अर्द्ध-वार्षिक राशिफल (जुलाई से दिसंबर 2024)

July 18, 2024

अर्द्ध वार्षिक राशिफल की  बात करें तो जैसा की आपको पता ही है कि हम 2024 के दूसरे हिस्से यानी उत्तरार्द्ध में प्रवेश कर रहे हैं। इस समय में सौर मंडल में ऐसी कई परिघटनाएं होने वाली हैं, जिनका सभी राशियों के जातकों पर अलग-अलग असर होगा और यह घटनाएं सभी के लिए अवसरों के दरवाजे खोलेंगी। जुलाई से लेकर दिसंबर तक ब्रह्मांड में होने वाले परिवर्तन, मनुष्यों के विकास, बदलाव और आत्मावलोकन की ओर इशारा कर रहे हैं। 

इस अवधि में कुंभ राशि में कर्मफल दाता शनिदेव विराजमान रहेंगे। ऐसे में करियर के क्षेत्र में इनोवेटिव और अपडेटेड रहना समय की मांग होगी। यह समय करियर में नई जिम्मेदारियां उठाने और अपनी कल्पनाओं को उड़ान देने के लिए सही रहेगा। इस बीच वृषभ राशि से देवगुरु बृहस्पति महाराज का गोचर करियर में उन्नति व विकास के रास्ते खोलने वाला साबित होगा। इस समय आत्मविश्वास और जोश के साथ काम करना और भी ज्यादा फायदेमंद रहने वाला है।

आर्थिक नजरिए से देखें तो कुंभ राशि में शनिदेव की मौजूदगी बता रही है कि भविष्य की स्थिरता के लिए इस समय वित्तीय अनुशासन अपनाना होगा। यानी कमाई, खर्च, बचत और निवेश के बारे में सोच-समझकर फैसले लेने होंगे। आर्थिक लिहाज से रणनीतिक फैसले लेना भी इस समय की मांग है। वहीं, इस समय मीन राशि में राहु ग्रह की उपस्थिति अप्रत्याशित रूप से वित्तीय अवसर और बदलावों को लेकर आएगी लेकिन इस मौके का फायदा उठाने के लिए बुद्धि व विवेक का इस्तेमाल करने की जरूरत होगी। वहीं, गुरु महाराज के वृषभ राशि में विराजमान रहने से आर्थिक दृष्टि से यह समय समृद्धि लाने वाला होगा। इस समय में विवेक के आधार पर किए गए निवेश विशेष रूप से लाभदायी रहेंगे।

एजुकेशन के लिहाज से देखें तो कुंभ राशि में अनुशासन प्रिय शनि महाराज के विराजमान रहने से लोगों को इस समय अनुशासित रहने की जरूरत होगी। इस समय लोगों को भविष्य के लक्ष्य तय करने और स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता देनी चाहिए। वहीं, वृषभ राशि में देवगुरु बृहस्पति की उपस्थिति के फलस्वरूप यह समय लोगों के लिए उच्च शिक्षा और अकैडमिक सफलता के मौके लेकर आ रहा है। 

स्वास्थ्य के नजरिए से बात करें तो इस दौरान कुंभ राशि में शनिदेव के विराजमान रहने से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। इस समय में लोग अपने मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य का खुद ही ख्याल रखते नजर आएंगे। इस समय राहु ग्रह के मीन राशि में उपस्थित होने से लोगों को अपने स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव महसूस होंगे और उन्हें इस समय अचानक से स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। 

ऐसे में लोगों को सतर्क रहना होगा कर एहतियात बरतने होंगे। हालांकि, इस समय वृषभ राशि में बृहस्पति महाराज की उपस्थिति से लोग सकारात्मक जीवनशैली अपनाएंगे और एहतियात बरतते हुए अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरुरी रास्ते को चुनेंगे। 

कुंभ राशि में शनिदेव के विराजमान रहने से लोगों के पारिवारिक जीवन में स्थिरता आएगी। इस समय लोगों को पारिवारिक जीवन में जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। वहीं, मीन राशि में राहु ग्रह की मौजूदगी परिवार में विवाद की स्थिति पैदा कर सकती है जिससे परिवार बिखरने की कगार पर भी पहुंच सकते हैं। इस स्थिति में लोगों का धैर्य और सूझ-बूझ बहुत काम आएंगे। हालांकि, देवगुरु बृहस्पति महाराज का वृषभ राशि में होना परिवार में सद्भाव लाने का काम करेगा और संबधों को  सुधारने में मददगार साबित होगा। 

अनंत संभावनाओं के साथ आ रहे इस समय को लेकर निश्चित ही आपके मन में कई जिज्ञासाएं होंगी। आप आगामी 6 महीनों में अपने जीवन पर आने वाले उतार-चढ़ाव, स्वास्थ्य, आर्थिक हालातों आदि के बारे में जानना चाहते होंगे। आप अपनी राशि का राशिफल जानकर ज्योतिष की मदद से अपने भविष्य की योजनाएं बनाने के लिए उत्सुक होंगे। तो आइए सितारों की मदद से जानते हैं किस राशि में जन्मे जातकों के लिए कैसे रहेंगे आने वाले 6 महीने :-

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों को इस समय करियर के लिहाज से उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। दरअसल, शनिदेव इस साल कुंभ राशि में आपके 11वें यानी आय भाव में रहेंगे। वहीं, राहु ग्रह मीन राशि में 12वें भाव में और केतु, कन्या राशि में छठे भाव में रहेंगे। इसके साथ ही देवगुरु बृहस्पति मई से वृषभ राशि में आपके दूसरे भाव में आ गए हैं। आपको इस साल की शुरुआत में करियर में सकारात्मक परिणाम मिले होंगे। 

संभवत: आपका प्रमोशन हुआ होगा या अच्छी वेतन वृद्धि मिली होगी लेकिन आगामी 6 महीने आपको सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, जून से नवंबर तक शनिदेव वक्री अवस्था में हैं। ऐसे में आपको कुछ असफलताएं मिल सकती हैं लेकिन इस दौरान आपको धैर्य बनाए रखना चाहिए और हालातों का दृढ़ता से सामना करना चाहिए।

