण
सावन का पावन महीना भगवान शिव की भक्ति में रमने का महीना है। क्या आपको पता है कि बाबा भोले की पूजा में उनके 108 नामों के जप का विशेष
सावन का महीना भोले के भक्तों के लिए सबसे खास होता है। इस समय भक्त शिव जी को रिझाने के लिए निर्मल मन से उनकी पूजा करते हैं। सावन में