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कब लग रहा है सूर्य ग्रहण व आप पर क्या पड़ेगा इसका प्रभाव?

इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या यानी 2 अक्टूबर को लग रहा है। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा और भारत में नहीं दिखाई देगा। इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। एस्ट्रोलॉजी के लिहाज से देखें तो यह वलयाकार सूर्य ग्रहण कन्या राशि व हस्त नक्षत्र पर लगेगा। इस वलायाकार सूर्य ग्रहण की अवधि 6 घंटे 4 मिनट रहेगी।

क्या रहेगी ग्रहण की अवधि?

ग्रहण शुरू होने का समय- रात 9 बजकर 13 मिनट

ग्रहण समाप्त होने का समय- मध्य रात्रि 3 बजकर 17 मिनट

ग्रहण का राशियों पर प्रभाव

मेष राशि 

मेष राशि वालों के लिए यह सूर्य ग्रहण शुभ फलदायक रहने वाला है। इस समय आपके बिगड़े हुए काम बनेंगे। आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। अगर आप कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो यह समय काफी शुभ रहेगा। किस्मत का साथ मिलने से आपको धन मिलने के भी अच्छे योग्य हैं। 

नौकरी-पेशा लोगों को इस समय उनके सीनियर्स का पूरा सपोर्ट मिलेगा। सीनियर हर तरह से उनकी मदद करेंगे। इस समय सीनियर्स आपके काम से खुश होकर आपको प्रमोशन देने की बात भी कर सकते हैं। इस समय वर्क प्लेस में आपके मान-सम्मान में वृद्धि होने की संभावना बनती नजर आ रही है। 

इसके साथ ही सरकारी नौकरी वालों के लिए भी यह समय अच्छा रहने वाला है। इस समय आपको सरकार से कोई पुरस्कार मिल सकता है। वहीं, कारोबारियों की बात करें तो यह समय आपके लिए भी अच्छा है। पार्टनरशिप बिजनेस से जुड़े लोगों को इस समय अच्छा लाभ मिलता दिख रहा है।

कोई अनुभवी व्यक्ति भी इस समय आपके साथ व्यवसाय में जुड़ सकता है। इससे आपको अच्छा लाभ मिलेगा। इसके अलावा शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए भी यह समय अच्छा रहने वाला है। इस समय आप भौतिक सुख-सुविधाओं का लाभ उठाएंगे। इस समय आपके पास हर तरह की सुख-समृद्धि आएगी। 

नकारात्मक प्रभाव 

इस समय आपके शरीर में आलस बढ़ सकता है। आपको महसूस होगा कि आपके अंदर किसी प्रकार की ऊर्जा की कमी है। इसके साथ-साथ आपका धन फालतू के कामों में भी खर्च हो सकता है। इस समय आप बहुत फिजूल खर्ची करने वाले हो सकते हैं। 

क्या करें?

  1. सूर्य ग्रहण में असहाय लोगों की मदद करें। 
  2. अपने पिता और भाइयों का सम्मान करें। 

क्या न करें?

  1. भाइयों संग झगड़ा करने व क्रोध करने से बचें। 
  2. मांस-मदिरा का सेवन न करें।

उपाय

  1. लाल चीजों का दान करें और हनुमान जी की पूजा करें। 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य ग्रहण फलदायक रहने वाला है। इस समय आपकी इनकम में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके साथ ही आय के नए रास्ते खुल सकते हैं। वहीं, नौकरी-पेशा लोगों की बात करें तो इस समय आपको नए मौके मिल सकते हैं। 

जॉब चेंज करने के लिए यह सही समय है। इसके अलावा आपकी कंपनी के सीनियर्स भी आपको इंक्रीमेंट देकर रोकना चाहेंगे। इस समय आपको अपने मित्र पक्ष से अच्छा लाभ होने की संभावना बन रही है। इस दौरान आपका कोई पुराना मित्र आपसे मिल सकता है। 

इसके अलावा जीवनसाथी के साथ भी आपके रिश्ते अच्छे रहेंगे। इस अवधि में आपको पारिवारिक सुख मिलेगा। इस समय आपकी रूचि धार्मिक कार्यों में भी हो सकती है। आप एक धार्मिक व्यक्ति हैं जो अपना समय अध्यात्म में बिताना पसंद करते हैं।

इस समय आप दान-परोपकार जैसे कार्यों में भी शामिल हो सकते हैं। आप सेविंग्स करने पर विश्वास करते हैं। इस दौरान आप रुपए को सही जगह इस्तेमाल कर अपने फ्यूचर को सुरक्षित करने की हर संभव कोशिश करते नजर आएंगे। 

नकारात्मक प्रभाव 

इस समय आपके अंदर आलस रह सकता है आप महसूस करेंगे कि आपके शरीर में ऊर्जा की कमी है ।अपने काम को करने के लिए। इस समय आप अपने द्वारा लिए गए निर्णय पर टिक नहीं पाएंगे आप कंफ्यूज रहेंगे।

क्या करें?

  1. अपने घर की स्त्रियों का सम्मान करें।

क्या न करें?

  1. प्रेम संबंधों और किसी के साथ भावनात्मक संबंध बनाने से बचें।

उपाय

  1. अपने पास इत्र पास रखें और ग्रहण कल के बाद उसे किसी को दान कर दें।
  2. शिवजी की पूजा करें। 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के लिए यह ग्रहण मिला-जुला प्रभाव लेकर आ रहा है। इस समय आपकी आय के नए साधन खुल सकते हैं। इसके साथ ही आय में बढ़ोतरी होने की भी संभावना बनती दिख रही है। नौकरी-पेशा लोगों की बात की जाए तो इस समय वर्क प्लेस में सीनियर्स आपके काम से खुश रहेंगे और आपको कोई नया प्रोजेक्ट सौंप सकते हैं। 

जो कि आपकी प्रोग्रेस के लिए काफी फायदेमंद रहने वाला है। इसके अलावा जो लोग काफी समय से नौकरी की तलाश में हैं उन्हें अपनी मनचाही नौकरी मिलने की प्रबल संभावना है। सरकारी नौकरी वालों के लिए भी यह समय शुभ रहने वाला है। 

इस समय आपको सरकार से पुरस्कार या सम्मान मिल सकता है। कारोबारियों की बात की जाए तो आपके फैसलों से बिजनेस में फायदा मिल सकता है। पार्टनरशिप बिजनेस से जुड़े लोगों को अच्छा मुनाफा होने की संभावना बनती दिख रही है। 

इसके अलावा अगर आप एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट या विदेशी सामान के बिजनेस से जुड़े हुए हैं तो इस समय इन्वेस्टमेंट करने से आपको फ्यूचर में काफी लाभ मिलेगा। आप भौतिक सुख-सुविधाओं की चीजों को संचय करने की हरसंभव कोशिश करेंगे। इस समय आप सेविंग्स कर अपने फ्यूचर को उज्ज्वल बना सकते हैं। 

नकारात्मक प्रभाव 

रियल इस्टेट से जुड़े मिथुन राशि के लोगों को सोच-समझकर इन्वेस्टमेंट करनी चाहिए। इस समय आपके मन में कई तरह की उलझनें रह सकती हैं और आपका मन भी बेचैन रहेगा। आपको कन्फ्यूजन भी बनी रहेगी।

क्या करें?

  1. अपने माता-पिता की सेवा करें। 
  2. गौ माता की भी सेवा करें। 

क्या न करें?

  1. किसी पर क्रोध न करें। 
  2. इस समय किसी के साथ लेन-देन करने से भी बचें।

उपाय

  1. मूंग की दाल, हरा कपड़ा और हरी चीजों का दान करें। 

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ रहने वाला है। इस समय पहले से चली आ रही सारी परेशानियां खत्म होती दिख रही हैं। आपके जीवन में आय के नए साधन खुल सकते हैं। इस समय आपकी इनकम में बढ़ोतरी होने की भी प्रबल संभावना है। 

यह ग्रहण आपकी जिंदगी में सकारात्मक प्रभाव ला रहा है। इस समय आपकी सारी उलझनें खत्म होंगी। आपके अंदर ऊर्जा का भरपूर संचार होगा और आप उसका प्रयोग अपने कार्यों के लिए करेंगे। इस समय आप काफी धन संचय कर सकते हैं जो कि भविष्य में आपके लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा। 

इसके अलावा आपकी रुचि धार्मिक कार्यों में बढ़ सकती है। आप धार्मिक कार्यक्रमों में अपना समय बिता सकते हैं। वहीं, नौकरी-पेशा लोगों के सीनियर्स उनके काम से खुश रहेंगे। कारोबारियों के साथ इस समय कोई अनुभवी व्यक्ति बिजनेस में जुड़ने का प्रस्ताव देगा। यह आपके लिए काफी फायदा देने वाला है। 

इस समय आपके जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं की कोई कमी नहीं रहेगी। आपके पास हर वह सुख है जिसकी कामना एक मनुष्य को रहती है 

नकरात्मक प्रभाव

इस समय आप दूसरों की बातों को दिल से लगा सकते हैं जो आपकी परेशानी का कारण बन सकती है। इस समय आपको दूसरों की बातों पर ज्यादा गौर नहीं करना चाहिए। अपने काम पर दें। इसके अलावा आपके पारिवारिक माहौल में भी थोड़ी उथल-पुथल रह सकती है। 

क्या करें?

  1. लाल कपड़े पहनें। 
  2. स्त्री पक्ष का सम्मान करें।

क्या न करें?

  1. माता-पिता का अपमान न करें।
  2. किसी के साथ भी धन संबंधी कार्य न करें। 

उपाय

  1. ग्रहण के बाद सफेद चीजें जैसे- दूध, दही, पनीर, आटा आदि चीजों का दान करें। 
  2. इसके साथ ही ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों के लिए यह सूर्य ग्रहण मिला-जुला परिणाम लेकर आता दिख रहा है। टेक्निकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को अच्छे लाभ मिलने की संभावना बन रही है। इस समय आपको कोई अच्छा प्रोजेक्ट मिल सकता है। इस समय आपकी वाणी मधुर रहेगी। 

लोग आपकी वाणी से आकर्षित होंगे और इस कारण आपके कई जटिल काम भी आसानी से हो जाएंगे। इस समय आप काफी ऊर्जावान रहेंगे और अपने सपनों को पूरा करने की हरसंभव कोशिश करेंगे। इस समय आप अपने भौतिक सुख-सुविधाओं को जोड़ने के लिए हर कोशिश करेंगे। 

समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और आपको नेम-फेम मिलेगा। इसके साथ ही आप अपना धन संचय कर पाएंगे। इसके अलावा अगर आप किसी कानूनी अड़चन या कोर्ट-कचहरी के किसी मामले से परेशान हैं तो आपको इससे छुटकारा मिल सकता है। इस दौरान आपके पहले से अटके हुए काम बनने की भी उम्मीद है। 

नकारात्मक प्रभाव 

इस समय आपके पारिवारिक रिश्ते अच्छे नहीं होंगे। इस दौरान आपको संतान पक्ष से भी सुख नहीं मिलेगा। इसके साथ-साथ आपका स्वास्थ्य खराब रह सकता है। आप तनाव और अनिद्रा से परेशान रह सकते हैं। 

क्या करें?