इस समय मेष राशि वालों को आर्थिक रूप से मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। गुरु महाराज का वृषभ राशि में होना आपको निवेश में अच्छा रिटर्न दिलाएगा। इसके लिए अगस्त का महीना ज्यादा लाभदायक साबित होगा।  हालांकि,राहु के मीन राशि में होने के चलते हालात अप्रत्याशित रूप से बदल सकते हैं। ऐसे में आपको निवेश में सावधानी बरतने की जरूरत होगी।

यह समय आपके रिलेशनशिप के लिहाज से अच्छा साबित होने वाला है। इस समय आपके रिश्ते गहरे होंगे और आप इसमें तालमेल बैठाने में कामयाब रहेंगे। आपके रिलेशनशिप में साल की शुरुआत से अब तक आईं सभी चुनौतियां इस समय खत्म होंगी। अक्टूबर में शुक्रदेव व बुध के प्रभाव से आपके रिलेशनशिप में और भी ज्यादा स्थायित्व आएगा व आपका आत्मविश्वास भी बढ़ा-चढ़ा रहेगा।

स्वास्थ्य की दृष्टि से बात करें तो इन छह महीनों में मेष राशि के जातकों की तबीयत में सुधार नजर आएगा।  बृहस्पतिदेव के वृषभ राशि में आपके दूसरे भाव में विराजमान रहने से आपकी ऊर्जा बढ़ी रहेगी और आप उत्साहित महसूस करेंगे। 

उपाय- इस समय आप मंगलदेव के ‘ॐ अं अंगारकाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए 2024 का उत्तरार्ध अच्छे फल लेकर आ रहा है। इस समय देवगुरु बृहस्पति, वृषभ राशि में आपके लग्न भाव में विराजमान रहेंगे। इस दौरान केतु ग्रह कन्या राशि में आपके पंचम भाव में व राहु ग्रह मीन राशि में आपके एकादश भाव में मौजूद रहेंगे। वहीं, कर्मफल दाता शनि महाराज आपके दशवें यानी कर्म भाव में ही विराजमान रहेंगे। इससे करियर के मामले में जुलाई तक आपकी उम्मीदें पूरी होंगी। हालांकि, कुछ चुनौतियां बरकरार रह सकती हैं।वहीं, इस वर्ष के अंत में शनि के प्रभाव से आपकी पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ में बदलाव आ सकता है। 

राहु के प्रभाव के चलते आप अगस्त के आसपास कुछ वित्तीय योजनाएं भी बना सकते हैं। इस मामले में शुक्रदेव भी सहायक होंगे और उनके प्रभाव से आप लंबी अवधि वाली किसी योजना में निवेश कर सकते हैं। सितंबर आपके लिए पढ़ाई, कौशल विकास और भविष्य की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। वहीं, इस साल की अंतिम तिमाही यानी अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में देवगुरु बृहस्पति के प्रभाव से कार्यक्षेत्र में भाग्य आपका साथ देगा। इस समय में आपकी कोई बिजनेस डील होने की भी संभावना है।  

आर्थिक नज़रिए से देखें तो राहु ग्रह का आपके ग्यारहवें यानी आय भाव में विराजमान होने से आपको अचानक से धन लाभ हो सकता है। हालांकि, इससे आप संतुष्ट नहीं होंगे। वहीं, दसवें भाव में शनिदेव विराजमान हैं को नवंबर तक वक्री रहेंगे जिससे इस समय आपको करियर में असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, दिसंबर के महीने में हालत सुधरेंगे और आप अपने करियर पर फोकस कर पाएंगे। 

वृषभ राशि के जातकों के जीवन प्रेम पर नजर डालें तो यह समय आपके लिए जबरदस्त रहने वाला है। प्रेमी की तलाश कर रहे जातकों का इंतजार इस महीने खत्म होने की संभावना है। इस समय में आपको ऐसा पार्टनर मिल सकता है जो आपके जीवन में खुशियों के रंग भर दे और जिसके साथ समय बिता कर आपको काफी सुकून मिलेगा। 

वहीं, वृषभ राशि के विवाहित जातकों की बात करें तो केतु के प्रभाव से आपके व आपके जीवनसाथी के बीच किसी बात को लेकर गलतफहमी पनप सकती है। इसके चलते आप दोनों के बीच विवाद हो सकता है। ऐसे में अपने रूठे जीवनसाथी को मनाने के लिए आपको विशेष कोशिश करनी पड़ेगी। 

स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो आपको अक्टूबर के आसपास अतिरिक्त सावधानी बतरनी चाहिए। इस समय आपको अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए वरना आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि साल के अंत तक आपकी सेहत में सुधार होगा।

उपाय- मानसिक शांति के लिए हर सोमवार शिव लिंग पर जल अर्पित करें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के करियर के लिहाज से यह समय काफी अच्छा रहने वाला है। इस समय शनि महाराज कुंभ राशि में आपके 9वें भाव में जबकि राहु, मीन राशि में 10वें भाव में और केतु, कन्या राशि में आपके चौथे भाव में रहेंगे। इसके साथ ही देवगुरु बृहस्पति, वृषभ राशि में आपके 12वें भाव में विराजमान रहेंगे। खासकर बिजनेस करने वाले लोगों के लिए यह समय काफी अच्छा रहने वाला है। जुलाई के बाद गुरुदेव की कृपा से आपको अपने कारोबार में सुधार नजर आएगा। बृहस्पति महाराज की कृपा से इस समय आप अपना कारोबार बढ़ाने में कामयाब रहेंगे और आपको लाभ भी मिलेगा।

