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सावन प्रदोष विशेष: महादेव को क्यों प्रिय है यह व्रत?

आज के लेख में हम बात करेंगे एक ऐसे व्रत के बारे में जिसे करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती हैं। इस व्रत को रखने से बाबा भोले भंडारी की कृपा आप पर बरसने लगेगी। दरअसल, आज हम आज बात करने वाले हैं महादेव के प्रिय प्रदोष व्रत के बारे में। 

दरअसल, जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष पिया, तो वह इतना असरदार था कि महादेव का कंठ यानी गला नीला पड़ गया। इसके चलते सभी देवों और लोगों ने जल व बेल पत्री की मदद से उनके गले की जलन को कम किया। 

महादेव ने विष पीकर सारे जगत का कल्याण किया इसलिए देवता उनकी पूजा करने लगे। इससे खुश होकर महादेव ने तांडव किया और जब ये सारा इंसिडेंट हुआ उस दिन त्रयोदशी तिथि थी। इस कारण ही महादेव को प्रदोष का व्रत अतिप्रिय है।

कब है सावन का पहला प्रदोष व्रत?

  • इस बार सावन का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त यानी गुरुवार को पड़ रहा है। इस कारण इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। अगर आप सच्चे मन से इस व्रत को करते हैं तो आपकी मनचाही मुराद पूरी हो सकती है। 
  • इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा एकसाथ करने से आपकी मैरिज होगी और अगर मैरिड लाइफ में कोई दिक्कत आ रही है तो वह भी दूर होगी।
  • इस व्रत को करने से आपको संतान प्राप्ति हो सकती है। इस दिन आप महादेव के सामने घी का दिया जलाएं। 
  • कोर्ट केसेज या कोई भी डिस्प्यूट हो तो इस व्रत को रखने से या इस दिन महादेव पर एक लोटा जल चढ़ाने से वो सभी इश्यूज खत्म होने लगते हैं। 

सावन विशेष: शिवजी को क्या चढ़ाने से मिलता है क्या फल?  हमारे इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए दिए हुए लिंक पर click करें।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।