सावन विशेष: शिवजी को क्या चढ़ाने से मिलता है क्या फल?

सावन का महीना शुरू हो गया है। भगवान शिव को प्रिय इस महीने में भक्त उन्हें खुश करने के लिए व्रत-उपवास रखते हैं और तपस्या भी करते हैं। कुछ लोग कांवड़ लेकर भगवान शिव को चढ़ाते हैं और कुछ लोग ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए भी जाते हैं।

भगवान शंकर का एक नाम आशुतोष भी है। यानी वह जो भक्त की साधना से जल्द ही खुश हो जाएं। भगवान शिव हर भक्त की मनोकामना को पूरा करने वाले हैं।

क्या आप जानते हैं कि शिवजी को सावन में कौनसी चीज चढ़ाकर आपकी कौनसी मनोकामना पूरी हो सकती है? आज के लेख में हम इसी पर बात करेंगे। 

शहद

जो लोग नेम-फेम और ब्यूटी पाना चाहते हैं उन्हें भगवान शिव को शहद अर्पित करना चाहिए। 

गेहूं और धतूरे का फल

निःसंतान दंपति को भूतभावन भगवान शिव पर गेहूं और धतूरे का फल चढ़ाने चाहिए। इससे उन्हें संतान सुख मिलता है।

गन्ने का रस व चीनी

जो लोग अपने जीवन में प्रॉस्पेरिटी पाना चाहते हैं उन्हें शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शिव जी को चीनी चढ़ाने से भी व्यक्ति के जीवन में लग्जरी आती है।

दूध और तिल

जिन लोगों को रोगों से मुक्ति चाहिए उन्हें भगवान शिव का दूध से अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शिवलिंग पर तिल चढ़ाने से भी रोग मिटते हैं।

दही और घी

सावन में भगवान शिव पर घी चढ़ाने से आपका औरा अच्छा होता है। वहीं, शिवलिंग पर दही चढ़ाने से लाइफ में खुशी आती है और आप मोटिवेटेड रहते हैं। 

इत्र और सुगंधित तेल

जो लोग शिवलिंग पर इत्र चढ़ाते हैं उन्हें धर्म के रास्ते पर दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। इसके अलावा शिवलिंग पर सुगंधित तेल चढ़ाने से लग्जरी और दौलत मिलती है।

चंदन और केसर

सावन में भगवान शिव को चंदन लगाने का विशेष महत्त्व है। इससे व्यक्ति का मान-सम्मान बढ़ता है। वहीं,

शिवलिंग पर केसर अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं।

भांग और बेलपत्र 

शिवलिंग पर भांग चढ़ाने से बुराई खत्म होती हैं। वहीं, बेलपत्र चढ़ाने से लाइफ की सभी डिफकल्टीज़ खत्म होती हैं।

आंवलें का रस

भगवान शिव को आंवले का रस चढ़ाने से व्यक्ति की उम्र बढ़ती है।

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सावन विशेष: शिवलिंग की परिक्रमा में बरतें क्या सावधानियां?

सावन का महीना शुरू होते ही हर ओर माहौल शिवमय हो चुका है। हर कोई शिवजी की भक्ति में मगन है और सभी बाबा को रिझाने में जुटे हुए हैं। शिव भगवान अपने भक्तों से जल्दी खुश हो जाते हैं।

वे अपने भक्तों की थोड़ी-सी सेवा और भक्ति से खुश हो जाते हैं लेकिन क्या आपको पता है उनकी पूजा से जुड़े कुछ नियम भी हैं? इन नियमों में से ही एक है शिवलिंग की परिक्रमा करने के नियम।

माना जाता है कि मूर्ति की परिक्रमा से व्यक्ति के थॉट्स पॉजिटिव होते हैं और नेगेटिविटी खत्म होती है। इसके साथ ही परिक्रमा करने से पुण्य भी बढ़ता है। आपको हम आज के लेख में बताएंगे कि शिवलिंग की परिक्रमा करने का विशेष नियम क्या है?

शिवलिंग की परिक्रमा के नियम- 

दरअसल, शिवलिंग की आधी परिक्रमा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग की जलाधारी को नहीं लांघना चाहिए, यानी शिव लिंग की परिक्रमा को जलाधारी तक पहुंचने पर ही पूरा मान लिया जाता है। 

शिवलिंग की परिक्रमा राइट यानी दाहिने हाथ की ओर से शुरू करनी चाहिए। 

परिक्रमा करते समय आपको शिवजी से प्रार्थना करनी चाहिए कि मेरे द्वारा जाने-अनजाने में और पूर्वजन्मों में भी भी किए गए सभी पाप इस प्रदक्षिणा के साथ-साथ नष्ट हो जाएं। हे प्रभु! मुझे अच्छी बुद्धि प्रदान करें और मेरे रोग-शोक का नाश करें।

 

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सावन विशेष: शिवलिंग पर भूलकर भी न चढ़ाएं ये चीजें, हो जाएगा अनर्थ!

कहा जाता है कि देवों के देव महादेव अपने भक्तों की आवाज सुनकर उनके सारे दुःख हर लेते हैं।  अगर भक्त मन से शिवजी की भक्ति कर ले तो वे उस पर सब कुछ लुटाने के लिए तैयार रहते हैं। हालांकि, भगवान शिव को पूजा के दौरान आपको कुछ बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए। वरना भगवान शिव आपसे नाराज हो सकते हैं। आज आपको बताते हैं इन चीजों के बारे में जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाने से आपके बनते काम भी बिगड़ सकते हैं।

केतकी का फूल

शिवजी की पूजा में केतकी के फूल को नहीं चढ़ाया जाता है। शिवपुराण में जिक्र आता है कि केतकी के फूल ने ब्रह्माजी के कहने पर झूठ बोला था जिसके बाद भगवान शिव ने उसे श्राप दे दिया था। 

शंख का जल

भोले बाबा का शंख के जल से अभिषेक नहीं किया जाता है। दरअसल, भगवान शिव ने शंखचूड़ का वध किया था जिसके बाद उसका शरीर भस्म हो गया और उस भस्म से शंख उत्पन्न हुआ। इसलिए शिवजी को शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता है।

रोली व सिंदूर

इसके अलावा भोले बाबा को रोली और सिंदूर भी नहीं चढ़ाया जाता है। 

टूटे हुए चावल

चावल भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं लेकिन उन्हें टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव रुष्ट हो जाते हैं। भोले बाबा की पूजा में हमेशा अक्षत यानी बिना टूटे चावल ही यूज करने चाहिए।

 

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