करियर के लिहाज से देखें तो जुलाई के बाद से आपके कार्यक्षेत्र में बदलाव देखने को मिलेगा। देवगुरु बृहस्पति के प्रभाव से विदेश जाकर उच्च शिक्षा हासिल करने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए यह समय अच्छा रहेगा। आपके नौंवे भाव में शनिदेव का विराजमान होना आपके भाग्य को बढ़ाने वाला साबित होगा। यहां तक की जून से नवंबर तक शनिदेव के वक्री रहने की स्थिति में भी आपको अच्छे परिणाम और करियर में संतुष्टिदायक सफलता मिलेगी। वहीं, राहु के 10वें भाव में विराजमान रहने से इस समय आप करियर में भी बदलाव कर सकते हैं। 

इस समय कर्मफल दाता शनिदेव मिथुन राशि वालों के के नौंवे भाव में जबकि राहु, मीन राशि में 10वें भाव में और केतु, कन्या राशि में आपके चौथे भाव में रहेंगे। इसके साथ ही देवगुरु बृहस्पति, वृषभ राशि में आपके 12वें भाव में विराजमान रहेंगे। खासकर बिजनेस करने वाले लोगों के लिए यह समय काफी अच्छा रहने वाला है। जुलाई के बाद गुरुदेव की कृपा से आपको अपने कारोबार में सुधार नजर आएगा। बृहस्पति महाराज की कृपा से इस समय आप अपना कारोबार बढ़ाने में कामयाब रहेंगे और आपको लाभ भी मिलेगा।

आर्थिक नजरिए से देखें तो गुरु महाराज का गोचर आपकी आमदनी और खर्चे दोनों बढ़ाएगा। जुलाई से स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर हो जाएगी। हालांकि, आप इस स्थिति को अपनी बुद्धिमत्ता से नियंत्रित करने में सफल रहेंगे। 

रिलेशनशिप की बात करें तो मंगलदेव जुलाई के मध्य तक आपके आय भाव में विराजमान होकर प्रेम यानी पांचवे भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे। इससे आपकी लव लाइफ में रोमांस बढ़ेगा और आपके रिश्ते में गहराई आएगी। अब तक प्रेम की तलाश कर रहे जातकों को शुक्र महाराज के आशीर्वाद से अच्छा साथी मिलने की उम्मीद है। इस लिहाज से खासकर अक्टूबर का महीना ज्यादा महत्वपूर्ण है। 

स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो जुलाई से दिसंबर तक का समय आपके लिए प्रतिकूल रहने वाला है। इस समय आपको पेट संबंधी बीमारियों, चेस्ट इन्फेक्शन और आंखों से संबंधित रोगों से जूझना पड़ सकता है। इस समय अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए।

उपाय- इस समय आपको बुध देव के मंत्र ‘ॐ बुधाय नमः’ का जाप करना चाहिए।

कर्क राशि 

इस समय कर्मफल दाता शनिदेव कर्क राशि के जातकों के आठवें भाव में विराजमान रहेंगे। वहीं, राहु नौंवे और केतु आपके तीसरे भाव में मौजूद रहेंगे जबकि देवगुरु बृहस्पति आपके आय यानी ग्यारहवें भाव में उपस्थित रहेंगे। अगर करियर के नजरिए से देखें तो इस छमाही में आपकी पदोन्नति हो सकती है या आपको नए मौके मिल सकते हैं। 

करियर के नजरिए से देखें तो इस समय आपको नए मौके मिलने वाले हैं। देवगुरु बृहस्पति के सकारात्मक प्रभाव से जुलाई के बाद आपका प्रमोशन हो सकता है। सरकारी क्षेत्र या राजनीति में काम कर रहे जातकों को इस समय प्रभावशाली पद और नई जिम्मेदारियां मिलने की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, आपके अष्टम भाव में शनिदेव के उपस्थित रहने से इस छमाही में आपके काम में बाधाएं आ सकती हैं। कर्क राशि के जातक अपनी दृढ़ता और बुद्धिमत्ता से इन चुनौतियों से पार पाने में सक्षम होंगे।

आर्थिक दृष्टि से देखें तो आपके आय यानी ग्यारहवें भाव में गुरु व मंगलदेव की मौजूदगी से आपकी आय के साधन बढ़ेंगे। हालांकि आठवें घर में शनिदेव की उपस्थिति से आपके खर्चे भी बढ़ेंगे। शनि महाराज की कृपा से आप अनियोजित रूप से रुपए खर्च करने से बचेंगे लेकिन आपको लाभ मिलने में देरी हो सकती है। इस समय आप मकान या वाहन खरीद सकते हैं। सूर्य के प्रभाव से आपको जुलाई से ही फायदा होता दिख रहा है। धनलाभ के नजरिए से साल की अंतिम तिमाही आपके लिए विशेष रहने वाली है।

प्रेम जीवन के लिहाज से देखें तो रिश्ते में सहनशीलता और धैर्य की क्षमता कर्क राशि के जातकों की ताकत है। इससे दूसरे लोग आकर्षित होते हैं। हालांकि, इस समय आप रौब जमाने वाले व गुस्सैल हो सकते हैं। ऐसे में आपको अपने रिश्ते को बरकरार रखने के लिए बुद्धिमत्ता से फैसले लेने की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, अक्टूबर के बाद आपके रिश्ते में प्यार और सहकार बढ़ेगा और आप विवाह की संभावनाओं पर भी विचार कर सकते हैं।

स्वास्थ्य के नजरिए से देखें तो देवगुरु बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर आपको बीमारियों से राहत देने वाला होगा। इससे आपकी खुशी भी बढ़ेगी। हालांकि, शनि की वक्री स्थिति से आपको स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कतें आ सकती हैं लेकिन गुरु महाराज की कृपा से आप इनसे आसानी से उभर जाएंगे।  इस समय आपको वाहन चलाने में सावधानी बरतनी चाहिए और खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

उपाय- इस दौरान हर सोमवार को शिवजी की पूजा करें। 

 

 

