मेष लग्न वालों के लिए जुलाई से दिसंबर तक में गुरु का गोचर बहुत शुभ जाने वाला है विशेष कर अक्टूबर तक, इस समय आपके भाग्य की उन्नति होगी आपके करियर में प्रमोशन या नया नौकरी का अवसर आपको प्राप्त होगा, लेकिन आपको ध्यान रखना होगा की वक्री शनि के कारण आपको आलस से बचना होगा और जी तोड़ मेहनत भी करनी होगी। विशेष कर जुलाई से लेकर अक्टूबर तक का महीना विशेष शुभ जाने वाला है क्योंकि लग्नेश मंगल का प्रभाव लाभ भाव भाग्य भाव और दशम भाव पर रहने वाला है।
मंगल और केतु के कारण आपका आत्मविश्वास आपका दृढ़ इच्छा शक्ति और आपका हौसला आपको उन्नति के शिखर पर ले जाएगा।
जो लोग व्यापार के क्षेत्र में हैं उनको उधार देने से बचना चाहिए और अनावश्यक कर्ज खुद भी लेने से बचना चाहिए। अपने अधीनस्थ कर्मचारी और नौकरों पर बहुत भरोसा करने से बचिए।
जुलाई 2025 से दिसंबर 2025 तक मेष लग्न वालों के लिए आर्थिक रूप से थोड़ा सा सावधान रहने की जरूरत है। वक्री शनि के कारण अत्यधिक खर्च होना, अपना दिया हुआ उधार धन फंस जाना, व्यापार और व्यवसाय में आता हुआ ऑर्डर रुक जाने का योग है। अतः अनावश्यक कर्ज लेने से बचें और व्यापारी वर्ग के लोग उधार देने से पहले सावधानी रखें।
अगस्त में भागेश गुरु और सप्तमेश शुक्र का योग पराक्रम भाव में होगा जिसके कारण व्यापार व्यवसाय में आर्थिक उन्नति होगी और अक्टूबर में सूर्य बुध का योग कन्या राशि में रुका हुआ धन प्राप्ति का योग बनेगा और उपरी इनकम भी होने का योग बनेगा। कुल मिलाकर यह समय धन की प्राप्ति का योग बना रहेगा, व्यापार व्यवसाय के क्षेत्र में लेकिन अनावश्यक कर्ज देने और खर्चे से बचना होगा।
14 में से 18 अक्टूबर तक गुरु मिथुन राशि में मार्गी रहेगा और अगस्त में शुक्र का भी सहयोग मिलेगा, जिसके कारण भाई बंधुओ से मित्रों से प्रेम बढ़ेगा अच्छा साथ और सहयोग भी मिलेगा वैवाहिक जीवन पारिवारिक जीवन सुखी रहेगा। घर के सदस्यों के साथ या अपने मित्रों के साथ आपका कहीं दूर रमणीय स्थान पर यात्रा, पिकनिक और खरीददारी का संयोग बन सकता है।
18 अक्टूबर के बाद पूरा दिसंबर तक गुरु की बकरी स्थिति के कारण आपसी रिश्तों में मतभेद हो सकता है। अपने प्रिय जनों से कहीं दूर जाने का सहयोग भी बन सकता है।
वक्री शनि के कारण परिवार पर अत्यधिक खर्च भी होगा जिससे कुछ मानसिक तनाव भी मिल सकता है विशेष कर 18 अक्टूबर से दिसंबर तक।
जुलाई 2025 से लेकर दिसंबर 2025 तक में अगस्त का महीना प्रेम प्रसंग के लिए बहुत अच्छा जाने वाला है क्योंकि गुरु और शुक्र का संयोग बना रहेगा लेकिन उसके बाद शुक्र का केतु के साथ संयोग होना और पुनः अक्टूबर के महीने में शुक्र नीच का हो जाना प्रेम प्रसंग के लिए अप्रिय स्थिति को दर्शाता है, अर्थात प्रेम प्रसंग में रुकावट, रिश्तों का टूट जाना और भावनाओं को तकलीफ होने का संयोग बनता है।
जिनकी आयु शादी योग्य हो गई है और जो लोग विवाह का रिश्ता खोज रहे हैं, उनके लिए गुरु और राहु का संबंध सातवें घर से होना उत्तम विवाह संयुक्त स्थापित करेगा लेकिन द्वादश भाव में वक्री शनि की स्थिति के कारण रिश्ते की बात तय होते-होते रुक सकती है और 18 अक्टूबर के बाद वक्री गुरु का प्रभाव भी रिश्ता तय होने में समस्या कर सकता है। इसलिए अपनी तरफ से रिश्तों को काट छांट करने से और छोटी-छोटी बातों को लेकर रिश्ता तोड़ने से और मतभेद होने से बचें।
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जुलाई 2025 से दिसंबर 2025 तक मेष लग्न वालों के लिए शिक्षा का क्षेत्र बहुत उत्तम होने वाला है। भाग्य भाव पर गुरु की दृष्टि से शैक्षणिक डिग्री की प्राप्ति होना निश्चित होता है। गुरु, मंगल और केतु की शुभ स्थिति शैक्षणिक क्षेत्र,वकालत, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा रहने वाला है।
लेकिन जो लोग प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं उनके लिए वक्री शनि के कारण कुछ अवरोध और समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है विशेष कर 13 जुलाई से लेकर नवंबर तक क्योंकि शनि की छठे घर पर दृष्टि होने से लापरवाही और आलस्य के कारण आप प्रतियोगी परीक्षाओं में पीछे रह सकते हैं।
जुलाई 2025 से दिसंबर 2025 तक स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से मेष लग्न वालों को सावधान रहने की जरूरत है। विशेष कर उन लोगों को जिनका पहले से ही दांतों में समस्या, मुंह में कोई इंफेक्शन, आंखों की कोई समस्या, कमर में पीड़ा, पैर में पीड़ा बनी रहती है। क्योंकि वक्री शनि के कारण मेष लग्न वालों के लिए इस रोग की संभावना अधिक है और जिनको पहले से ही यह समस्याएं हैं,उनको तो विशेष सावधानी की जरूरत है क्योंकि दूसरे भाव पर और छठे भाव पर वक्री शनि की दृष्टि रोग को और रोग पर धन खर्च को बढ़ाने वाली है।
मेष लग्न वालों के परिवार में माता-पिता और घर के बड़े बुढो को पैरों की तकलीफ, स्वांस की समस्या, यूरिन, किडनी और शुगर डायबिटीज की समस्या बढ़ सकती है।
उपाय के तौर पर मेष लग्न वालों को शनि के लिए काला उड़द,कला तिल किसी गरीब, मजदूर,भिखारी को दान करना चाहिए,शनिवार के दिन सूर्यास्त होने के बाद। पीपल पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए,सूर्यास्त के बाद।
“ॐ शं शनैश्चराय नमः ” मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए शाम को,सूर्यास्त के बाद। 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ।