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आषाढ़ी पूर्णिमा पर होने वाले कोकिला व्रत को कैसे करें ?

आज हम बात करेंगे कोकिला व्रत के बारे में, इस व्रत को आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन रखा जाता है। इस व्रत को माता सती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था। ऐसा माना जाता है की इस व्रत को करने से मैरिड लाइफ में खुशियाँ बढ़ती हैं और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। इस साल यह व्रत 20 जुलाई को रखा जाएगा। इस दिन रवि योग भी है जिसके कारण इसका फल दोगुना हो जाता है। 

इस व्रत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें 

  • इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। 
  • जब मां सती अपने अपमान के बाद दक्ष प्रजापति के हवनकुंड में कूदीं तब भगवान शिव ने उन्हें श्राप दिया कि तुमने अपने पति की आज्ञा नहीं मानी अब तुम्हें पति का वियोग सहना होगा इसके चलते मां सती ने 10,000 साल तक कोयल के रूप में जंगल में भ्रमण किया और आषाढ़ पूर्णिमा को व्रत रखा। इसके बाद उन्होंने पार्वती के रूप में जन्म लिया और शिव को पति रूप में प्राप्त किया

व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें 

  • मीट-मांस , प्याज-लहसुन या शराब आदि का सेवन न करें।  
  • सभी का आदर सम्मान करें। 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।