अगर आप मेष राशि से कर्क राशि का राशिफल अरुण जी के अंदाज़ में वीडियो के रूप में देखना चाहते हैं तो ऊपर दी हुई लिंक पर click करें। 

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के दशम भाव में देवगुरु बृहस्पति, वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे और अक्टूबर में वक्री स्थित में आ जाएंगे। वहीं, शनिदेव वक्री होकर आपके सप्तम भाव में कुंभ राशि में और राहु व केतु क्रमशः आठवें एवं दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे। 

करियर के नजरिए से देखें तो शनिदेव की दृष्टि आपके दशवें यानी कर्म भाव पर पड़ेगी। वहीं, जून से नवंबर तक शनिदेव की वक्री चाल के चलते आपको नौकरी में दबाव महसूस हो सकता है। इस समय आपको कार्यक्षेत्र को लेकर तनाव हो सकता है। वहीं, आपके सहकर्मी भी इस समय आपकी मदद नहीं करेंगे। ऐसे में आपको जरूरत से ज्यादा काम करने से बचना चाहिए। 

आर्थिक लिहाज से देखें तो बुध का कन्या राशि में गोचर होने के बाद वह केतु के साथ आपके दूसरे यानी धन भाव में विराजमान होंगे। इसके चलते आपको वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। आपके दशवें यानी कर्मभाव में गुरु महाराज विराजमान हैं जो अक्टूबर से वक्री चाल चलेंगे। इससे आपकी आय घट सकती है। इस असमय आप बचत करने में नाकामयाब रहेंगे। 

इस समय आपको सावधानी से निवेश करना चाहिए। आय में जल्दी इजाफा करने वाले निवेश करने से आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता। इस समय आपके व्यक्तिगत खर्चे भी बढ़ सकते हैं। ऐसे में आपको विशेष तौर पर नवंबर तक वित्तीय योजना बनाने और उसके अनुसार ही चलने की सलाह दी जाती है। 

सिंह राशि के जातकों के लिए प्रेम के दृष्टिकोण से देखें तो इस समय आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको इससे उभरने के लिए सतर्क होकर अपने प्रेमी से बातचीत करनी चाहिए। आपके पंचमेश देवगुरु बृहस्पति आपके दशम भाव में विराजमान हैं ऐसे में आप अपने रिश्ते में आ रही परेशानियों का सामना बुद्धिमत्ता से करने में कामयाब रहेंगे।

स्वास्थ्य के नजरिए से देखें तो इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए। इस समय कोई भी लापरवाही आपको बड़ी परेशानी में डाल सकती है। यह समय आपके लिए थकान और तनाव से भरा रहने वाला है। इस समय आपके व आपके जीवनसाथी के दवाओं के खर्चे बढ़ सकते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से आप जूझने में सफल रहेंगे। 

उपाय- इस समय स्वस्थ रहने व सफलता के लिए सूर्य देव के मंत्र ‘ॐ सूर्याय नमः’ का जप करें।

कन्या राशि

कर्मफल दाता शनिदेव इस समय कन्या राशि के जातकों के छठे भाव में कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। इस समय शनिदेव वक्री स्थिति में रहेंगे। वहीं, राहु ग्रह मीन और केतु ग्रह कन्या राशि में ही विराजमान होकर क्रमश: आपके सातवें व लग्न भाव में मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही नौंवे भाव में वृषभ राशि में विराजमान गुरु महाराज अक्टूबर में वक्री हो जाएंगे।

करियर के लिहाज से देखें तो अगस्त में मंगलदेव का गोचर आपके 10वें भाव में मिथुन राशि में होगा। इससे आपका मनोबल व आत्मविश्वास बढ़ा-चढ़ा रहेगा।  यह करियर में उन्नति के लिए अनुकूल समय रहेगा। इस समय आपको नौकरी बदलने के मौके मिलेंगे। 

कन्या राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति की बात करें तो अगस्त में शुक्र महाराज का गोचर आपके दूसरे यानी धन भाव में होने से आपके आर्थिक हालात सुधरेंगे। इस समय आपके खर्चे घटेंगे और आय में इजाफा होगा जिससे आप कुछ बचत व निवेश कर पाएंगे। 

इस समय आप रियल एस्टेट यानी जमीन या मकान जैसी संपत्ति में निवेश करना चाहेंगे लेकिन आपको इस निवेश से पहले सभी कानूनी पहलुओं को देखने और सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। ऐसा नहीं करने पर आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस समय आपको लोन संबंधी लेन-देन में भी सावधानी बरतनी चाहिए।

रिलेशनशिप के लिहाज से देखें तो यह समय आपके लिए संवेदनशील हो सकता है। हालांकि, आपके आय यानी ग्यारहवें भाव में शुक्र महाराज विराजमान हैं और उनकी पूर्ण दृष्टि पांचवे यानी प्रेम भाव पर पड़ रही है। इससे आपका रिलेशनशिप बेहतर होगा और आप संतुष्ट होंगे।

कन्या राशि के जातकों के वैवाहिक जीवन के नजरिए से देखें तो राहु आपके सातवें घर और केतु लग्न भाव में मौजूद हैं। ऐसे में आपके शादीशुदा जीवन में लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं और अशांति रह सकती है। हालांकि, अगर आप अपने प्रेम का खुलकर इजहार कर लेते हैं और समय रहते गलतफहमियां दूर कर लेते हैं तो हालात बिगड़ने से बच जाएंगे। 

स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखें तो इस समय आप मानसिक व शारीरिक रूप से ज्यादा बेहतर महसूस करेंगे। इस छमाही में आपको अब तक चली आ रही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी। देवगुरु बृहस्पति और कर्मफलदाता शनि महाराज की कृपा से आप स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात पाएंगे। हालांकि, राहु व केतु की क्रमशः आपके सातवें व लग्न भाव में मौजूदगी आपको थोड़ा परेशान कर सकती है।

उपाय- विचारों की स्पष्टता और विश्लेषणात्मक कौशल के लिए आपको पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। 

