Libra Zodiac Sign Personality Traits
Welcome to the fascinating world of astrology, where the alignment of stars and planets shapes our personalities and influences every aspect of our lives. Among the twelve zodiac signs, each
भारतीय हिंदू धार्मिक परम्परा में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है, क्योंकि, धर्म ग्रंथों के मुताबिक, इस दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण में आते हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। पंचांग के मुताबिक, साल 2023 में मकर संक्रांति 15 जनवरी दिन रविवार को मनाई जाएगी।
Makar Sankranti has special significance in the Indian Hindu religious tradition, because, according to religious texts, on this day the Sun God leaves Sagittarius and enters Capricorn, and enters Uttarayan. It is considered a symbol of positive energy. According to the Panchang, in the year 2023, Makar Sankranti will be celebrated on Sunday, January 15.
भारतीय हिंदू धार्मिक परम्परा में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है, क्योंकि, धर्म ग्रंथों के मुताबिक, इस दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण में आते हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। पंचांग के मुताबिक, साल 2023 में मकर संक्रांति 15 जनवरी दिन रविवार को मनाई जाएगी।
Makar Sankranti has special significance in the Indian Hindu religious tradition, because, according to religious texts, on this day the Sun God leaves Sagittarius and enters Capricorn, and enters Uttarayan. It is considered a symbol of positive energy. According to the Panchang, in the year 2023, Makar Sankranti will be celebrated on Sunday, January 15.
पौराणिक कथा के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर फेंका था। लिहाजा भगवान की जीत को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाने लगा। मकर संक्रांति के दिन से ही ऋतु परिवर्तन होने लगता है। इस दिन से शरद ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है और बसंत का आगमन हो जाता है। इसके बाद दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं। पिता माना जाता है इससे पुत्र के बीच प्रेम बढ़ता है। ऐसे में भगवान सूर्य और शनि की अराधना शुभ फलदायी होती है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन इनमें से किसी एक मंत्र के जाप से भक्तों में तेज और ओज की वृद्धि होती है। उन पर भगवान सूर्य की कृपा होती है और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
According to the legend, on the day of Makar Sankranti, Lord Vishnu killed the demons on the earth and cut off their heads. was thrown on the mountain. Hence the victory of God was celebrated as Makar Sankranti. From the day of Makar Sankranti, the season changes. From this day the effect of autumn starts reducing and spring arrives. After this, the days start getting longer and the nights shorter. According to religious beliefs, on the day of Makar Sankranti, Suryadev goes to the house of his son Shanidev. It is believed that the love between them increases. In such a situation, worshiping Lord Surya and Shani is auspicious and fruitful. It is believed that by chanting one of these mantras on the day of Makar Sankranti, the devotees get increased energy and vigor. They are blessed by the Sun God and get the blessings of the Sun God.
मकर संक्रांति के दिन प्रातः काल शुभ मुहूर्त में स्नान आदि कर लें। यदि स्नान करने वाले पानी में काला तिल, थोड़ा सा गुड़ और गंगाजल मिला लें तो उत्तम होगा। स्नान के बाद साफ-सुथरा वस्त्र धारण कर तांबे के लोटे में जल लें। इसमें काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत् आदि मिला कर सूर्य को अर्पित करते हुए अर्घ्य दें और अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करें।
On the day of Makar Sankranti, take a bath, etc. at the auspicious time in the morning. It would be better if black sesame, a little jaggery, and Ganga water are mixed in the bathing water. After bathing, put on clean clothes and burn in a copper vessel. Mixing black sesame, jaggery, red sandalwood, red flower, Akshat, etc. in it, offer Arghya to the Sun and chant Surya Mantra while offering Arghya.
वैज्ञानिक आधार पर पहले सूर्य पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध पर सीधी किरणें डालता है। जिसके कारण उत्तरी गोलार्ध में रात्रि बड़ी और दिन छोटा होता है। इसके कारण सर्द का मौसम भी रहता है। सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ना शुरू होता है। जिसके कारण ऋतु भी परिवर्तित होता है और यह कृषकों की फसलों के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है।
भारतवर्ष में उपज का मौसम और मकर संक्रांति का पर्व बहुत उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। जैसा कि हम भली भाँति जानते हैं कि भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा किसानों का है। इसलिए, देश के अन्य हिस्सों संक्रांति अलग-अलग तरीके से मनाई जाती हैं-
Scientifically, first, the sun casts direct rays on the southern hemisphere of the earth. Because of this, the night is longer and the day is shorter in the northern hemisphere. Due to this, the winter season also lasts. The Sun begins to move towards the northern hemisphere of the Earth. Due to this the season also changes and it is very beneficial for the crops of the farmers.