  1. आपको अपने गुरुदेव की सेवा करनी चाहिए। 
  2. अपने से बड़ों का सम्मान करें।

क्या न करें?

  1. अपने से बड़ों का अपमान न करें। 
  2. मांस-मदिरा का सेवन करने से बचें।

उपाय

  1. लोगों को गुड़ और चना बांटें। 
  2. आपको लाल चीजों का दान करना चाहिए।

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों की बात की जाए तो यह ग्रहण आपके लिए ज्यादा शुभ नहीं रहेगा। इस समय आपको नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं। अगर आप जॉब चेंज करने की सोच रहे हैं तो आपकी तलाश पूरी होती दिख रही है। 

जो लोग पार्टनरशिप बिजनेस से जुड़े हुए हैं उन्हें इस समय अच्छा मुनाफा होने की संभावना है। आप अपने कमिटमेंट समय से पहले पूरे कर लेंगे। इसके अलावा आप अपने बिजनेस की ब्रांचेज दूसरे शहरों में खोलने की प्लानिंग भी कर सकते हैं। 

इसके अलावा कन्या राशि वालों की लव लाइफ के लिहाज से भी यह समय शुभ रहने वाला है। इस समय आपको प्रेम विवाह का प्रस्ताव मिल सकता है। आपके पास पैसे की भी कमी नहीं रहेगी। 

नकारात्मक प्रभाव

इस समय आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी रहेगी। आप अपने ही फैसलों पर नहीं टिक पाएंगे। आपके मन में अपने फैसलों को लेकर हमेशा कंफ्यूजन बना रहेगा। इसके साथ-साथ आप महसूस करेंगे कि आप अपनी बनाई योजनाओं को धरातल पर नहीं उतार पा रहे हैं। आप में धैर्य की भी कमी रहेगी। आप छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान रह सकते हैं। पारिवारिक माहौल भी सही नहीं रहेगा। कोर्ट-कचहरी का कोई मामला आपको परेशान कर सकता है। 

क्या करें?

  1. पीले वस्त्र धारण करें। 
  2. अपने मामा और बुआ की सेवा करें।

क्या न करें?

  1. स्त्रियों का अपमान न करें।

उपाय

  1. हरी चीजों का दान करें और गणेश जी की पूजा करें। 

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए यह ग्रहण फायदेमंद रहने वाला है। यदि आप विदेश जाने के लिए ट्राई कर रहे थे तो इस समय आपको सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है। इसके अलावा यदि आप किसी विदेशी कार्य से जुड़े हुए हैं तो भी आपको अच्छे लाभ प्राप्त होने की पूरी संभावना बनती नजर आ रही है। 

इस समय आपके ऊपर बहुत ज्यादा जिम्मेदारियां आ सकती हैं और आप इन्हें निभाने में कामयाब रहेंगे। वर्क प्लेस में भी आप पर काम का प्रेशर रह सकता है। हालांकि, आप खुद को तनाव में न डालकर अपने काम को पूरी निष्ठा से निभाएंगे। 

इससे आपके सीनियर्स खुश होकर आपकी खूब वाह-वाही कर सकते हैं। इस समय आपके दुश्मन भी आपकी तारीफ करने से पीछे नहीं हटेंगे। कारोबारियों की बात की जाए तो इस समय आपको बिजनेस में अच्छा मुनाफा होने की संभावना बन रही है। इस समय आप अपने व्यवसाय को बढ़ाने की प्लानिंग भी कर सकते हैं।

नकारात्मक प्रभाव 

इस समय आपके खर्च बढ़ सकते हैं। आप फिजूलखर्ची कर सकते हैं। इसके साथ-साथ आप दूसरों की बातों को अनदेखा कर खुद का नुकसान कर सकते हैं। इस समय आपका गुस्सा बड़ा रह सकता है। इस कारण आपका नुकसान भी हो सकता है। 

क्या करें?

  1. सफेद कपड़े पहनें। 
  2. स्त्री पक्ष और पत्नी का सम्मान करें।

क्या न करें?

  1. पत्नी का अपमान न करें। 

उपाय

  1. सफेद चीजों का दान करें। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों की बात की जाए तो यह ग्रहण आपके लिए भी लाभकारी रहने वाला है। इस समय आपको अपने इन्वेस्टमेंट से मुनाफा होने के प्रबल योग बनते नजर आ रहे हैं। खासकर रियल इस्टेट में इन्वेस्ट करने वालों को सबसे अच्छा लाभ मिलेगा। 

इस समय आपकी इनकम के नए सोर्स खुल सकते हैं। इसके साथ ही आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होने की संभावना भी बन रही है। इसके साथ-साथ आपको वर्कप्लेस में कोई नया प्रोजेक्ट मिल सकता है और आपको करियर में आगे बढ़ाने के भी मौके मिलेंगे। 

जो लोग जॉब चेंज करना चाहते हैं उन्हें इस दौरान मनचाही नौकरी मिलने की प्रबल संभावना बनती हुई नजर आ रही है। जो लोग पार्टनरशिप बिजनेस से जुड़े हैं उन्हें अच्छा लाभ मिल सकता है। इसके साथ गई आपके बिजनेस में कोई नया व्यक्ति भी जुड़ सकता है। 

इस समय आपके पारिवारिक रिश्ते भी अच्छे रहेंगे। आप अपने लाइफ पार्टनर के साथ ज्यादा समय बिताएंगे। इस दौरान आपके पास हर तरह का सुख रहेगा। इस समय आपके पास धन संपदा की कोई भी कमी नहीं रहेगी।

नकारात्मक प्रभाव 

इस समय आपके दुश्मन बढ़ सकते हैं। आपके शत्रु आपकी छवि खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। वे आपको नीचा गिराने की हरसंभव कोशिश करेंगे। ऐसे में आपको समझदारी से काम लेना चाहिए। इस समय आपको सचेत रहना चाहिए क्योंकि आपका कोई करीबी ही आपका दुश्मन बन सकता है। 

क्या करें?

