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अक्षय तृतीया 2024:

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे प्रतिवर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। ‘अक्षय’ शब्द का अर्थ है ‘जो कभी न घटे’ या ‘अनंत’, जिसके चलते इस दिन किए गए किसी भी शुभ कार्य या निवेश के स्थायी और शाश्वत लाभ माने जाते हैं। इस दिन का कोई विशेष मुहूर्त निर्धारित नहीं होता है, जिससे यह पूरा दिन ही किसी भी शुभ कार्य के लिए उत्तम माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन किए गए दान, पूजा-पाठ और जप-तप का फल अक्षय होता है, जिसे कभी भी नष्ट नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, इस दिन सोना खरीदने और नए व्यावसायिक उपक्रमों की शुरुआत करने का भी विशेष महत्व होता है, क्योंकि माना जाता है कि इस दिन शुरू की गई चीजें सफलता प्राप्त करती हैं और लंबे समय तक फलदायी रहती हैं। इस वर्ष अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी, जिसमें लोग विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे और इस शुभ दिन का उत्साहपूर्वक आनंद उठाएंगे।

अक्षय तृतीया मुहूर्त:

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त : 05:33:11 से 12:17:39 तक

अवधि : 6 घंटे 44 मिनट

अक्षय तृतीया व्रत व पूजन विधि:

  1. व्रत रखने वाले को सुबह उठकर स्नान करने के बाद पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
  2. अपने घर की पूजा घर में भगवान विष्णु की मूर्ति को गंगाजल से साफ करें और उन्हें तुलसी और पीले फूलों की माला या पीले फूल चढ़ाएं।
  3. धूप, अगरबत्ती जलाने के बाद पीले आसन पर बैठकर भगवान विष्णु के स्तोत्र (जैसे विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा) का पाठ करें, और अंत में विष्णु जी की आरती गाएं।
  4. इस शुभ दिन पर गरीबों को भोजन कराना या दान देना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है।

अक्षय तृतीया की कथा

हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार एक बार महाराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से अक्षय तृतीया के महत्व के बारे में पूछा था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि यह तिथि बहुत ही पवित्र और पुण्यमयी होती है। इस दिन सुबह से दोपहर तक स्नान, जप, तप, यज्ञ, अध्ययन, पितरों के लिए तर्पण और दान करने वाले व्यक्ति को अक्षय पुण्य का लाभ होता है।

बहुत समय पहले, एक गरीब लेकिन धार्मिक व्यापारी था जो अपनी गरीबी से बहुत परेशान था। किसी ने उसे अक्षय तृतीया के दिन व्रत रखने की सलाह दी। उसने इस दिन गंगा में स्नान करके सभी देवी-देवताओं की पूजा की और दान भी दिया। इस पुण्य के प्रभाव से उसका अगला जन्म बहुत धनी और प्रतिष्ठित राजा के रूप में हुआ। यह सब अक्षय तृतीया के पुण्य का ही परिणाम था।

अक्षय तृतीया का महत्व :

अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज भी कहते हैं, एक बहुत ही खास दिन माना जाता है, जिसे परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। यह पर्व हिंदू और जैन समुदाय के लिए विशेष होता है। कहा जाता है कि इसी दिन से त्रेता युग और सतयुग की शुरुआत हुई थी, इसलिए इसे कृतयुगादि तृतीया भी कहा जाता है। इस तिथि की अधिष्ठात्री देवी पार्वती हैं।

अक्षय तृतीया के दिन किए गए स्नान, दान, जप, यज्ञ, स्वाध्याय और तर्पण जैसे कर्म सदा के लिए अक्षय माने जाते हैं, यानी उनका फल कभी कम नहीं होता। यह दिन पापों को दूर करने और सुख प्रदान करने वाला माना गया है। इस दिन नए काम शुरू करने, नए व्यवसाय या नौकरी में प्रवेश करने, नए घर में प्रवेश करने और खरीदारी करने के लिए बहुत ही शुभ समय होता है।

अक्षय तृतीया पर्व से जुड़े 10 महत्वपूर्ण तथ्य:

1- इस दिन को भगवान श्री परशुराम की जयंती भी मनाई जाती है, जिन्हें अमर माना जाता है। इसलिए, इसे चिरंजीवी तिथि भी कहते हैं।

2- अक्षय तृतीया के दिन ही सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी।

3- इसी तिथि पर भगवान विष्णु के नर-नारायण और हयग्रीव अवतार भी जन्मे थे।

4- इस दिन ब्रह्माजी के पुत्र, अक्षय कुमार का जन्म हुआ था।

5- वेद व्यास और श्रीगणेश ने इसी दिन महाभारत लिखना शुरू किया था।

6- महाभारत का युद्ध भी इसी दिन समाप्त हुआ था।

7- अक्षय तृतीया पर ही मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था।

8- हर साल इस दिन बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोले जाते हैं।

9- वृन्दावन में श्री बांकेबिहारी जी के मंदिर में सिर्फ इसी दिन भगवान के चरणों के दर्शन किए जाते हैं।

10- इसी दिन से पुरी में रथ यात्रा के लिए रथों का निर्माण शुरू होता है।

अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने का महत्व:

अक्षय तृतीया, जो कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि पर आती है, बहुत ही शुभ मानी जाती है। ‘अक्षय’ का मतलब होता है कुछ ऐसा जो कभी खत्म न हो। इसलिए इस दिन किए गए कामों का शुभ प्रभाव हमेशा बना रहता है। इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी।

 

इस दिन पूरे देश में सोने और अन्य कीमती धातुओं की खरीदारी करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है और साल भर खुशियां बनी रहती हैं। सोना एक अच्छे निवेश के रूप में देखा जाता है, और अक्षय तृतीया के दिन निवेश करने की परंपरा है। लोग इस दिन सोने के गहने, सिक्के और बर्तन खरीदते हैं।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी, इस दिन ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि सोने की खरीदी शुभ मानी जाती है, जो जीवन में सफलता के नए अवसर प्रदान करती है।

अक्षय तृतीया क्‍याें मानी जाती है सबसे शुभ तिथि-

भारतीय संस्कृति में अक्षय तृतीया को अत्यंत शुभ माना जाता है और इस दिन को विशेष रूप से सभी शुभ कार्यों के लिए उत्तम समय समझा जाता है। चाहे वह नया व्यापार शुरू करना हो, नया घर खरीदना हो या फिर विवाह का आयोजन करना हो, अक्षय तृतीया के दिन सभी मांगलिक कार्यों को सिद्ध माना जाता है। इस दिन को इतना शुभ माना जाता है कि इसे कोई विशेष मुहूर्त देखे बिना ही सर्वश्रेष्ठ समय समझा जाता है।

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन किए गए किसी भी मांगलिक कार्य से सम्पूर्ण पापों का नाश होता है और जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इसी कारण से अक्षय तृतीया के दिन विवाह जैसे बड़े मांगलिक कार्य के लिए किसी अलग से मुहूर्त की आवश्यकता नहीं पड़ती है और लोग बिना किसी हिचक के इस दिन शादी के बंधन में बंध सकते हैं।