In India, the harvest season and the festival of Makar Sankranti is celebrated with great gaiety and enthusiasm. As we are well aware that a major part of the Indian population consists of farmers. Therefore, Sankranti is celebrated differently in other parts of the country –
थाई पोंगल/पोंगल
तमिलनाडु में मनाया जाने वाला थाई पोंगल, भगवान इंद्र को श्रद्धांजलि देने के लिए चार दिनों के उत्सव के रुप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान इंद्र को भरपूर बारिश के लिए आभार मानने का एक माध्यम है। इसलिए उपजाऊ भूमि और अच्छी उपज की कामना स्वरुप यह मनाई जाती हैं।
थाई पोंगल के दूसरे दिन, ताजा पका हुआ चावल दूध में उबाला जाता है और इसे भगवान सूर्य को प्रसाद स्वरुप अर्पित किया जाता है। तीसरे दिन, मट्टू पोंगल ‘बसवा’- भगवान शिव के बैल को घंटियों, फूलों की माला, और पेंट के साथ सजाकर पूजन किया जाता है। पोंगल के चौथे दिन, कन्नुम पोंगल मनाया जाता है जिसमें घर की सभी महिलाएँ एक साथ विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान करती हैं।
Thai Pongal / Pongal
Thai Pongal, celebrated in Tamil Nadu, is a four-day festival to pay homage to Lord Indra. The day is a means of thanking Lord Indra for the bountiful rains. That’s why it is celebrated as a wish for fertile land and good yield.
वैशाखी
मकर संक्रांति को “बैसाखी” पर्व भी कहा जाता है, पंजाब में यह बहुत उल्लास के साथ मनाया जाने वाला एक फसल त्यौहार है। यह बसंत ऋतु के अनुरूप पंजाबी नववर्ष को भी चिह्नित करता है। इसी दिन, दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं।
Baisakhi
Makar Sankranti also called the “Baisakhi” festival is a harvest festival celebrated with great enthusiasm in Punjab. It also marks the Punjabi New Year corresponding to the spring season. On this day, the tenth Sikh Guru Gobind Singh founded the Khalsa Panth. Sikhs celebrate this festival as a collective birthday.
उत्तरायण
गुजरात राज्य में मकर संक्रांति को उत्तरायण नाम से जाना जाता हैं। इस दिन पतंग उड़ाने, गुड़ और मूंगफली की चिक्की का दावत के रूप में लुफ्त उठाया जाता है। विशेष मसालों के साथ भुनी हुई सब्जी उत्तरायण के अवसर का मुख्य व्यंजन है।
Uttarayan
Makar Sankranti is known as Uttarayan in the state of kite flying, jaggery, and peanut chikki are enjoyed as a feast on this day. Vegetables roasted with special spices are the main dish of the occasion of Uttarayan.
भोगली या माघ बिहू
भोगली या माघ बिहू असम का एक सप्ताह लंबा फसल त्यौहार है। यह पर्व माह के 29 वें दिन से शुरू होता है, जो 13 जनवरी को पड़ता है और लगभग एक सप्ताह तक चलता है। इस त्यौहार पर लोग हरे बांस और घास के साथ बनी विशेष संरचना “मेजी” (एक प्रकार की अलाव) का निर्माण करते हैं और जलाते हैं।
Bhogali or Magh Bihu
Bhogali or Magh Bihu is a week-long harvest festival of Assam. The festival begins on the 29th day of the month, which falls on January 13, and lasts for about a week. At this festival, people build and light a special structure called “meji” (a kind of bonfire) made of green bamboo and grass.
मकर संक्रांति के दिन तिल दान की परंपरा है और लोग तिल से बने खाद्य पदार्थ का भी सेवन करते हैं। इसके धार्मिक के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी हैं।
There is a tradition of donating sesame seeds on the day of Makar Sankranti and people also eat food made from sesame seeds. There are religious as well as scientific reasons for this.
तिल दान का धार्मिक महत्व-
The religious importance of sesame donation –
मकर संक्रांति के दिन तिल दान की परंपरा है और लोग तिल से बने खाद्य पदार्थ का भी सेवन करते हैं। इसके धार्मिक के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी हैं।
There is a tradition of donating sesame seeds on the day of Makar Sankranti and people also eat food made from sesame seeds. There are religious as well as scientific reasons for this.
जानिए तिल में क्या है गुण
Know what are the qualities of sesame
मकर संक्रांति का दिन सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन दान पुण्य करने का विशेष महत्व होता है, आइए जानते हैं इस विशेष दिन पर क्या दान करना चाहिए-
The day of Makar Sankranti is celebrated on the occasion of the Sun entering Capricorn from Sagittarius. There is special importance in doing charity on this day, let us know what should be donated on this special day – On the
Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.
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