  1. इस समय सकारात्मक विचार रखें। 
  2. अपने गुस्से पर नियंत्रण रखें। 

क्या न करें?

  1. गलत संगति में जाने से बचें। 
  2. लड़ाई झगड़ों से दूर रहें।

उपाय

  1. लाल मसूर और लाल कपड़ा दान में दें। 

धनु राशि 

धनु राशि वालों की बात करें तो यह ग्रहण आपके लिए ज्यादा शुभ नहीं रहेगा। इस समय आप बेचैनी और मानसिक पीड़ा महसूस कर सकते हैं। आपको अकेलापन महसूस हो सकता है। आपको महसूस होगा कि आपके परिवार के लोग भी आपकी भावनाओं को नहीं समझ पा रहे हैं। 

इस समय आपके वर्क प्लेस में तनाव का माहौल रह सकता है। आप पर काम का प्रेशर रह सकता है और आप तनाव में आकर कोई गलती कर सकते हैं। इसके चलते आपके सीनियर आपसे नाराज रह सकते हैं। इसके साथ-साथ आपके शत्रु मौके का फायदा उठाकर आपकी छवि खराब करने की कोशिश करेंगे। 

सरकारी नौकरी करने वाले लोगों का ट्रांसफर होने के भी योग बन रहे हैं जो आपकी इच्छा के खिलाफ होगा। इस समय भाग्य आपका साथ नहीं देगा। आपको कई परेशानियां घेर सकती हैं। आपके बनते-बनते काम में विघ्न आ सकता है। आप कड़ी मेहनत के बावजूद भी खुद को हारा हुआ महसूस कर सकते हैं। 

क्या करें?

  1. अपने से बड़ों का सम्मान करें। 

क्या न करें?

  1. मानसिक तनाव व चिंता से दूर रहें।

उपाय

  1. पीली दाल व पीला कपड़ा दान करें। 
  2. भगवान विष्णु की पूजा करें। 

मकर राशि

मकर राशि वालों की बात करें तो यह सूर्य ग्रहण आपके लिए लाभकारी सिद्ध होने वाला है। इस समय आपको भाग्य का साथ मिलेगा और आपके बिगड़े हुए काम बनने लगेंगे। इस दौरान आपको अचानक कहीं से धन लाभ होने की प्रबल संभावना है। 

आपको अटका हुआ पैसा मिलेगा और गुप्त धन भी मिल सकता है। इस समय आप लग्जरियस लाइफ जिएंगे। आपके पास हर तरीके की सुख-सुविधाएं होंगी। इस समय आपकी आमदनी के स्रोत बढ़ सकते हैं। इस समय आप नई प्रॉपर्टी या गाड़ी खरीद सकते हैं। 

शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने वालों के लिए यह समय अच्छा रहेगा। वर्क प्लेस की बात करें तो आपके सीनियर आपसे खुश होकर आपके प्रमोशन की बात कर सकते हैं। कारोबारियों की बात की जाए तो इस समय कोई अनुभवी व्यक्ति आपके बिजनेस में इन्वेस्ट कर सकता है। 

आप अपने कमिटमेंट समय से पहले पूरे करेंगे जिससे ग्राहक आपसे आकर्षित रहेंगे। स्टूडेंट्स की बात करें तो उनके लिए भी यह समय शुभ है। इस समय आपको कॉम्पटेटिव एग्जाम में अच्छे रिजल्ट मिलते दिख रहे हैं। 

नकारात्मक प्रभाव 

इस समय आपके खर्चे बढ़ सकते हैं। आपको खर्चों पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। इसके अलावा आपके पारिवारिक रिश्तों में अनबन रह सकती है। आपके अपने जीवनसाथी के साथ भी लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं और आपके बीच मनमुटाव हो सकता है। 

क्या करें?

  1. आपको काले कपड़े पहनने चाहिए।

क्या न करें?

  1. मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें।

उपाय

  1. काले तिल, उड़द की काली दाल, काला कपड़ा और लोहे का दान करें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण अच्छा रहने वाला है। इस समय आपको अपनी कड़ी मेहनत के रिजल्ट मिलेंगे। यह आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। इस समय भाग्य का साथ मिलने से आपके कई काम बन सकते हैं। इसके साथ-साथ आपको गुप्त धन या अटका हुआ धन मिल सकते हैं। 

इस दौरान आप भौतिक सुख-सुविधाओं का लाभ उठाएंगे। अगर आप प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करते हैं तो आपको अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं। इसके अलावा अगर आप कोई पुरानी प्रॉपर्टी बेचना चाह रहे थे तो इस समय उसका अच्छे दाम में सौदा होगा।

वर्कप्लेस की बात की जाए तो इस समय आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी और इससे आपको अच्छे परिणाम भी मिलेंगे। आपके सीनियर्स आपके काम से खुश हो सकते हैं। सरकारी नौकरी वाले छुट्टी लेकर अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं। पार्टनरशिप में बिजनेस करने वालों की कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है। 

नकारात्मक प्रभाव

इस दौरान आपको काफी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। आपका ज्यादा समय यात्राओं में ही गुजरेगा। इसके साथ ही इस समय संतान पक्ष से आपको सुख प्राप्त नहीं होगा। पारिवारिक रिश्ते भी खास नहीं रहेंगे। इसके अलावा कुछ लोगों का ट्रांसफर अनचाही जगह हो सकता है। 

क्या करें?

  1. इस सूर्य ग्रहण में आप ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा करें। 
  2. अपने विचारों को सकारात्मक रखें।

क्या न करें?

