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नाग पंचमी विशेष : सर्पों के राजा तक्षक के जीवनदान की कहानी व कुछ उपाय

यह तो आपने कई बार सुना होगा कि नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन नागों की पूजा करने से धन-संपदा के साथ ही घर में सुख-शांति भी आती है। इस बार नाग पंचमी 9 अगस्त को पड़ रही है। 

दरअसल, सनातन धर्म में नागों को बहुत इम्पोर्टेंस दी गई है। भगवान शिव के गले में वासुकि नाग और भगवान श्रीहरि विष्णु का शेष नाग की शैय्या पर विराजमान होना इस इम्पोर्टेंस को बताने के लिए काफी है। आज के ब्लॉग में हम नागराज तक्षक और राजा जन्मेजय की उस कहानी की बात करेंगे जिससे नाग पंचमी का महत्व जुड़ा है। 

दरअसल, नागराज तक्षक ने राजा जन्मेजय के पिता राजा परीक्षित का पीछा कर उनकी हत्या कर दी। इस पर राजा जनमेजय ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए पुरे नाग वंश को खत्म करने के उद्देश्य से यज्ञ किया। इसे आस्तिक ऋषि ने रोककर राजा जनमेजय को सांपो का महत्व बताया। जिस दिन यह यज्ञ रोका गया उसी दिन से नाग पंचमी मनाई जा रही है।

नागपंचमी पर किए जाने वाले उपाय 

  • इस दिन चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को दूध से स्नान कराने के बाद उनकी पूजा करनी चाहिए और उन्हें बहते पानी में प्रवाहित कर देना चाहिए। इससे कुंडली में बन रहे कालसर्प दोष के नेगेटिव इम्पैक्ट कम होते हैं। 
  • इसके साथ ही ऐसा करने से घर में सुख-शांति आती है और धन भी बरसने लगता है। इस पूजा से आपकी आर्थिक तंगी दूर होती है और आपके हेल्थ इश्यूज भी सॉल्व होते हैं। 

रुद्राक्ष पहनते समय किन बातों का रखें ध्यान? इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए click करें।

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सावन प्रदोष विशेष: महादेव को क्यों प्रिय है यह व्रत?

आज के लेख में हम बात करेंगे एक ऐसे व्रत के बारे में जिसे करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती हैं। इस व्रत को रखने से बाबा भोले भंडारी की कृपा आप पर बरसने लगेगी। दरअसल, आज हम आज बात करने वाले हैं महादेव के प्रिय प्रदोष व्रत के बारे में। 

दरअसल, जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष पिया, तो वह इतना असरदार था कि महादेव का कंठ यानी गला नीला पड़ गया। इसके चलते सभी देवों और लोगों ने जल व बेल पत्री की मदद से उनके गले की जलन को कम किया। 

महादेव ने विष पीकर सारे जगत का कल्याण किया इसलिए देवता उनकी पूजा करने लगे। इससे खुश होकर महादेव ने तांडव किया और जब ये सारा इंसिडेंट हुआ उस दिन त्रयोदशी तिथि थी। इस कारण ही महादेव को प्रदोष का व्रत अतिप्रिय है।

कब है सावन का पहला प्रदोष व्रत?

  • इस बार सावन का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त यानी गुरुवार को पड़ रहा है। इस कारण इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। अगर आप सच्चे मन से इस व्रत को करते हैं तो आपकी मनचाही मुराद पूरी हो सकती है। 
  • इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा एकसाथ करने से आपकी मैरिज होगी और अगर मैरिड लाइफ में कोई दिक्कत आ रही है तो वह भी दूर होगी।
  • इस व्रत को करने से आपको संतान प्राप्ति हो सकती है। इस दिन आप महादेव के सामने घी का दिया जलाएं। 
  • कोर्ट केसेज या कोई भी डिस्प्यूट हो तो इस व्रत को रखने से या इस दिन महादेव पर एक लोटा जल चढ़ाने से वो सभी इश्यूज खत्म होने लगते हैं। 

सावन विशेष: शिवजी को क्या चढ़ाने से मिलता है क्या फल?  हमारे इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए दिए हुए लिंक पर click करें।

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