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के पंचम भाव में शनि महाराज कुंभ राशि में वक्री चाल के साथ विराजमान रहेंगे। वहीं, देवगुरु बृहस्पति आपके आठवें भाव में वृषभ राशि में उपस्थित रहेंगे और अक्टूबर में वक्री हो जाएंगे। इसके साथ ही राहु आपके छठे और केतु बारहवें भाव में मौजूद रहेंगे। 

करियर के दृष्टिकोण से देखें तो इस छमाही में आपको नई नौकरी मिलने के प्रबल योग हैं। इसके साथ ही आपको धनलाभ भी होता दिख रहा है। जुलाई में सूर्य देव का कर्क राशि में गोचर होने से वे आपके 10वें यानी कर्म भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपकी आय बढ़ेगी। इसके साथ ही आपको विदेशों से बड़े मौके मिलने की संभावना बन रही है।

ग्रहों की चाल इस समय आपको कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिलने की ओर भी इशारा कर रही है। इस समय दफ्तर में आपको प्रतिस्पर्धा का सामना भी करना पड़ सकता है। हालांकि, छठे भाव में राहु ग्रह की मौजूदगी से आप चुनौतियों से निकलने में सफल रहेंगे। इस समय आपको अपने काम के चलते लंबी दूरी की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं और प्रमोशन भी मिल सकता है। 

आर्थिक नजरिए से देखें तो इस समय आपको शनि महाराज की कृपा से पूर्व में किए गए निवेशों से अच्छा फायदा मिलेगा। इस समय आपके खर्चे भी अचानक बढ़ने लगेंगे जिससे आपकी वित्तीय योजना बिगड़ जाएगी। इस समय रियल एस्टेस और संपत्ति में सोच-समझकर लंबे समय के लिए निवेश करने से आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। इस समय शेयर बाजार, लॉटरी या सोने में निवेश करने से आपको वित्तीय स्थिरता मिलेगी। हालांकि, अक्टूबर में गुरु महाराज के वक्री होने से कुछ विलंब हो सकता है।

प्रेम जीवन के लिहाज से देखें तो इस समय आपको अपने पार्टनर की ज्यादा महत्वाकांक्षाओं से दो चार होना पड़ सकता है। दरअसल, ऐसा अक्टूबर में मंगलदेव कर्क राशि में आपके दशवें भाव में गोचर करेंगे और उनकी आठवीं दृष्टि पंचम भाव में पड़ने के चलते होगा। इस समय आप अपनी भावनाओं को अपने पार्टनर के सामने बयां नहीं कर पाएंगे। 

इस समय आपको भावनात्मक अड़चनों से पार पाने के लिए संवाद करना होगा। इसके साथ ही विवाहित जातकों को इस समय अपने जीवनसाथी को अधिक समय देना चाहिए। इस समय आप पर काम के दबाव के चलते  आपका वैवाहिक जीवन नीरस हो जाएगा। इस छमाही में आपको कई चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है। 

स्वास्थ्य के नजरिए से देखें तो इस छमाही में आप कमजोरी महसूस करेंगे। इस समय आपके स्वास्थ्य में उतार-चढाव बना रहेगा। अगर आप इस समय इन समस्याओं को नजर अंदाज करेंगे तो नवंबर तक शनिदेव की वक्री चाल के चलते आपको पछताना पड़ सकता है। इसके चलते आपको लीवर, डायबिटीज, मोटापे और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। इस समय आपको ह्रदय, मूत्र, हड्डियों और दांत से जुड़ी समस्याओं पर विशेष ध्यान देना होगा। इस समय आपको अच्छा भोजन करना चाहिए और योग व व्यायाम का सहारा भी लेना चाहिए। 

उपाय- प्रेम और खुशी के लिए शुक्र महाराज के मंत्र ‘ॐ शुक्राय नमः’ का जप करना चाहिए।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के चौथे भाव में शनि महाराज कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे और नवंबर तक वक्री चाल चलेंगे। वहीं, देवगुरु बृहस्पति आपके सातवें भाव में वृषभ राशि में उपस्थित रहेंगे और अक्टूबर में वक्री होंगे। इसके साथ ही राहु आपके पांचवे और केतु आय भाव में मौजूद रहेंगे। 

करियर के दृष्टिकोण से देखें तो आपके चौथे भाव में शनि महाराज के विराजमान रहने से आपके जीवन में स्थिरता आएगी और सुरक्षा की भावना भी बढ़ेगी। इस समय आपके मन में करियर की मजबूत नींव तैयार करने का विचार आ सकता है। आप करियर में आगे बढ़ने के लिए नए मौकों की तलाश कर सकते हैं। राहु ग्रह के कारण आपको इस समय अचानक से समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। 

आपके करियर में उतर-चढ़ाव आने की भी आशंका है। हालांकि, समस्याओं को सुलझाते हुए आप अधिक रचनात्मक हो जाएंगे। वहीं, नौकरी बदलने के लिए यह समय अच्छा नहीं है। बृहस्पतिदेव के आपके सातवें भाव में होने से आपकी व्यावसायिक साझेदारी अच्छी हो सकती है। 

आर्थिक नजरिए से देखें तो शनिदेव के आपके चौथे भाव में विराजमान होने से इस समय आपका ध्यान वित्तीय सुरक्षा व स्थिरता हासिल करने पर रहेगा। आप इस छमाही में लंबी अवधि की योजनाओं में निवेश करना पसंद करेंगे। पांचवे भाव में मीन राशि में राहु के विराजमान रहने से आपको वित्तीय उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है या आपके खर्चे भी बढ़ सकते हैं। 

इस समय आपको धन से जुड़े मामलों में बुद्धिमानी व सतर्क होकर फैसले लेने की जरूरत होगी। अगस्त में शुक्र महाराज का कन्या राशि में आपके आय यानी ग्यारहवें भाव में गोचर होगा। इससे नए कारोबार से आपकी आर्थिक स्थिति सुधरने की संभावना है। 