  1. किसी के लिए भी कटु वाणी का प्रयोग न करें।

उपाय

  1. नारियल, काला कपड़ा व सरसों के तेल का दान करें। 

मीन राशि 

मीन राशि वालों की बात की जाए तो यह ग्रहण आपके लिए मिला-जुला रहने वाला है। इस समय आपको संतान पक्ष से काफी लाभ होने की संभावना है। आपको संतान सुख मिलेगा। अगर आप विदेश जाने की सोच रहे हैं तो आपको कोई पॉजिटिव न्यूज़ मिल सकती है। 

इस समय विदेशी बिजनेस या कंपनी से जुड़े लोगों को अच्छा धन लाभ मिलता दिख रहा है। नौकरी-पेशा लोगों पर वर्कप्लेस में तनाव व वर्क लोड रह सकता है। हालांकि, आप अपनी सूझ-बूझ और धैर्य से काम कर अपने सीनियर्स का दिल जीत सकते हैं। 

बिजनेस करने वालों की बात करें तो इस दौरान आपके कारोबार में कोई अनुभवी व्यक्ति जुड़ सकता है। इस समय आपको किस्मत का भी साथ मिलेगा। आप सेविंग्स करने के साथ ही अपने शौक पूरे करने में भी काफी रुपए खर्च कर सकते हैं। शेयर मार्केट में निवेश करने वालों को अभी किए गए इन्वेस्टमेंट से फ्यूचर में अच्छा मुनाफा मिलेगा। 

नकारात्मक प्रभाव

इस समय आप खुद को आलसी महसूस कर सकते हैं। आपके अंदर ऊर्जा की कमी रहेगी। आपको थकान महसूस होगी। आपका मन कामकाज में नहीं लगेगा। आप इस समय किसी भी चीज से जल्दी ऊब जाएंगे। इस समय आपको यात्राएं भी काफी करनी पड़ेगी।

क्या करें?

  1. मछली को दाना खिलाएं। 
  2. पीले वस्त्र पहनें। 

क्या न करें?

  1. किसी के बहकावे में न आएं। 
  2. दुष्ट जनों की संगति न करें।

उपाय

  1. पीली चीजों का दान करें। 

अगस्त में बनेगा त्रिग्रही योग, इन राशि वालों की होगी बल्ले-बल्ले

इस बार अगस्‍त में ग्रहों की चाल धमाल मचाने वाली है। इससे आपकी किस्मत तो बदल ही सकती है साथ ही आप मालामाल भी हो सकते हैं। दरअसल, सिंह राशि में त्रिग्रही योग बनने जा रहा है। त्रिग्रही योग यानी जब एक ही राशि या भाव में 3 ग्रह एक साथ युति करें। सिंह राशि में ये योग करीब एक वीक तक रहेगा। 

दरअसल, सिंह राशि में 22 अगस्त तक बुध महाराज विराजमान रहेंगे। वहीं, 16 अगस्त को सूर्यदेव सिंह राशि में ट्रांजिट करेंगे। इसके साथ ही 25 अगस्त तक शुक्र महाराज भी सिंह राशि में रहने वाले हैं। यानी 16 अगस्त से 22 अगस्त तक ये तीनों ग्रह सिंह राशि में रहेंगे। आज के ब्लॉग में हम जानेंगे इस त्रिग्रही योग से किन-किन राशि वालों को अच्छा मुनाफा मिलने वाला है। 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए यह योग बहुत शुभ रहेगा। इस समय किस्मत का साथ मिलने से आपके रुके हुए काम बनने लगेंगे। इसके साथ ही आपका फंसा हुआ रुपया भी वापस मिलेगा। इसके अलावा आपको बिजनेस में फायदा होगा। आपको अपने बच्चों की ओर से पॉजिटिव न्यूज़ मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा आप इस समय लग्जरी में पैसा खर्च कर सकते हैं। 

कर्क राशि

कर्क राशि वालों की बात करें तो आपके लिए भी त्रिग्रही योग अच्छे फल देने वाला साबित होगा। इस समय आप टाइम मैनेजमेंट करने में अन्य लोगों से आगे रहेंगे। इस समय आपकी बात में दम रहेगा और उसका असर भी देखने को मिलेगा। वहीं, इस समय आपको धन लाभ के कई मौके मिलेंगे और आपकी सुख-सुविधाओं में भी इजाफा होगा। 

धनु राशि

अब बात करते हैं धनु राशि वालों की। इस समय आपको मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी होती दिख रही हैं। इसके साथ ही वर्कप्लेस में आपका रुतबा बढ़ेगा और आपके नाम कोई बड़ी उपलब्धि आ सकती है। वहीं, किस्मत का साथ मिलने से सोसायटी में आपका नेम-फेम बढ़ेगा। इसके साथ ही आपकी फाइनेंशियल सिचुएशन भी अच्छी होगी।

रुद्राक्ष पहनते समय किन बातों का रखें ध्यान? इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं। 

 

सावन में करें इन चीजों का दान, खुलेंगे तरक्की के रास्ते!

