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जन्म तिथि से जानिए अपने इष्ट देव | Know Your Ishta Dev As per Birth Date

इष्ट देव अर्थात अपने अराध्य को याद करने से ही हमारे कई बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं। दोस्तों, ईश्वर की कृपा मनुष्य जीवन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हीं की कृपा से हमें जीवन में सुख-शांति मिलती है। उनका आशीर्वाद ही हमें जीवन में समृद्धिवान बनाता है और हमें अपने तमाम दुखों का सामना करने की शक्ति देता है। 

ऐसे में अक्सर लोग ये प्रश्न लेकर आते हैं, ये सवाल करते हैं कि हमारे इष्ट देवी या देवता कौन हैं और हमें आखिर किन भगवान की पूजा करनी चाहिए?

इसलिए आज हम बात करेंगे कि आखिर आपकी जन्म तारीख से आप कैसे आसानी से जान सकते हैं कि आपके इष्ट देवी-देवता कौन है। 

मूलांक 1 

इष्ट देव मूलांक 1 के लिए : अगर आप का मुख्य अंक 1 है यानी आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 य 28 तारीख को हुआ हैं तो, आपको ये मान लेना चाहिए कि आपके ईष्ट देवता राम जी हैं। अगर आप किसी दूसरे धर्म से हैं या किसी भी कारण से राम जी की पूजा नहीं कर सकते तो, आपके लिए दूसरा विकल्प है सूर्य देव। सूर्य देव का प्रकाश किसी से नहीं अछूता है। इसलिए आप सूर्य देव को भी अपने ईष्ट देव के रूप में चुन सकते हैं। ये देखा गया है कि नंबर 1 वाले लोगों को गुस्सा एक दम आता हैं और उस समय में ये क्या कर जाए या क्या कह जाए इन्हें भी पता नहीं चलता हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि 1 अंक के जातक हैं तो आपको सूर्य नारायण की पूजा आराधना करनी चाहिए , इससे  जीवन में बहुत से कार्य सिद्ध होने लगेंगे। 

उपाय:

  • सुबह सबसे पहले सूर्योदय से लगभग 1 घंटे की समयावधि के अंदर सूर्य देव को जल दे और उन्हें अपने ईष्ट देवता के रूप में मानते हुए उन्हें प्रणाम करें।
  • रोज़ घर से निकलते समय या ज़रूरी काम पर जाते समय अपने पिता और पिता तुल्य किसी व्यक्ति के चरण स्पर्श करें।   
  • रविवार का दिन सूर्य देव का दिन बोला गया है, ऐसे में हर रविवार एक छोटा टुकड़ा गुड़ का ज़रूर खाएं।

मूलांक 2 

इष्ट देव मूलांक 2 के लिए : अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या 29 तारीख को हुआ है तो, अंक ज्योतिष के हिसाब से आपका मूलांक हुआ 2. अंक ज्योतिष में मूलांक 2 के स्वामी है, चंद्रमा। ऐसे में जैसे-जैसे अमावस्या से पूर्णिमा तक चंद्रमा की अवस्थाएं बदलती हैं, उसी तरह से ही नंबर 2 वाले लोगों की मन की अवस्थाएं भी बदलती रहती हैं। जैसे चंद्रमा सूर्य से रोशनी लेता हैं वैसे ही यह लोग भी दूसरों की सहायता के साथ ही काम करते दिखाई देते हैं। ज्योतिष की मानें तो, अंक 2 के लोगों को भगवान शिव या मां गौरी को अपना ईष्ट देव मानना चाहिए। या फिर आप इनके अलावा चन्द्रमा को भी अपने ईष्ट देव के रूप में पूजते हुए उनकी उपासना कर सकते हैं।  

उपाय: 

  • पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को जल चढ़ाना चाहिए और शिव जी से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
  • आपको अपनी मां या मां सम्मान महिलाओं का कभी भी अनादर नहीं करना चाहिए। हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए।
  • पानी बर्बाद करने से बचे और दूध बर्बाद करने से आपको खासतौर से बचना चाहिए।

मूलांक 3

इष्ट देव मूलांक 3 के लिए : अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ हैं तो आपका मूलांक हुआ 3, जिनके स्वामी गुरु बृहस्पति माने गए हैं। जिस प्रकार एक गुरु का वास्तविक कार्य, दूसरों को सही मार्ग दर्शन देना होता है, ठीक उसी प्रकार अंक 3 वाले लोग भी दूसरों का भला करने के लिए तत्पर रहते हैं और उनको सही रास्ता दिखाते हैं। नंबर 3 वाले जातकों को भगवान विष्णु को अपना ईष्ट मानते हुए उनकी आराधना करनी चाहिए। अगर आप किसी कारणवश उनकी पूजा-अर्चना नहीं कर सकते तो, आप जिन्हें भी अपना गुरु मानते हो चाहे फिर वो भगवान शिव हो या श्री राम या श्री कृष्ण। आपको उन्हें अपना ईष्ट देव मानते हुए उनका पूजन करना चाहिए। 

