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“रंगों का पर्व होली”

होलिका दहन 2024 : हमारे सनातन हिंदू धर्म का यह एक बहुत ही सुंदर और महत्वपूर्ण त्योहार है। बसंत ऋतु के आने के बाद से ही लोग इसकी तैयारी में जुट जाते हैं। होली के पूर्व रात होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली यानि धुरेंडी मनाई जाती है। हिंदू धर्म में, होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। यह भारत का सांस्कृतिक, धार्मिक और परंपरागत त्योहार है, जिसे हर साल बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। होली भाईचारे, प्यार और सद्भावना का उत्सव है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंगों में रंगते हैं, घरों में गुजिया और पकवान बनाते हैं, एक-दूसरे के घर जाकर रंग-गुलाल लगाते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं। जिससे समाज में एकता, भाईचारा और खुशियों का माहौल बना रहता है।

होलिका दहन 2024 : तारीख व मुहूर्त-

होलिका दहन- 24 मार्च 2024
दहन मुहूर्त – रात 11:15 से 12:23 बजे तक
अवधि – 1 घंटे 7 मिनट
भद्रा पुँछा – शाम 06:49 से रात 08:09 बजे तक
भद्रा मुखा – रात 08:09 से रात 10:22 बजे तक

होलिका दहन 2024 के नियम-

होलिका दहन 2024 के नियमों का पालन करते समय, कुछ चीज़ों का ध्यान रखना आवश्यक है। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक होलाष्टक का महत्व होता है, जिसमें शुभ कार्यों से परहेज़ किया जाता है। पूर्णिमा के दिन होलिका-दहन किया जाता है, जिसके लिए दो मुख्य नियमों का पालन किया जाना चाहिए।

 

पहला नियम है कि उस दिन “भद्रा” नहीं होनी चाहिए। भद्रा को विष्टि करण भी कहा जाता है, जो एक करण है और तिथि के आधे भाग के बराबर होता है। दूसरा नियम है कि पूर्णिमा प्रदोषकाल-व्यापिनी होनी चाहिए, अर्थात् सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्तों में पूर्णिमा होनी चाहिए।

 

होलिका दहन के दूसरे दिन लोग रंगों की होली खेलते हैं और एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते हैं, जो पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

होलिका दहन 2024 की पौराणिक कथा-

होलिका दहन 2024- पुराणों के अनुसार, दानवराज हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद की अद्वितीय विष्णु भक्ति को देखकर उसकी हत्या के उद्देश्य से कई षड्यन्त्र किये और अंत में अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद की हत्या करने का आदेश दिया। होलिका, जिसे वरदान मिला था कि वह अग्नि में हमेशा अक्षत रहेगी, प्रह्लाद को गोद में बैठाकर अग्नि में प्रवेश किया। परन्तु परमात्मा की विशेष कृपा से होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गई, जबकि प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं हुआ। इसी ऐतिहासिक घटना के स्मरण में होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है, जो हमें बताता है कि भगवान हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

होलिका दहन 2024 का इतिहास-

होली पर्व का इतिहास बहुत पुराने समय का है। विजयनगर साम्राज्य की प्राचीन राजधानी हम्पी में 16वीं शताब्दी के चित्र में होली का उल्लेख मिलता है। रामगढ़ के निकट विंध्य पर्वतों में भी, ईसा से 300 वर्ष पूर्व के अभिलेखों में होली का जिक्र है। कुछ विद्वान मानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन राक्षसी पूतना का वध किया था जिसकी खुशी में गोपियों और ब्रजवासियों ने होली खेली थी।