सावन बाबा भोलेनाथ का प्रिय महीना है। सावन में बाबा को रिझाकर उनका आशीर्वाद पाने के लिए तरह-तरह के उपाय किये जाते हैं। क्या आपको पता है कि सावन में आप भी कुछ चीजें दान कर बाबा का आशीर्वाद पा सकते हैं। अगर आप भोले भंडारी की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको निम्न चीजें दान करनी चाहिए-

गुड़ का दान

फाइनेंशियल क्राइसिस के दौर से गुजर रहे लोगों को सावन में गरीब और जरूरतमंद लोगों को गुड़ दान करना चाहिए। माना जाता है कि इससे व्यक्ति के फाइनेंशियल हर्डल कम होते हैं।  

चावल का दान 

एस्ट्रोलॉजी के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में होते हैं उन्हें गरीबों को चावल दान में देना चाहिए। इसके साथ ही चावल की खीर का भोग बाबा भोलेनाथ को लगाने के बाद प्रसाद में बांटने से भी चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। 

चांदी के शिवलिंग का दान 

सावन के सोमवार को चांदी के शिवलिंग को मंदिर में दान करने का विशेष महत्त्व है। इससे व्यक्ति की हर इच्छा पूरी होती है और उसकी सफलता के रास्ते खुलते हैं। 

नाग नागिन के जोड़े का दान 

एस्ट्रोलॉजी में माना जाता है कि सावन के सोमवार को चांदी या तांबे से बना नाग-नागिन का जोड़ा दान करने या उसे नदी में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष का नेगेटिव इम्पैक्ट कम होता है। इसके साथ ही राहु-केतु ग्रह भी शांत होते हैं। 

रुद्राक्ष का दान 

माना जाता है कि जो लोग फिजिकली और मेंटली परेशान होते हैं उन्हें सावन में रुद्राक्ष का दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसका मान-सम्मान भी बढ़ता है। 

तिल का दान 

माना जाता है कि सावन में शनिवार को काले तिल दान करने से शनि महाराज के नेगेटिव इम्पैक्ट कम होते हैं। इसके साथ ही शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या में भी व्यक्ति को राहत मिलती है।

 सावन माह में महादेव को कौनसे पुष्प चढ़ाकर प्रसन्न कर सकते हैं, इसके बारे में जानने के लिए दिये गए लिंक पर click करें।

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गुरु चांडाल योग कितना खतरनाक ? जानें क्या है इस दोष से बचने के उपाय !

गुरु चांडाल योग ज्योतिष में एक विवादास्पद अवधारणा है। इसे अक्सर अशुभ माना जाता है। हालांकि, ज्योतिष सिर्फ भविष्यवाणी नहीं है, बल्कि ग्रहों की ऊर्जा को समझने का एक उपकरण भी है। गुरु चांडाल योग की ज्योतिषीय स्थिति को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने पर इसमें निहित कुछ छिपी हुई क्षमताएं उभर कर आती हैं।  आइये सबसे पहले ‘गुरु चांडाल योग’ का मतलब समझते है। यहां “गुरु” का मतलब बृहस्पति ग्रह से है। देव गुरु बृहस्पति ज्ञान एवं बुद्धि के कारक ग्रह है। बृहस्पति को देवताओं का गुरु कहा जाता है। वही “चांडाल”  शब्द का अर्थ है दानव या राक्षस, जबकि “योग” का मतलब होता है, जुड़ना यानि की देवताओं के गुरु बृहस्पति का दानवों के साथ जुड़ना।   

गुरु चांडाल योग का निर्माण 

  • जब कुंडली में गुरु और राहु एक साथ किसी भाव में उपस्थित हो तब चांडाल योग का निर्माण होता है। अपने कई बार सुना होगा कि गुरु और केतु भी मिलकर चांडाल दोष का निर्माण करते  है , लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। गुरु और केतु मिलकर  “गरुड़ध्वज योग” का निर्माण करते है। इस योग की चर्चा फिर कभी करेंगे। 
  • कुंडली में जब भी चांडाल दोष दृष्टि सम्बन्ध से बनता है तो वो उतना प्रभावी नहीं होता है जितना प्रभावी युति सम्बन्ध होने से होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राहु अपनी 5, 7, 9 दृष्टि बृहस्पति के ऊपर डालता है तो यह दृष्टि सम्बन्ध से बनने वाला गुरु चांडाल योग कहलाता है। 
 

गुरु चांडाल योग या दोष

  • सबसे पहले यह जानने की कोशिश करते है कि गुरु राहु की युति “योग” है या “दुर्योग”, क्योंकि जहां गुरु को पॉजिटिव ग्रह बोला जाता है तो राहु को नेगेटिव ग्रह। 
  • गुरु आपको ज्ञान, बुद्धि, विवेक और संतान की प्राप्ति करवाता है। 
  • ज्योतिष में, बृहस्पति को विस्तार, सकारात्मकता, शिक्षा, भाग्य, आशावाद और न्याय के कारक के रूप में देखा जाता है।
  • एक मजबूत गुरु व्यक्ति को धर्मनिष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान करता है। 
  • गुरु कुंडली में जहां पर भी बैठेगा उस भाव के फल को कई अधिक गुना बढ़ा देगा और यह काम राहु भी करता है। 
  • राहु आपकी इच्छा है। यह अहंकार, भ्रम, जुनून और असाधारण इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करता है। 
  • ज्योतिष में राहु को अक्सर अपरंपरागत और विद्रोही ऊर्जा से जोड़ा जाता है। 
  • राहु को छाया ग्रह बोला जाता है, क्योंकि राहु जिस भी ग्रह के साथ बैठता है उस ग्रह के सारे गुण अपना लेता है। और उसी ग्रह की तरह परिणाम देता है।  
 