रिलेशनशिप की दृष्टि से देखें तो वृश्चिक राशि वालों को इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजरना पड़ सकता है। वक्री शनिदेव के आपके चौथे भाव में कुंभ राशि में विराजमान रहने से आप रिश्ते में स्थिरता और सुरक्षा ढूंढेंगे और वफादार रहेंगे। लेकिन आपके पंचम यानी प्रेम भाव में राहु ग्रह की स्थिति रोमांटिक रिश्ते में कुछ दिक्कत या गलतफहमी पैदा कर सकती है। 

इस समय आपको समस्याओं को सुलझाने के लिए अपने पार्टनर से खुलकर बातचीत करनी चाहिए। वहीं, अक्टूबर में आपके सातवें भाव में वृषभ राशि में उपस्थित बृहस्पतिदेव वक्री होंगे। इससे आपका अपने जीवनसाथी से रिश्ता गहरा होगा। अविवाहित जातकों के लिए इस समय विवाह के प्रस्ताव भी आ सकते हैं। इस समय सावधानी और विवेक से आगे बढ़ना चाहिए।

वृश्चिक राशि वालों को 2024 की दूसरी छमाही में अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकते हैं। शनिदेव के आपके चौथे भाव में विराजमान होने से आप इस समय अपने तनाव को कम करने व तंदरुस्त बने रहने के लिए खुद का ख्याल रखेंगे।

आप अपने काम में संतुलन बैठाने में कामयाब रहेंगे। लेकिन राहु के आपके पंचम भाव में होने से आपका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और आप तनाव से जूझ सकते हैं। इस समय आपको अपने दोस्तों, परिजन व डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। इसके अलावा, 7वें भाव में बृहस्पति महाराज की उपस्थिति से आपके अपने जीवनसाथी की मदद से ठीक होने की उम्मीद है।

उपाय- हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के मंदिर में दर्शन-पूजन करें।

 

 

अगर आप सिंह राशि से वृश्चिक राशि का राशिफल अरुण जी के अंदाज़ में वीडियो के रूप में देखना चाहते हैं तो ऊपर दी हुई लिंक पर click करें। 

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धनु राशि

धनु राशि के जातकों के 2024 के आखिरी छह महीने के राशिफल की बात करें तो आपके तीसरे भाव में शनि महाराज कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे और नवंबर तक वक्री चाल चलेंगे। वहीं, देवगुरु बृहस्पति आपके छठे भाव में वृषभ राशि में उपस्थित रहेंगे और अक्टूबर में वक्री होंगे। इसके साथ ही राहु आपके चौथे और केतु कर्म यानी दशम भाव में मौजूद रहेंगे। 

करियर के लिहाज से देखें तो शुरुआत में आपके छठे भाव में मंगल और बृहस्पतिदेव की युति के चलते आप काफी व्यस्त रहेंगे। इस समय आपकी जिम्मेदारियां भी बढ़ सकती हैं। करियर के लिहाज से देखें तो शुरुआत में आपके छठे भाव में मंगल और बृहस्पतिदेव की युति के चलते आप काफी व्यस्त रहेंगे। 

इस समय आपकी जिम्मेदारियां भी बढ़ सकती हैं। इसके फलस्वरूप आपको तनाव हो सकता है। हालांकि, कर्मफलदाता शनिदेव के प्रभाव से आपको अपनी कोशिशों के सकारात्मक परिणाम भी मिलेंगे। इस समय विदेश में रहने वाले जातकों का कारोबार सफल होता दिख रहा है। हालांकि, उन्हें स्वदेश भी लौटना पड़ सकता है। 

आर्थिक जीवन की दृष्टि से देखें तो इस छमाही की शुरुआत में कुछ अड़चने आ सकती हैं। इस समय आपको संपत्ति या मकान में निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इस अवधि में आपके खर्चे अनियंत्रित हो सकते हैं व आपको यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। 

इसके बावजूद लंबी अवधि के लिए रियल एस्टेट में निवेश करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। आपको खासकर जुलाई से अक्टूबर के बीच जोखिम भरे आर्थिक फैसले लेने से बचना चाहिए। इस समय आप कोई भी लोन लेने से बचें क्योकि उसे चुकाने में मुश्किलें आ सकती हैं। 

इस समय रिलेशनशिप की बात करें तो शुक्र व मंगल देव की स्थित के चलते आपका प्रेमी आपसे बिना सिर-पैर की उम्मीदें रख सकता है। इसके साथ ही आपको रिश्ते में घुटन भी महसूस हो सकती है। इस अवधि में आपको गलतफहमियां दूर करने और रिश्ते में पैदा हुई खाई पाटने के लिए बातचीत करनी चाहिए। 

विवाहित जातकों की बात करें तो काम की व्यस्तताओं के चलते आप अपने जीवनसाथी को समय नहीं दे पाएंगे। आप साथ समय बिताने में असमर्थ होंगे।  इसके कारण आपके रिश्ते में गलतफहमियां पनप सकती हैं। 

स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखें तो केतु की आपके स्वास्थ्य यानी छठे भाव में दृष्टि पड़ने से और गुरु महाराज की वक्री चाल के कारण आपकी सेहत में दिक्कतें आ सकती हैं। इस समय आप अनिद्रा का शिकार हो सकते हैं और आपका बीपी भी अनियमित रह सकता है। 

इस समय आपको अपनी देखभाल करनी चाहिए और हल्के व्यायाम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। चौथे भाव में राहु के रहने से आपको इंफेक्शन होने की भी आशंका है जो गुरुमहाराज के छठे भाव में होने के चलते बढ़ भी सकता है।  

उपाय- इस समय आप ज्ञान और आध्यात्मिक विकास के लिए बृहस्पति महाराज के मंत्र “ॐ गुरवे नमः” का जप करें।