उपाय:

  • अपने गुरुओं और बड़े भाई का हमेशा सम्मान करें, कभी भी उनका अनादर नहीं करें।
  • जब भी किसी अच्छे या महत्वपूर्ण कार्य पर जाएं अपने माथे पर हल्दी का तिलक ज़रूर लगाएं।
  • संभव हो तो रोज़ाना, नहीं तो गुरूवार-गुरूवार नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर फिर उस पानी से ही नहाएं।

मूलांक 4

इष्ट देव मूलांक 4 के लिए : अब बात करते हैं अंक 4 वाले जातकों की। तो जिन भी लोगों का जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31  तारीख को हुआ हैं, तो अंक ज्योतिष के अनुसार उनका मूलांक 4 होता है, जिनके स्वामी छायाग्रह राहु को माना गया है। ऐसे में जिस भी जातक का अंक 4 है,  इनके ईष्ट देव मां दुर्गा या मां सरस्वती को माना गया है। जिस प्रकार शास्त्रों में राहु को स्वरभानु नाम के दानव का केवल सिर माना गया है और इसी की तरह ही नंबर 4 वाले लोगों के दिमाग में भी हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है। इनके दिमाग में आने वाले अलग-अलग प्रकार के विचार कभी नहीं रुकते उनका आदान-प्रदान हमेशा चलता रहता है। 

उपाय: 

  • मूलांक 4 वाले लोगों को मां दुर्गा या मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिए।
  • ऐसे लोगों को किसी भी काम को पूरा करने के लिए, शुरुआत से ही एक नहीं बल्कि 2 प्लान लेकर चलना चाहिए।
  • आपको शारीरिक कर्म से अधिक मानसिक कर्म की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए।
  • ज़रूरी या महत्वपूर्ण कार्य पर जाते समय चंदन का तिलक ज़रूर करें।

मूलांक 5

इष्ट देव मूलांक 5 के लिए : अंक ज्योतिष के हिसाब से जिन भी लोगों का जन्म महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ हैं, उनका मूलांक 5 बनता है। 5 अंक के स्वामी बुध ग्रह होते हैं, जो बुद्धि के कारक ग्रह हैं। ऐसे में नंबर 5 वाले लोग किसी भी बात को बहुत बारीकी से देखते-समझते हैं। माना गया है कि अगर ये लोग अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल करें तो ये एक बड़े व्यापारी भी बन सकते हैं, जबकि अगर ये अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं तो ये आसानी से भटक भी जाते हैं।अंक ज्योतिष में अंक 5 वाले लोगों के लिए भगवान श्री कृष्ण या बुध देव उनके ईष्ट देवता बताए गए हैं। ऐसे में इन लोगों को श्री कृष्ण या फिर बुध देव को ही अपने ईष्ट देव के रूप में मानते हुए उनकी आराधना करनी चाहिए। 

उपाय:

  • अपनी बहन, बुआ और बेटी के साथ हमेशा अपने संबंध मधुर रखें।
  • घर पर मोर पंख रखें।
  • संभव हो तो ज़रूरतमंदों व गरीबों में शिक्षा की सामग्री दान करें।

मूलांक 6

इष्ट देव मूलांक 6 के लिए : जिन व्यक्तिओं का जन्म किसी भी माह की 6, 15 या 24 तारीख को हुआ है, तो उनका मूलांक 6 होगा। जिनके स्वामी शुक्र ग्रह माने गए हैं। ये देखा गया है कि जिन भी लोगों का अंक 6 होता है, वे लोग बहुत संवेदनशील स्वभाव वाले होते हैं, इसके पीछे का कारण ये भी है कि ज्योतिष में शुक्र ग्रह को स्त्री ऊर्जा का ग्रह माना हैं। इसलिए इन लोगों के इंट्यूशन कमाल के होते हैं। किसी भी चीज़ को लेकर इनका चुनाव सबसे बेहतरीन चीजों की ओर रहता हैं। इसलिए अंक ज्योतिष के हिसाब से यदि आपका या आपके किसी जानने वाले का जन्म किसी भी माह की 6, 15 या 24 तारीख को हुआ है तो इनके भी ईष्ट देव श्री कृष्ण को माना गया है। साथ ही भगवान श्री विष्णु और वामन देव को भी ये लोग अपना इष्ट देव मान सकते हैं। 

उपाय:

  • आपको शुक्रवार के दिन सफ़ेद मिठाई बाटें।
  • छोटी कन्याओं की किसी न किसी रुप में सेवा करनी चाहिए। संभव हो तो हर शुक्रवार, नहीं तो कम से कम महीने में एक बार 12 वर्ष से छोटी आयु की कन्याओं को भरपेट भोजन कराएं।

मूलांक 7

इष्ट देव मूलांक 7 के लिए : अब बारी आई है 7 नंबर की। ऐसे में जिन भी लोगों का जन्म किसी भी माह की 7, 16 या 25 तारीख को हुआ है तो उनका मूलांक 7 होगा। जिनके स्वामी ग्रह केतु होते हैं। जिस प्रकार राहु को असुर का सिर बोला गया, ठीक उसी प्रकार केतु को बिना सिर के शरीर का निचला भाग यानी ‘धड़” बताया गया है। ये देखा गया है कि नंबर 7 वाले लोग अक्सर भ्रम की स्थिति में ही रहते हैं और अपने लक्ष्य से भ्रमित होते हुए अपनी दिशा भूल सकते हैं।हालांकि ये लोग बहुत अच्छे मित्र होते हैं, क्योंकि ये मित्रता बिना किसी स्वार्थ के निभाते हैं। या जिस भी कार्य को एक बार करने की ठान लेते हैं तो उसे फिर ज्यादा दिमाग न लगाते हुए बिना सोचे-समझे दिन रात एक कर देते हैं।अंक ज्योतिष के अनुसार अंक 7 वाले जातकों के लिए उनके ईष्ट देव गणेश जी या नर सिंह देव होते हैं। 

उपाय:

  • नंबर 7 वाले जातकों को साधु-संतो की सेवा करनी चाहिए।
  • पक्षियों के लिए 7 अलग-अलग प्रकार के अन्न का दाना रखें।
  •  संभव हो तो घर पर पालतू कुत्ता रखें या अगर ये मुमकिन नहीं हैं तो आप गली के कुत्ते को खाना भी खिला सकते हैं।

मूलांक 8

इष्ट देव मूलांक 8 के लिए: जिन लोगों का जन्म किसी भी माह की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है तो, उनका मूलांक 8 होगा। जिनके स्वामी ग्रह कर्मफल दाता शनि होते हैं। माना गया है कि ये लोग यूँ तो बहुत मेहनती होते हैं, लेकिन इन्हें अपनी मेहनत का सही फल नहीं मिल पाता हैं, जिससे अकसर इन्हे अपनी मेहनत का फल कुछ देरी से ही मिलता है। इनके इष्ट देवता होते हैं शनि देव, या फिर आप ब्रह्मा जी को भी अपना इष्ट  देव मान सकते हैं। 

उपाय:

  • नंबर 8 वाले लोगों को अपने आसपास जितने भी कर्मचारी हो, जैसे आपके घर काम करने वाले नौकर या कार्यक्षेत्र पर आपकी सेवा में काम आने वाले लोग, उनको आपको कभी भी निराश नहीं करना चाहिए।
  • छाया दान करें। इसके लिए एक पात्र में थोड़ा सा सरसों का तेल डालें और उसमे अपनी प्रतिमा देखें और फिर उस तेल को किसी ज़रूरतमंद को या गरीब को दान कर दें।
  • अपने नौकरों या मजदूर वर्ग में गर्म कपड़े दान करें।

मूलांक 9

इष्ट देव मूलांक 9 के लिए : अब बात करते हैं अंक ज्योतिष के अंतिम अंक की यानी नंबर 9 की। अगर आपका जन्म महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ हैं तो, आपका मूलांक हुआ 9, जिनके स्वामी शक्ति यानी ऊर्जा के कारक ग्रह मंगल होते हैं। नंबर 9 वाले लोग बहुत ऊर्जावान होते हैं और हमेशा सक्रिय भूमिका में रहते हैं। इन्हें हमेशा कुछ न कुछ कार्य करते रहना चाहिए, नहीं तो इनकी ऊर्जा ठीक से उपयोग में नहीं आ पाती। अंक 9 वाले लोगों के लिए उनके इष्ट देव भगवान हनुमान जी या कार्तिकेय हो जाएंगे। कार्तिकेय को दक्षिण में मुरुगन भी कहते हैं । 

उपाय:

  • आपको अपने छोटे भाई-बहनों  का सम्मान करना चाहिए, उनसे गलत भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • ऊर्जा को सही दिशा मिले, इसके लिए हर मंगलवार बजरंग बाण का पाठ करें।
  • महीने में एक बार रक्त दान ज़रूर करें। 

 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा।  अपने इष्ट देव के बारे में और अधिक जानकारी के लिए हमारे चैनल Astro Arun Pandit पर विजिट कर सकते हैं। इस वीडियो का लिंक ऊपर दिया गया है-