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मेष राशि

ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत 12 अलग-अलग राशियों का नाम हम सभी ने सुना है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि यह 12 राशियाँ होती क्या हैं और इनका निर्धारण आखिर होता कैसे है! आपकी जन्मकुंडली के निर्माण और सम्पूर्ण जीवन के आँकलन के लिए 12 राशियों बहुत महत्व रखती है। इनका ग्रहों और नक्षत्रों के साथ बनने वाले अलग-अलग योगों के आधार पर आपके स्वभाव, व्यवहार, पसंद-नापसंद, करियर, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति, रिश्ते-नातों सहित जीवन के सभी आवश्यक पहलुओं का आँकलन किया जाता है। जानिए क्या है राशियाँ और कैसे होते हैं इन राशियों में जन्म लेने वाले लोग।

क्या होती है राशियाँ-

राशि का अर्थ वास्तव में आसमान में मौजूद ग्रह और उनकी नक्षत्र शृंखला की एक विशेष आकृति और स्थिति का नाम है। ब्रह्मांड में मौजूद ग्रह, नक्षत्र और ताराबलों का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है इसे आसानी से समझने के लिए ज्योतिष शास्त्र में आकाश मण्डल यानि सौरमंडल को 360 अंशों में विभाजित किया जाता है। और इन्हें आसानी से पहचानने की सुविधा के लिए तारा समूहों की आकृति की समानता को ध्यान में रखकर सदियों पहले ज्योतिष के अनुभवी महर्षियों ने परिचित वस्तुओं के आधार पर 12 भागों में बांटकर राशियों का नाम रखा। 12 राशियों के समूह को राशि चक्र कहा जाता है।

 

राशियों को ठीक तरीके से पहचानने के लिए विद्वानों ने आकाश-मण्डल की दूरी को 27 भागों में बाँट कर प्रत्येक भाग का नाम एक-एक नक्षत्र रखा। इस तरह से 27 नक्षत्रों का निर्माण हुआ। इसे और बारीकी से समझने के लिए हर नक्षत्र के चार भाग किए गए, जिन्हें चरण कहते हैं। चन्द्रमा प्रत्येक राशि में दो दिन चलता है। उसके बाद वह अलग राशि में पहुँच जाता है।

चंद्र राशि-

चंद्रमा की चाल के अनुसार निर्धारित होने वाली राशि चंद्र राशि कहलाती है। यानी व्यक्ति के जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में होता है, वही उसकी राशि मानी जाती है। भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इसी राशि को प्रधानता दी जाती है। इसलिए राशियों का विस्तार हम चंद्र राशि के अनुसार ही समझेंगे।

सूर्य राशि-

सूर्य की चाल के अनुसार निर्धारित की जाने वाली राशि सूर्य राशि कहलाती है। जिस प्रकार भारतीय ज्योतिषी चन्द्र राशि को ही व्यक्ति की जन्म राशि मानते हैं और उसी प्रकार विदेशी ज्योतिषी व्यक्ति की सूर्यराशि को अधिक महत्व देते हैं। पुराने समय में ज्योतिषी सूर्य को आधार मानकर व्यक्ति की राशि निकालते थे।

राशिचक्र-

राशि चक्र तारामंडलों का चक्र है जो क्रांतिवृत्त (ऍक्लिप्टिक) में आते हैं, यानि उस मार्ग पर आते हैं जो सूर्य एक वर्ष में खगोलीय गोले में लेता है। ज्योतिष] में इस मार्ग को बारह बराबर के हिस्सों में बाँट दिया जाता है जिन्हें राशियाँ कहा जाता है। हर राशि का नाम उस तारामंडल पर डाला जाता है जिसमें सूर्य उस माह में (रोज़ दोपहर के बारह बजे) मौजूद होता है। हर वर्ष में सूर्य इन बारहों राशियों का दौरा पूरा करके फिर शुरू से आरम्भ करता है। इन बारह राशियों के नाम- मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ, मीन हैं।

राशिचक्र की पहली राशि- ‘मेष’

राशि चक्र की पहली राशि को मेष राशि कहते हैं, इस राशि का चिन्ह भेड़ है, इस राशि का विस्तार चक्र राशि चक्र के प्रथम 30 अंश तक है। यह अग्नि तत्व की राशि है। अग्नि त्रिकोण (मेष, सिंह, धनु) की यह पहली राशि है, इसका स्वामी मंगल ग्रह है, राशि और स्वामी का यह संयोग इसकी अग्नि या ऊर्जा को कई गुना बढा देती है, यही कारण है कि मेष राशि के जातक ओजस्वी, दबंग, साहसी, और दॄढ इच्छाशक्ति वाले होते हैं। मेष राशि वाले व्यक्ति बाधाओं को चीरते हुए अपना मार्ग बनाने की कोशिश करते हैं। ये आर्थिक रूप से जीवन भर सफल रहते हैं।



  • Date के अनुसार मेष राशि- 21 मार्च से 19 अप्रैल
  • नाम अक्षर- चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ
  • भाग्यशाली रत्न-  हीरा, पुखराज, बैरुज, ब्लडस्टोन, नीलम और सूर्यकांत मणि रत्न 
  • रुद्राक्ष-  दस मुखी और सात मुखी