मकर राशि

इस समय कर्मफल दाता शनिदेव मकर राशि के जातकों के दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे। वहीं, राहु आपके तीसरे और केतु आपके नौंवे भाव में मौजूद रहेंगे। देवगुरु बृहस्पति आपके पंचम भाव में उपस्थित रहेंगे। शनिदेव नंवबर तक वक्री रहेंगे जबकि गुरु महाराज अक्टूबर से वक्री चाल चलेंगे।

वक्री शनि महाराज का कुंभ राशि से दूसरे घर में गोचर करना आपके लिए करियर और वित्तीय मामलों पर ध्यान देने पर जोर देता है। इस समय आपको कड़ी मेहनत और लगातार कोशिशें करनी होंगी। इससे वित्तीय स्थिरता आने के साथ ही धीरे-धीरे प्रगति हो सकती है। हालांकि, इस समय आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए आपको अनुशासन और अपने विवेक से वित्तीय प्रबंधन करना होगा।

राहु के आपके तीसरे भाव में मीन राशि में होने से इस समय आप बौद्धिक रूप से व संचार के लिहाज से सक्रिय रहेंगे। इससे आपको करियर में उन्नति, नेटवर्किंग या कौशल विकास के मौके मिल सकते हैं। यह अपने पेशे के लोगों से नेटवर्क बनाने और आत्मविश्वास से लवरेज होकर नई चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छा समय है।

नौवें भाव में कन्या राशि में केतु और बुध गृह की युति आत्म अवलोकन और आध्यात्मिक विकास की ओर ध्यान देने का इशारा कर रही है। इस समय आपका विश्वास डगमगा सकता है और लंबी दूरी की यात्रा से आपके सामने कुछ चुनौतियां आ सकती हैं। यह समय उच्च शिक्षा हासिल करने की इच्छा रखने वाले जातकों के लिए भी मौके लेकर आएगा।

वहीं, आपके पांचवें भाव में वृषभ राशि में वक्री बृहस्पति के होने से आपके लिए रचनात्मकता, अभिव्यक्ति समेत कई रास्तें खुलेंगे। इस समय आपको  व्यक्तिगत विकास, उद्यमिता या रचनात्मक परियोजनाओं से जुड़े कई मौके मिल सकते हैं। आपके लिए इस समय और ऊर्जा को व्यावहारिकता व ज़िम्मेदारी के साथ संतुलित करना जरुरी होगा। 

आर्थिक मामलों के नजरिए से देखें तो दूसरे भाव में शनिदेव के विराजमान होने से आपके जीवन में वित्तीय स्थिरता आएगी और आप विवेकपूर्ण निवेश करेंगे। इस समय आप भविष्य के मद्देनजर बजट व योजना बनाकर काम करेंगे। जुलाई में आपके पांचवें भाव में बृहस्पति और मंगलदेव रहेंगे जिससे आपको सट्टे समेत अन्य योजनाओं से धन लाभ होगा।

इस समय आपके रिलेशनशिप में बड़े बदलाव आ सकते हैं। हालांकि, शनि देव की वक्री चाल से आपके रिश्ते और कमिटमेंट में स्थिरता आएगी। अगस्त में आपके आठवें भाव में शुक्र का गोचर होने से यह समय आपके लिए धैर्य और समझ की परीक्षा लेने वाला होगा। आपको इस समय सम्मान और विश्वास पर आधारित एक सार्थक रिश्ते की नींव बनानी होगी।

स्वास्थ्य के लिहाज से यह समय संतुलन बैठाने का है। शनि महाराज की वक्री स्थिति के चलते आपको इस समय स्वस्थ रहने के लिए अनुशासित दिनचर्या अपनानी होगी। आपके पांचवे भाव में देवगुरु बृहस्पति व मंगलदेव की युति होने से आपका फोकस फिजिकल एक्टिविटीज पर होगा। इस समय आपको अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। इससे आप किसी भी चुनौती का सामना आसानी से कर सकेंगे। 

उपाय- इस अवधि में आप स्थिरता और सफलता के लिए हर शनिवार को शनिदेव की पूजा करें। 

कुंभ राशि

कुम्भ राशि के जातकों के लग्न भाव में शनि महाराज स्वराशि कुंभ में विराजमान रहेंगे और नवंबर तक वक्री चाल चलेंगे। वहीं, देवगुरु बृहस्पति आपके चौथे भाव में वृषभ राशि में उपस्थित रहेंगे और अक्टूबर में वक्री होंगे। इसके साथ ही राहु आपके दूसरे और केतु आठवें घर में मौजूद रहेंगे।

करियर के लिहाज से देखें तो शनिदेव का आपके लग्न भाव में वक्री होकर विराजमान होना आपको अनुशासित बनाएगा। आप अपने पेशेवर जीवन में व्यवस्थित होंगे और खुद के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करेंगे। इस समय आप भविष्य की सफलता के लिए ठोस नींव तैयार करने की दिशा में काम करेंगे। हालांकि, इस समय आपको ज्यादा मेहनत कर खुद को थकाने से बचना चाहिए। आपको खुद को संतुलित और स्वस्थ रखने के लिए खुद का ख्याल रखना चाहिए।

इस समय शनि महाराज के वक्री होने के चलते आपको करियर में प्रगति, व्यक्तिगत पहचान बनाने और खुद को अभिव्यक्त करने की ओर ध्यान देना चाहिए। इस समय आपको अपने लक्ष्यों, महत्वाकांक्षाओं और योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए। इस समय आपको अपने काम की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। 

आपके दूसरे भाव में मीन राशि में राहु की मौजूदगी आपके आत्मसम्मान और धन में बढ़ोतरी करा सकती है। इस बावजूद इस समय आपको आर्थिक दृष्टि से उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ेगा। सितंबर में कन्या राशि में आठवें घर में केतु और बुध की युति आपके लिए आर्थिक हालत में सतर्क रहने की आवश्यकता की ओर इशारा करती है। इस समय आपको भविष्य के लिहाज से फिजूल खर्ची करने से बचना चाहिए।

