

सूर्य ग्रहण 29 मार्च: राशियों के लिए वरदान या चेतावनी
सूर्य ग्रहण एक एस्ट्रोनॉमिकल घटना है जिसमे चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाती है जिससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती। इसी को सूर्य ग्रहण कहते
पूर्णिमा की तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा की जाती है, साथ ही इस दिन उमा-महेश्वर व्रत भी रखा जाता है। यह पूर्णिमा इसलिए भी महत्व रखती है क्योंकि इसी दिन से पितृ पक्ष यानि श्राद्ध प्रारंभ होते हैं, जो आश्विन अमावस्या पर समाप्त होते हैं।
भाद्रपद पूर्णिमा व्रत मुहूर्त
सितंबर 28, 2023 को 18:51:36 से पूर्णिमा आरम्भ
सितंबर 29, 2023 को 15:29:27 पर पूर्णिमा समाप्त
भविष्यपुराण के अनुसार उमा महेश्वर व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है लेकिन नारदपुराण के अनुसार यह व्रत भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसकी पूजा विधि इस प्रकार है-
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सूर्य ग्रहण एक एस्ट्रोनॉमिकल घटना है जिसमे चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाती है जिससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती। इसी को सूर्य ग्रहण कहते
सूर्य का मीन राशि में प्रवेश और इसका ज्योतिषीय महत्व ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। यह आत्मा, पिता, सरकारी नौकरी, प्रशासनिक पदों और नेतृत्व क्षमता
जब भी हम सोलर सिस्टम के सबसे शक्तिशाली और रहस्यमयी ग्रह की बात करते हैं, तो शनि (Saturn) का नाम सबसे पहले आता है। यह सोलर सिस्टम का छठा ग्रह
बुध ग्रह का महत्व और इसका प्रभाव बुध ग्रह को वैदिक ज्योतिष में बुद्धि, तर्क शक्ति, संचार, व्यापार, शिक्षा और वाणी का कारक माना जाता है। यह ग्रह व्यक्ति के
होली रंगो का फेस्टिवल है जिसे हिंदी महीने के अनुसार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार की होली 14 मार्च को मनाई जाएगी लेकिन इस
शुक्र ग्रह का महत्व और वक्री होने का असर शुक्र सोलर सिस्टम का सबसे सुन्दर और चमकीला ग्रह है। इसे बिना दूरबीन के भी आसमान में साफ देखा जा सकता