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हल षष्ठी- जब होती है हल की पूजा व नहीं पिया जाता दूध-दही

क्या आपको पता है कि हमारे देश में एक ऐसा पर्व भी आता है जिस दिन हल की पूजा की जाती है और दूध या दही भी नहीं पीया जाता है। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे।

दरअसल, भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल छठ यानी हल षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान बलराम का जन्म हुआ है। इस बार हल षष्ठी का व्रत 24 अगस्त को पड़ रहा है। 

माना जाता है कि हल षष्ठी का व्रत अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर रखा था। इस व्रत के प्रभाव से ही जब अश्वतथामा ने उनके बच्चे को नुकसान पहुंचने की कोशिश की तो वे असफल रहे। इसी कथा से हल षष्ठी के महत्व के बारे में पता चलता है। 

इस व्रत को शादीशुदा महिलाएं अपने बच्चों की रक्षा के लिए करती हैं।  इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी की पूजा की जाती है।  

क्या करें, क्या न करें ? 

  • हल छठ के दिन किसान हल की पूजा करते हैं और इस दिन दूध दही का उपयोग भी नहीं करते हैं।
  • इस दिन सात प्रकार के अनाज और घी का दिया भगवान बलराम के आगे जरूर जलाया जाता है।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।