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देवशयनी एकादशी: जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

देवशयनी एकादशी का पर्व इस बार 17 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जायेंगे। इस बार की देवशयनी एकादशी कई मायनो में महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इस बार 5 शुभ संयोग बन रहें हैं। ये योग हैं- शुभ योग, शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और इन सबके साथ अनुराधा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग है। 

इस बार की तिथि का आरंभ व समापन-

आषाढ़ शुक्ल एकादशी ति​थि का आरंभ:- 16 जुलाई, मंगलवार, रात 8:33 बजे से

आषाढ़ शुक्ल एकादशी ति​थि का समापन:- 17 जुलाई, बुधवार, रात 9:2 बजे तक

पूजा का शुभ मुहूर्त: 17 जुलाई की सुबह 5:34 बजे से

देवशयनी एकादशी के व्रत पारण का समय: 18 जुलाई, सुबह 5:35 बजे से 8:20 बजे के बीच

पारण के दिन द्वादशी का समापन: रात 8:44 बजे 

शुभ योग का समय इस प्रकार है-

  1. शुभ योग: प्रात:काल से लेकर सुबह 7:05 बजे तक
  2. शुक्ल योग: सुबह 07:05 बजे से 18 जुलाई को सुबह 6:13 बजे तक 
  3. सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:24 बजे से 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक
  4. अमृत सिद्धि योग: सुबह 5:24 बजे से 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक
  5. अनुराधा नक्षत्र: प्रात:काल से लेकर 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।

 

आषाढ़ी पूर्णिमा पर होने वाले कोकिला व्रत को कैसे करें ?

आज हम बात करेंगे कोकिला व्रत के बारे में, इस व्रत को आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन रखा जाता है। इस व्रत को माता सती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था। ऐसा माना जाता है की इस व्रत को करने से मैरिड लाइफ में खुशियाँ बढ़ती हैं और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। इस साल यह व्रत 20 जुलाई को रखा जाएगा। इस दिन रवि योग भी है जिसके कारण इसका फल दोगुना हो जाता है। 

इस व्रत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें 

  • इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। 
  • जब मां सती अपने अपमान के बाद दक्ष प्रजापति के हवनकुंड में कूदीं तब भगवान शिव ने उन्हें श्राप दिया कि तुमने अपने पति की आज्ञा नहीं मानी अब तुम्हें पति का वियोग सहना होगा इसके चलते मां सती ने 10,000 साल तक कोयल के रूप में जंगल में भ्रमण किया और आषाढ़ पूर्णिमा को व्रत रखा। इसके बाद उन्होंने पार्वती के रूप में जन्म लिया और शिव को पति रूप में प्राप्त किया

व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें 

  • मीट-मांस , प्याज-लहसुन या शराब आदि का सेवन न करें।  
  • सभी का आदर सम्मान करें। 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।