कब है कामिका एकादशी व क्या हैं पूजा के नियम?

क्या आप जानते हैं कि सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है? इस साल ये व्रत 31 जुलाई को पड़ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा की जाती है। कामिका एकादशी के व्रत का फल सभी एकादशियों के व्रतों में सबसे अच्छा माना जाता है। इसके व्रत से व्यक्ति के दुःख, कष्ट व शोक दूर होते हैं और सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

माना जाता है कि कामिका एकादशी की पूजा से सभी देवता, गंधर्व और सूर्य की पूजा का फल मिलता है। इस व्रत से अश्वमेध यज्ञ के फल के बराबर का फल मिलता है और व्यक्ति को मोक्ष मिलता है। कामिका एकादशी के  व्रत से भगवान विष्णु और भगवान शिव का आशीर्वाद साथ में मिलता है।

कैसे करें पूजा और क्या हैं नियम?

  • इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करना न भूलें।
  • इस दिन श्रीविष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करें।
  • इसके साथ ही जितना ज्यादा हो सके ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें।
  • कामिका एकादशी का फलाहार व्रत ही करना चाहिए। 
  • इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने और दान देने का विशेष महत्व है। इसलिए ब्राह्मणों को अपने घर में बुलाकर भोजन कराने के बाद दक्षिणा दें।

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देवशयनी एकादशी: जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

देवशयनी एकादशी का पर्व इस बार 17 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जायेंगे। इस बार की देवशयनी एकादशी कई मायनो में महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इस बार 5 शुभ संयोग बन रहें हैं। ये योग हैं- शुभ योग, शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और इन सबके साथ अनुराधा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग है। 

इस बार की तिथि का आरंभ व समापन-

आषाढ़ शुक्ल एकादशी ति​थि का आरंभ:- 16 जुलाई, मंगलवार, रात 8:33 बजे से

आषाढ़ शुक्ल एकादशी ति​थि का समापन:- 17 जुलाई, बुधवार, रात 9:2 बजे तक

पूजा का शुभ मुहूर्त: 17 जुलाई की सुबह 5:34 बजे से

देवशयनी एकादशी के व्रत पारण का समय: 18 जुलाई, सुबह 5:35 बजे से 8:20 बजे के बीच

पारण के दिन द्वादशी का समापन: रात 8:44 बजे 

शुभ योग का समय इस प्रकार है-

  1. शुभ योग: प्रात:काल से लेकर सुबह 7:05 बजे तक
  2. शुक्ल योग: सुबह 07:05 बजे से 18 जुलाई को सुबह 6:13 बजे तक 
  3. सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:24 बजे से 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक
  4. अमृत सिद्धि योग: सुबह 5:24 बजे से 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक
  5. अनुराधा नक्षत्र: प्रात:काल से लेकर 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक

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जुलाई में इस दिन है देवशयनी एकादशी, जानें जरुरी बातें

हिंदू मान्यता में हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्त्व होता है। कई लोग एकादशी का व्रत भी रखते हैं। माना जाता है कि एकादशी के व्रत से व्यक्ति के कई जन्मों के पाप कट जाते हैं।

इस बार 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। इससे जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स हम आपको बताने जा रहे है-

फैक्ट्स 

  • इस दिन के बाद चार महीनों के लिए भगवान श्रीहरि विष्णु शयन के लिए क्षीर सागर में चले जाते हैं। इसके चलते सभी मांगलिक कार्यक्रम या शादी-ब्याह के कामों में रोक लग जाती है। 
  • इस दिन के बाद से संसार की बाग-डोर भगवान शिव संभालते हैं।  
  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन सभी तीर्थ बृजधाम आ जाते हैं, ऐसे में इन चार महीनों में बृज दर्शन के लिए जरूर जाएं। 
  • इस बार एकादशी पर दो बहुत ही अच्छे योग बन रहे हैं। ये योग हैं सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग। इन योग में की गई खरीदारी, दान-पुण्य आदि को बहुत शुभ माना जाता है। 
  • इस दिन तीर्थक्षेत्रों में स्नान का विशेष महत्व है। 
  • इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है। पीले वस्त्र पहने जाते हैं और पीली वस्तुओं का भोग लगाया जाता है।
  • देवशयनी एकादशी व्रत के पारायण का समय– 18 जुलाई, 2024; सुबह 5:34 से 8:19 बजे तक  (यह समय नई दिल्ली के अनुसार है)

इस बार एकादशी पर कुछ खास योग बन रहे हैं जिनके बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर click करें।

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