 

मेष राशि के जातकों की मुख्य विशेषताएं-

विशेषताएं- मेष राशि के जातकों की मुख्य विशेषताएं-
  1. मेष राशि के पुरुषों में बहुत ऊर्जा और उत्साह होता है, इसलिए वे हमेशा नए विचारों और ऊर्जा से भरे रहते हैं।

  1. मेष राशि के लोग स्वतंत्र विचारधारा वाले होते हैं और हमेशा अपनी शर्तों पर जीवन जीना चाहते हैं। 

  1. ऐसे लोग स्वभाव तेज-तर्रार और आशावादी भी होते हैं, और अक्सर बहुत आत्म-केंद्रित होते हैं। इन्हें सबसे प्यारा स्वयं का स्वाभिमान होता है।

  1. मेष राशि के लोग हमेशा अपनी मान्यताओं से समझौता किए बिना, अपने तरीके से काम करना पसंद करते हैं। ये सोचते कम कर्म ज्यादा करते हैं।

  1. मेष राशि के जातक चैलेंज लेना बहुत पसंद करते हैं साथ ही लक्ष्य निर्धारित करने और उसके पीछे जाने को लेकर बहुत उत्साहित होते हैं।

  1. मेष राशि के लोगों का एक मजबूत सकारात्मक पक्ष होता है- वे अपने गुस्से और हताशा को जल्दी भूल जाते हैं।

  1. यदि मेष राशि के जातक अधिक धैर्यवान और कूटनीतिक होना सीखते है, तो वह एक बेहतरीन लीडर बन सकते है।


  1. ये अपने स्वरूप और व्यवहार के चलते समाज में अपना आकर्षक व्यक्तित्व बनाते हैं। हालांकि इन्हें दुनिया और समाज से ज्यादा फ़र्क नहीं पड़ता।

  1. ये कला से जुड़े क्षेत्रों में बहुत नाम कमाने वाले व्यक्ति माने जाते हैं। ये हर एक क्षेत्र में एक बहुत अच्छे लीडर साबित होते हैं।

  2. ये ईमानदार और सहयोगी प्रवृत्ति के होते हैं और अपने परिवार के लिए बहुत समर्पित होते हैं।
 मेष राशि की कमज़ोरियाँ-
  1. ये हमेशा उचित गाइडेंस की तलाश में रहते हैं जो कई बार इनकी कमजोरी का बनती है। भ्रम की स्थिति भी अक्सर इनकी परेशानी का प्रमुख कारण होती है।
  2. दूसरों के कहे अनुसार हर बात मान लेना इनकी बड़ी कमजोरी है, इस वजह से ये दूसरों द्वारा शोषित होने लगते है और इन्हें पता भी नहीं चलता।
 
  1. ये रिश्ते नातों को लेकर बहुत ज़्यादा अभिव्यक्ति नहीं कर पाते जिस वजह से इन्हें लव रिलेशन में बोरिंग माना जाता है।
 
  1. मेष राशि के लोग क्रोध और आक्रामकता की वजह से अपना धैर्य खो बैठते हैं. इन लोगों की सोच में अनिश्चितता का भाव रहता है जो कभी-कभी दूसरों के लिए मुसीबत खड़ी कर देता है।
 
  1. इस राशि के लोग किसी को भी अपना मान लेते हैं तो उस पर पूरा अधिकार जताते हैं, अगर कभी इन्हें कोई चोट पहुंचाता है तो ये दुखी हो जाते हैं लेकिन बातों को भूलकर दोबारा उन्हीं पर विश्वास कर लेते हैं।
 
  1. मेष राशि की महिलाएं रिश्तों में हमेशा दूसरों पर हावी रहती हैं लेकिन इस राशि के पुरुष या तो स्पष्टभाषी नहीं होते या अति स्पष्टवादी होते है। जिस वजह से इनके रिश्तों में दिक्कतें आती है।
 
  1. स्वास्थ्य को लेकर ये बहुत लापरवाह माने जाते है जिस वजह से इस लग्न के लोगों को अपच, सिरदर्द, लू लगना, नसों का दर्द और अवसाद जैसे रोगों की शिकायत रहती है, इन पर किसी दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
 
  1. इनका गुस्सैल और जिद्दी स्वभाव जैसे- मूड स्विंग होना, एकदम से हाइपर हो जाना इनके लिए बहुत नुकसान देह साबित हो जाता है। हालांकि ये अपनी कमी फेस करने में आगे रहते हैं। 
 
  1. ये लोग अपने मन की बातों को सही लोगों से न कहकर गलत लोगों को कह देते हैं जो इनके साथ-साथ इनके अपनों लिए भी अक्सर नुकसान देह साबित हो जाता है।

  2. सही परामर्श मिलने के बाद भी ये अक्सर गलत व्यक्ति, संगत या गलत कार्य पर अपना समय बर्बाद कर देते हैं, और काफी नुकसान होने के बाद ही इन्हें सच का अहसास होता है।

About The Author -

Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.

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