क्या आपको पता है कि वेदमाता गायत्री का जन्म कैसे हुआ? आज हम बात करेंगे उन्हीं मां गायत्री की और उनके मंत्र की महिमा की।
दरअसल, ब्रह्माजी एक बार पुष्कर में यज्ञ करने पहुंचे जिसमें उनकी पत्नी को भी शामिल होना था लेकिन किसी कारण से उनकी पत्नी को देर हो गई।
इसी बीच ब्राह्मणों ने यज्ञ के मुहूर्त का समय बीतने बात कही। इस पर ब्रह्माजी ने उनसे कोई उपाय करने के लिए कहा। इस दौरान वहां से गौ माता गुजर रही थीं। ब्राह्मणों ने उन्हें रोका और वेद मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए।
इससे गाय के मुख से मां गायत्री देवी प्रकट हुईं। इसके बाद ब्रह्माजी की मां गायत्री से शादी करवाई गई और वे दोनों यज्ञ में शामिल हुए। यह सावन मास की पूर्णिमा का दिन था इसलिए हर साल इस दिन को गायत्री जयंती बनाई जाती है। इस बार ये दिन 19 अगस्त को पड़ रहा है।
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गायत्री मंत्र का महत्त्व
अब बात करते हैं मां गायत्री के मंत्र “ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।” गायत्री मंत्र का जप करने से आदमी का औरा पॉजिटिव होता है।
अगर आपको एंग्जायटी या कोई और मेन्टल हेल्थ इशू है तो इस मंत्र के जप से आपको उनसे रिकवरी में मदद मिलेगी। इससे उनके मन के दुख, भय और शोक जैसी नेगेटिविटी बातें खत्म होती हैं। तो ये थीं गायत्री जयंती की विशेष जानकारी।
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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।