होलिका दहन 2024 की संपूर्ण पूजा विधि-

  • होलिका दहन की पूजा करने के लिए पहले स्नान करें।
  • स्नान के बाद, होलिका की पूजा के स्थान पर उत्तर या पूर्व की दिशा में मुख करके बैठें।
  • पूजा के लिए होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं गाय के गोबर से बनाएं।
  • पूजा के लिए रोली, फूल, माला, कच्चा सूत, गुड़, हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, 5 से 7 तरह के अनाज और एक लोटे में पानी रखें।
  • सभी पूजन सामग्री के साथ पूरी विधि-विधान से पूजा करें। मिठाई और फल अर्पित करें।
  • होलिका की पूजा के साथ ही भगवान नरसिंह की भी पूजा करें और फिर होलिका के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें।

होलिका दहन 2024 से जुड़े विशेष उपाय-

  1. सुख-समृद्धि प्राप्ति का उपाय

ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, होलिका दहन के बाद उस राख को लेकर मुख्य द्वार और घर में चारों ओर छिड़कें। ऐसा करने से आपके घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और स्वतः ही सुख-समृद्धि बढ़ने लगेगी।

 

  1. जादू-टोने का प्रभाव समाप्त होगा

अगर आपको लगता है कि घर में किसी के ऊपर जादू-टोना किया गया है, तो होलिका दहन के दिन घर के सभी व्यक्ति सरसों के तेल व बेसन का मसाज करें, उससे निकलने वाले मेल को होलिका दहन की आग में जला दें। इस उपाय से आपका शरीर स्वस्थ हो जाएगा और जादू-टोने का प्रभाव भी समाप्त हो जाएगा।

 

  1. नजर दोष से मुक्ति प्राप्त होगी

कुश, जौ, अलसी और गाय का गोबर लेकर एक छोटा सा उपला तैयार करें और इसे घर के प्रमुख द्वार पर लटका दें। इस उपाय से आपका घर बुरी नजर, टोने-टोटके और सभी प्रकार की समस्याओं से सुरक्षित रहेगा।

 

  1. सभी रोगों से मुक्ति मिलेगी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलिका दहन के दिन होलिका अग्नि के साथ चारों दिशाओं में तीन परिक्रमा करें। इस तरीके से आपको सभी रोगों से राहत मिल सकती है।

 

  1. त्रिपुंड लगाएं

होलिका दहन के दिन होली की राख को लेकर माथे पर बाएं और दाएं तरफ से तीन रेखाओं से त्रिपुंड बनाएं। इस मान्यता के अनुसार, इसे लगाने से 27 कोटी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।

होलिका दहन 2024 के दिन जरूर करें ये ज्योतिषीय उपाय-

  • ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि होलिका दहन के दिन विवाह में हो रही देरी को दूर करने के लिए होलिका दहन के समय सुपारी, नारियल, काला तिल और उड़द लेकर लड़का या लड़की के सिर पर सात बार घुमाकर उसे आग में अर्पित कर देना चाहिए, ऐसा करने से वैवाहिक जीवन के लिए सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।

  • होलिका दहन के दिन अग्नि में उड़द दाल के पांच दाने डालने से कार्य क्षेत्र में आ रही समस्याएं दूर होती है और जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें भी जल्द ही सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को जूता या छाता दान जरूर करें। ऐसा करने से भी जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती है।

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में ग्रह दोष उत्पन्न है या वह जीवन में किसी विशेष ग्रह के कारण समस्याओं का सामना कर रहा है, उसे होलिका दहन की भस्म को भगवान शिव पर अर्पित करना चाहिए, इस उपाय का पालन करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और ग्रह दोष के कारण आ रही समस्याएं दूर होती है।

  • पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि के लिए होलिका दहन के दिन समस्त परिवार के सदस्यों के ललाट पर हल्दी का तिलक लगाएं और इसके बाद होलिका की सात बार परिक्रमा करें, ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती है।

  • व्यापार क्षेत्र में उन्नति के लिए होलिका दहन के दिन घर या कार्यस्थल के मुख्य द्वार पर लाल या गुलाबी रंग के गुलाल से रंगोली बनाएं और दो दीपक अवश्य जलाएं। ऐसा करने से व्यापारिक क्षेत्र मजबूत होना शुरू हो जाता है।