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akshay tritia mahurat puja vidhi of vishnu ji 2023 astro arun pandit

अक्षय तृ‍तीया के शुभ मुहुर्त में भी नहीं हो सकती शादियाँ !!

अक्षय का अर्थ है जो अविनाशी हो, क्षय रहित हो, अनश्वर हो, अनंत हो, शाश्वत हो। 

अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जानते हैं। हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया दान-पुण्य कर्म का फल कभी नष्ट नहीं होता। अक्षय तृतीया के दिन विवाह करना, सोना खरीदना, माता लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।

अक्षय तृतीया के शुभ दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है। इस तिथि पर किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त देखने के आवश्यकता नहीं होती है। आपके सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं। साथ ही इस दिन शुरू किये गये कामों में सफलता मिलती है। कोई नया व्‍यापार शुरू करने के लिए यह बहुत शुभ दिन माना जाता है।

इस साल अक्षय तृतीया शनिवार, 22 अप्रैल मनाई जायेगी। 

अक्षय तृतीया 2023 तिथि
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि
तिथि आरंभ: 22 अप्रैल, शनिवार, प्रातः 07: 49 मिनट
तिथि समाप्त: 23 अप्रैल, रविवार, प्रातः 07: 47 मिनट

अक्षय तृतीया 2023 पूजा मुहूर्त
अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी-नारायण और कलश पूजन का समय
22 अप्रैल 2023
प्रातः 07:49 से दोपहर 12:20 मिनट तक पूजा की कुल अवधि: 04 घंटे 31 मिनट

तो अगर आप भी किसी मांगलिक कार्य के लिय शुभ मुहुर्त का इंतजार कर रहे हैं तो देर मत कीजिये। लेकिन हाँ इस अक्षय तृतिया की एक सबसे खास बात मैं आपको बता दें

इस साल अक्षय तृतीया में शादियाँ नहीं होगी!!

आपको लगेगा कि, अभी आपने कहा कि किसी भी शुभ काम के लिये अक्षय तृतीया का दिन बहुत शुभ होता है फिर शादियाँ क्‍यों नहीं हो सकती? तो हम आपको बता दें कि अक्षय तृतीया खासकर शादियों के लिये सबसे शुभ मुहुर्त माना जाता है, हर साल अक्षय तृतीया पर बड़ी संख्या में लोग विवाह करते हैं। लेकिन इस बार अक्षय तृतीय को शादी का मुहूर्त नहीं है।

वर्षों बाद ऐसा संयोग बना है कि 27 अप्रैल यानी अक्षय तृ‍तीया पर गुरु अस्त है। गुरु अस्त होने की वजह से विवाह करना शास्त्र सम्मत नहीं होता। इस कारण इस वर्ष अक्षय तृतीय को शादी का मुहूर्त नहीं है। 27 अप्रैल के बाद विवाह का शुभ मुहूर्त है।

हिन्‍दु धर्म में एक साल में कितने सारे मुख्‍य त्‍यौहार और तिथियाँ आती है तो अक्षय तृतिया के दिन काे ही क्‍यों सबसे शुभ मुहुर्त माना जाता है और क्‍यों इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिये मुहुर्त देखने की ज़रूरत नहीं होती है???

हिन्‍दु धर्म में एक साल में कितने सारे मुख्‍य त्‍यौहार और तिथियाँ आती है तो अक्षय तृतिया के दिन काे ही क्‍यों सबसे शुभ मुहुर्त माना जाता है और क्‍यों इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिये मुहुर्त देखने की ज़रूरत नहीं होती है???

  • महाभारत के अनुसार इसी दिन सूर्य देवता से युधिष्ठिर को अक्षय पात्र मिला था जिसमें अन्न कभी खत्म नहीं होता है।
  • वहीं परशुरामजी का जन्म भी इसी दिन हुआ था, वे चिरंजीवी हैं अर्थात उनकी आयु का क्षय नहीं होता है इसलिए इस दिन को अक्षय तृतीया के साथ-साथ चिरंजीवी तिथि भी कहते हैं।
  • इसी दिन से त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी, इसलिए भी इस दिन को अक्षय तृतीया कहते हैं।
  • धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही द्वापर युग का समापन हुआ था।
  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था।
  • इसी दिन रसोई एवं पाक (भोजन) की देवी माँ अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन माँ अन्नपूर्णा का भी पूजन किया जाता है और माँ से भंडारे भरपूर रखने का वरदान मांगा जाता है।
  • धार्मिक कथाओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सुदामा भगवान कृष्ण से मिलने पहुंचे थे।
  • अक्षय तृतीया के शुभ दिन वृंदावन के बांके बिहारी जी के मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं। साल में केवल एक बार इसी तिथि के दिन ही ऐसा होता है।
  • अक्षय तृतीया के दिन से ही वेद व्यास और भगवान गणेश ने महाभारत ग्रंथ लिखना शुरू किया था।

इस अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं 6 महायोग - आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, त्रिपुष्कर योग,रवि योग,सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग

  • आयुष्मान योग- 22 अप्रैल को सूर्योदय से लेकर सुबह 09 बजकर 26 मिनट तक आयुष्मान योग रहेगा।
  • सौभाग्य योग- इसके बाद 9 बजकर 25 मिनट से 23 अप्रैल से सुबह 8 बजकर 21 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा।
  • त्रिपुष्कर योग- 22 अप्रेल को सुबह 05 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक त्रिपुष्कर रहेगा।
  • रवि योग- वहीं, 22 अप्रेल को रात में 11 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 23 अप्रैल 05 बजकर 48 मिनट तक रवि योग रहेगा।
  • सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग- रात 11 बजकर 24 मिनट से 23 अप्रैल सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का निर्माण होगा।

अक्षय तृतीया पर क्यों खरीदते हैं सोने के आभूषण?

हर वर्ष अक्षय तृतीया के त्योहार के दिन सोने के आभूषण खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। मान्यता है इस दिन खरीदा गया सोना सुख,समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक होता है। ऐसा माना जाता है इस दिन खरीदा गया सोना या निवेश किया गया धन कभी भी खत्म नहीं होता। मान्यता है अक्षय तृतीया के दिन खरीदे गए सोने और निवेश का स्वयं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी रक्षा और उसमें वृद्धि करते हैं।

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का शुभ समय
22 अप्रैल 2023, शनिवार, प्रातः 07:49
23 अप्रैल 2023,रविवार, प्रातः 07:47

अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में सोना और चांदी खरीदने का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन सोना व चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 49 मिनट से शुरू होगा जो कि अगले दिन 23 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा। यानी पूरे दिन में कभी भी आप सोना आदि खरीद सकते हैं।

About The Author -

Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.

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