केतु का आपके आठवें भाव में गोचर होना ध्यान और विशेषकर निवेश, भावनात्मक संबंधों और संसाधनों में बदलाव की ओर इशारा करता है। इस समय आपके आर्थिक, पुस्तैनी और मानसिक उपचार से जुड़े मामलों में बदलाव शुरू हो सकते हैं। यह आपके लिए पुराने ढर्रे को छोड़कर विकास और इनोवेशन के नए मौकों को अपनाने का समय है।  

बृहस्पति देव की अक्टूबर में वक्री अवस्था आपके चौथे भाव में उपस्थिति आपके लिए भावनात्मक और पारिवारिक लिहाज से बहुत सकारात्मक रहने वाली है। इस अवधि में आप या आपके परिजन नई संपत्ति खरीद सकते हैं। यह समय अपने प्रियजन के साथ रिश्तों को मजबूती देने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहेगा।

आर्थिक नजरिए से देखें तो राहु के दूसरे भाव में और जुलाई में बृहस्पति व मंगलदेव के चौथे भाव में विराजमान रहने से आप विवेक से निवेश करेंगे। आप बजट बनाकर अपने जीवन में आर्थिक रूप से स्थिरता लाने में सफल रहेंगे। हालांकि, इस समय आपके पास नकदी की कमी हो सकती है। इसके बावजूद आप लंबी अवधि की योजनाओं में निवेश करने में सफल होंगे। 

रिलेशनशिप के लिहाज से देखें तो आपके आठवें भाव में केतु और बुध ग्रह की युति होने से आपके रिश्तों में बदलाव आ सकता है और वे पहले से ज्यादा गहरे हो सकते हैं। यह भावनात्मक संबंधों में गहराई से उतरने और बुरी यादों को भुलाकर रिश्ते में निकटता और विश्वास पैदा करने का समय है। 

स्वास्थ्य के नजरिए से देखें तो सितारे आपके  लिए स्वास्थ्य की देखभाल करने और उसके प्रति सचेत रहने की ओर इशारा कर रहे हैं। लग्न में शनिदेव के विराजमान रहने से आपको स्वस्थ रहने के लिए आपको अनुशासन बनाए रखना होगा। इस समय रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए आपको अपने शरीर व स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। 

उपाय-इस समय आपको धैर्य और दृढ़ता के लिए शनिदेव के मंत्र “ॐ शं शनिचराय नमः” का जाप करना चाहिए।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के व्यय भाव में शनि महाराज कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे और नवंबर तक वक्री चाल चलेंगे। वहीं, देवगुरु बृहस्पति आपके तीसरे भाव में वृषभ राशि में उपस्थित रहेंगे और अक्टूबर में वक्री होंगे। इसके साथ ही राहु आपके लग्न और केतु सातवें घर में मौजूद रहेंगे।

शनि के वक्री रहने की अवधि में आप आध्यात्मिक विकास और पहले से चली आ रही किसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए एकांत की तलाश में रहेंगे। इस समय आप खुद के साथ समय बिताना पसंद करेंगे। यह समय आपके लिए आंतरिक खोज वाला रहेगा जिससे भविष्य में करियर को लेकर आपकी सोच स्पष्ट होगी। वहीं, दूसरी ओर लग्न भाव में राहु की उपस्थिति से आपका व्यक्तिगत विकास होगा और आप पहले से अधिक मुखर होंगे। 

इससे आप करियर में खुद को स्थापित करने में सफल रहेंगे। इस समय आपकी नेतृत्व की क्षमता विकसित होगी और आपका आत्मविश्वास व दृढ़ संकल्पशक्ति बढ़ेंगे। इस समय आपको कोई भी काम लंबी अवधि के लिहाज से काम करना होगा। 

आपके सातवें भाव में बुध और केतु का गोचर रिश्तों के पुनर्मूल्यांकन और परिवर्तन की संभावना को दिखा रहा है। इस समय आपका कोई रिलेशनशिप खत्म हो सकता है या आप सच्चे रिश्ते की तलाश कर सकते हैं। इस अवधि में आपको उन रिश्तों को बढ़ावा देना चाहिए जो आपसी सम्मान, विश्वास और भावनात्मक संतुष्टि की बुनियाद पर टिके हों। 

अक्टूबर में आपके तीसरे भाव में बृहस्पति का वृषभ राशि पर वक्री होना संचार, सीखने और मानसिक गतिविधियों पर फोकस करने की ओर इशारा करता है। इस समय आपको अपनी शिक्षा, यात्रा या समाज से अपने ज्ञान, कौशल और नेटवर्क का विस्तार करने का मौका मिल सकता है। यह समय नई रुचियों, रचनात्मक कार्यों और भाई-बहनों या पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए भी शुभ रहेगा। 

आर्थिक लिहाज से देखें तो आपके व्यय भाव में नवंबर तक शनि के वक्री चाल में होने और लग्न में राहु के होने से आपको वित्तीय मामलों में आशावादी होने की जरूरत है। आपको इस समय अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए और अनावश्यक जोखिम लेने से बचना चाहिए। भविष्य में सुरक्षा और समृद्धि के लिए आपको वित्तीय स्थिरता व लंबे समय के लिए प्राथमिकता से योजना बनानी चाहिए। 

शनिदेव के आपके व्यय भाव में वक्री होने से आपको शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए तनाव प्रबंधन की तकनीकों को अपनाना चाहिए। इसके साथ-साथ आपको भरपूर आराम करना चाहिए। इस समय आपको अपनी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर समय रहते ध्यान देना चाहिए।

उपाय- इस छमाही में आपको मार्गदर्शन व सुरक्षा के लिए हर गुरुवार को विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए।

 

अगर आप धनु राशि से मीन राशि का राशिफल अरुण जी के अंदाज़ में वीडियो के रूप में देखना चाहते हैं तो ऊपर दी हुई लिंक पर click करें। 

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।  

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