साफ़ सफाई (Cleaning): गणेश स्थापना के लिए सबसे पहले अपने घर का सफ़ाई धोबन, पोंछा, और सभी कमरों में साफ़ पानी से करें। गणेश की मूर्ति के लिए एक साफ़ और शुद्ध स्थान चुनें।
गणेश मूर्ति की स्थापना (Placing Ganesh Idol): अब गणेश मूर्ति को ध्यान से निकालें और उसे गणेश चौरस पर स्थापित करें। मूर्ति को आराधना के लिए जगह पर रखें, जिसमें वह पूज्य और दृढ़ रूप से स्थित हो सके।
पूजा स्थल की सजावट (Decorating the Pooja Area): गणेश स्थापना स्थल को सजाने के लिए वस्त्र, फूल, धूप, दिया, और अन्य पूजा सामग्री से सजाएं।
अच्छमनीय (Purification): पूजा की शुरुआत गणेश और पूजा सामग्री की शुद्धता से होती है। गणेश को गंगाजल और पानी से अच्छमन करें, फिर उसको सुखा लें।
गणेश पूजा की आरंभ (Starting the Puja): गणेश पूजा को आरंभ करने के लिए अच्छमनीय पूजन सामग्री का उपयोग करके गणेश मूर्ति की पूजा करें। इसमें गंगाजल, तुलसी, इलायची, सुगंध, दूर्वा, और फूल शामिल हो सकते हैं।
आरती (Aarti): गणेश की पूजा के बाद, आरती दिया और कपूर के साथ करें। आरती गाते समय, उच्चारण करते समय गणेश जी के सामने ही रहें।
प्रसाद (Prasada): गणेश को प्रसाद के रूप में फल और मिष्ठान्न (सुगंधित लड्डू आदि) दें। इसे गणेश को उपहार के रूप में अर्पित करें।
आरती किताब (Aarti Book): आरती की पाठ के लिए गणेश आरती की किताब का उपयोग करें और उसे ध्यान से पढ़ें।
धूप (Incense): धूप की राख को अपने घर की सुरक्षा और शुभता के लिए गणेश के पास फिरा दें।
आरती दिया (Camphor Aarti): गणेश की आरती के दौरान, कपूर के दिये को आरती दिया के सामने दीपित करें और गणेश जी की आरती करें।
मंत्र जाप (Mantra Chanting): गणेश मंत्रों को जाप करें, जैसे कि “ॐ गं गणपतये नमः” या अन्य गणेश मंत्र।
नैवेद्य (Offering Food): गणेश को फल और मिष्ठान्न के रूप में नैवेद्य के रूप में प्रसाद प्रदान करें।
आरती करना (Final Aarti): आरती के बाद, गणेश की मूर्ति के सामने ही आरती करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
गणेश स्थापना का विसर्जन (Immersion of Ganesh Idol): गणेश चतुर्थी उत्सव के बाद, गणेश मूर्ति का विसर्जन शास्त्रीय रूप से किया जाता है। आप उसे किसी निकट सरोवर या नदी में विसर्जित कर सकते हैं।
यहीं गणेश स्थापना की संपूर्ण विधि है। ध्यान दें कि यह विधि आपके स्थानीय परंपराओं और आदतों के अनुसार थोड़े बदल सकते हैं, लेकिन मूल रूप में यही विधि होती है। ध्यान से पूजा करें और गणेश चतुर्थी के इस अद्वितीय मौके का आनंद लें।