राजयोग

पाराशर ज्योतिष के आधार पर जब भी कोई केंद्र या त्रिकोण का स्वामी केंद्र या त्रिकोण में राहु के साथ स्थित हो तो यह एक राजयोग कहलाता है। क्योंकि राहु उस ग्रह के सारे गुण अपना लेता है।  इस योग का फल जानने के लिए सबसे पहले आपको यह देखना पड़ेगा कि 
  1. यह योग कुंडली के किस भाव में बना हुआ है तथा गुरु किन भावों का स्वामी है। गुरु अगर केंद्र या त्रिकोण का स्वामी होकर केंद्र या त्रिकोण में बैठा हो तो गुरु चांडाल दोष आपके लिए एक राजयोग की तरह होगा। जैसे कि…
  •  गुरु आपके पंचम भाव का स्वामी होकर आपकी लग्न में राहु के साथ बैठ जाता है तो, यह युति आपके ज्ञान में वृद्धि करेगी। आपको कई तरह के विषयों का ज्ञान होगा। 
  •  गुरु आपके नवम भाव का स्वामी होकर राहु के साथ अगर लग्न में बैठेगा तो, आपको धार्मिक बना देगा। आपको तरह-तरह के मंत्र याद होंगे।  
वही गुरु अगर 6 ,8 और 12 का स्वामी है तो तो यह योग आपके लिए दुर्योग साबित होगा। क्योंकि अगर इन तीनों ही भाव की अधिकता की जाए तो आपके जीवन में परेशानियां काफी ज्यादा हद्द तक बढ़ जाएँगी।    2 . दूसरी चीज़ जो आपको विशेष तौर पर ध्यान रखनी होगी कि गुरु और राहु की अंशात्मक दुरी कितनी है। दोनों ही ग्रह के बीच में 8 -10 डिग्री का अंतर होना चाहिए। अगर दोनों ही ग्रह का अंतर 10 डिग्री से कम है तो यह युति ज्यादा प्रभाव देगी। वहीं 10 डिग्री से ज्यादा का अंतर है तो आपको इस योग के फल कम देखने को मिलेंगे।  3 .आपको दोनों ग्रहों में से बलि ग्रह को देखना होगा। दोनों ही ग्रहों में से अगर गुरु बलि है तो गुरु चांडाल योग का प्रभाव सकारात्मक रूप में देखने को मिलेगा। वहीं राहु बलि हुआ तो आपको नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे।   4. आपकी कुंडली में चल रही दशा भी योग के प्रभाव को सक्रिय करती है। राहु या गुरु की महादशा या अंतर्दशा के दौरान गुरु चांडाल योग का प्रभाव अधिक प्रबल हो सकता है। 5. यदि गुरु कुंडली में राहु के नक्षत्र में विराजमान हो और राहु के साथ उपस्थित हो तब इस योग का प्रभाव अधिक देखने को मिलेगा।   

गुरु चांडाल योग के सकारात्मक प्रभाव : 

  • नवाचार और रचनात्मकता: 

गुरु ज्ञान और परंपरा का कारक ग्रह है। वहीं राहु विद्रोही स्वभाव और अपरंपरागत सोच का प्रतिनिधित्व करता है। गुरु चांडाल योग में इन दोनों ग्रहों की युति या दृष्टि एक ऐसी ऊर्जा का निर्माण करती है, जो नई चीजों को सीखने और परंपरागत तरीकों को चुनौती देने की प्रेरणा देती है। यह वैज्ञानिकों, कलाकारों, उद्यमियों और खोजकर्ताओं के लिए विशेष रूप से लाभदायक हो सकता है।
  • सामान्य से हटकर समस्या समाधान: 

राहु जहाँ जहाँ जाता है, वहां सवाल खड़ा करता है और परंपरा को चुनौती देता है। गुरु के मार्गदर्शन में, यह ऊर्जा अनूठे समाधान खोजने और रूढ़ीवादिता को तोड़ने में मदद कर सकती है। जटिल समस्याओं का समाधान निकालने के लिए नए तरीके अपनाने की क्षमता गुरु चांडाल योग का एक सकारात्मक पहलू है।
  • आध्यात्मिक जागृति: 

गुरु आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन का कारक है। वहीं राहु आध्यात्मिक जिज्ञासा जगाता है। यह योग गहन आत्म विश्लेषण और सच्ची समझ को जगाने में सहायक हो सकता है। परंपरागत धर्म के अलावा आध्यात्मिकता के नए आयामों को खोजने की प्रेरणा मिल सकती है।
  • दृढ़ संकल्प और महत्वाकांक्षा: 

राहु की महत्वाकांक्षा और गुरु का दृढ़ संकल्प मिलकर व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास करने की प्रेरणा दे सकता है। यह जुनून और जल्दी सफलता पाने की इच्छा सकारात्मक हो सकती है, बशर्ते उसे नैतिक दिशा दी जाए।  
  • अदृश्य क्षमताओं का विकास: 

कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि गुरु चांडाल योग जातक में छिपी हुई प्रतिभाओं और अलौकिक क्षमताओं को उभारने में सहायक हो सकता है। यह अंतर्ज्ञान, टेलीपैथी या आभा देखने जैसी शक्तियों को जगा सकता है। हालांकि, इन क्षमताओं को विकसित करने के लिए साधना और सकारात्मक मार्गदर्शन जरूरी होता है।  

गुरु चांडाल योग के नकारात्मक प्रभाव : 

  • ज्ञान का दुरुपयोग:

गुरु ज्ञान और विवेक का कारक ग्रह है। राहु के प्रभाव में आने से व्यक्ति ज्ञान का दुरुपयोग कर सकता है। उदाहरण के लिए, कोई वकील अपनी कानूनी विशेषज्ञता का उपयोग झूठ बोलने या कानून को तोड़ने में कर सकता है। इसी प्रकार, शिक्षक ज्ञान का दुरुपयोग छात्रों को गुमराह करने के लिए कर सकता है।  
  • अधूरी शिक्षा और कौशल का अभाव: 

राहु भ्रम का कारक है। गुरु चांडाल योग के प्रभाव में व्यक्ति को लग सकता है कि वह किसी विषय में जानकार है।  जबकि वास्तव में उसकी समझ अधूरी हो सकती है। यह शिक्षा और कौशल विकास में बाधा उत्पन्न कर सकता है।  
  • असंयमित महत्वाकांक्षा और लालच:

राहु महत्वाकांक्षा और जुनून का कारक है। जब भी गुरु राहु के प्रभाव में आता है तो व्यक्ति की  महत्वाकांक्षा अत्यधिक बड़ जाती है। वह व्यक्ति लालच पूर्ण हो सकता है। व्यक्ति जल्दी सफलता पाने के लिए गलत रास्ते अपना सकता है।
  • कानूनी परेशानियां: 

राहु कानून और अधिकार का विरोध करता है। गुरु चांडाल योग के प्रभाव में व्यक्ति कानूनी परेशानियों में फंस सकता है।
  • आत्मसम्मान की कमी और हीन भावना: 

राहु अहंकार और हीन भावना दोनों का कारक हो सकता है। गुरु चांडाल योग के प्रभाव में व्यक्ति अहंकारी बन सकता है या दूसरों से अपनी तुलना करके हीन भावना से ग्रस्त हो सकता है। यह दोनों ही स्थितियां आत्म-सम्मान को कम करती हैं।
  • आध्यात्मिक पथ से भटकना: 

गुरु ज्ञान और आध्यात्मिक विकास का कारक है। राहु के प्रभाव में व्यक्ति आध्यात्मिक पथ से भटक सकता है। वह गलत गुरु या पंथ के चक्कर में फंस सकता है।           

ज्योतिषीय समाधान और आत्मिक सुधार

ज्योतिषीय समाधान-

  • ग्रह मंत्र जप: 

ज्योतिष में, मंत्रों का जाप विशिष्ट ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करने और मजबूत करने के लिए किया जाता है। गुरु चांडाल योग के मामले में, निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना जाता है:

1. गुरु मंत्र

 “ॐ बृहस्पते नमः” या “ॐ गुरु नमः” 

  नोट: इस मंत्र के नियमित जाप से बृहस्पति ग्रह को मजबूत किया जा सकता है और ज्ञान, विवेक और सकारात्मक निर्णय लेने की क्षमता प्रदान होती है।  

2. विष्णु मंत्र– 

“ॐ विष्णवे नमः” 

नोट: भगवान विष्णु को भी गुरु का कारक माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है और नकारात्मक प्रवृत्तियों से बचाता है।  

3. शिव मंत्र-

“ॐ नमः शिवाय”

नोट: भगवान शिव को भी गुरु का कारक माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को अहंकार और भ्रम से दूर रहने की शक्ति मिलती है।

  • रत्न ज्योतिष: 

रत्न ज्योतिष में, विभिन्न रत्नों को विशिष्ट ग्रहों से संबंधित माना जाता है। गुरु चांडाल योग को संतुलित करने के लिए आप निम्नलिखित रत्नों में से कोई एक धारण कर सकते हैं:  

1. पीला पुखराज-

नोट :यह पुखराज रत्न बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधि माना जाता है। इसे सोने या पीतल की अंगूठी में धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और ज्ञान में वृद्धि होती है।  

2. पीला नीलम- 

नोट :यह रत्न भी बृहस्पति ग्रह से संबंधित माना जाता है। पीले नीलम को धारण करने से भाग्य का समर्थन मिलता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।  

3. गोमेद- 

नोट :राहु का कोई सीधा प्रतिनिधि रत्न नहीं है, लेकिन गोमेद रत्न इसकी छाया को संतुलित करने में सहायक माना जाता है। गोमेद को चांदी की अंगूठी में मध्यमा उंगली में धारण करने से अहंकार और भ्रम को कम करने में मदद मिलती है।
  • पूजा-अनुष्ठान: 

ज्योतिषीय अनुष्ठान और पूजा-पाठ करना भी गुरु चांडाल योग के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। आप कर सकते हैं:  

1. गुरुवार की पूजा-

नोट –गुरुवार बृहस्पति ग्रह का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु या भगवान दत्तात्रेय की पूजा करना और पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।  

2. शिवलिंग अभिषेक 

नोट :प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर जल या दूध से अभिषेक करना और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायक होता है।  

3. हवन- 

नोट :वैदिक ज्योतिष में हवन का विशेष महत्व है। आप गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए पीले पुष्पों और पीली आहुति सामग्री से हवन करवा सकते हैं।
  • नैतिक आचरण: 

गुरु ज्ञान और धर्म का कारक ग्रह है। नैतिक आचरण बनाए रखना और सत्य के मार्ग पर चलना गुरु ग्रह को प्रसन्न करता है। झूठ, धोखा और अनैतिक कार्यों से बचें।
  • ज्ञानार्जन: 

गुरु ज्ञान का कारक ग्रह है। निरंतर ज्ञानार्जन और शिक्षा ग्रहण करना गुरु को मजबूत करता है। नई चीजें सीखने की जिज्ञासा रखें, पुस्तकें पढ़ें और ज्ञानी लोगों का संग करें।
  • धैर्य और संयम: 

धैर्य और संयम रखना गुरु ग्रह के गुण हैं। जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें। क्रोध, लोभ, ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं पर नियंत्रण रखें।
  • सकारात्मक दृष्टिकोण: 

सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें और आशावादी बने रहें। नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी न होने दें। हर परिस्थिति में सकारात्मक पक्ष खोजने का प्रयास करें।
  • सेवा और दान: 

गुरु दान और परोपकार का भी कारक ग्रह है। जरूरतमंदों की सहायता करें और दान का कार्य करें। गुरुवार के दिन पीले रंग की वस्तुओं का दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • योग और ध्यान: 

योग और ध्यान का अभ्यास न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि ग्रहों के प्रभाव को भी संतुलित करने में सहायक होता है। नियमित रूप से योगाभ्यास करें और ध्यान लगाए।   

इन जानें-मानें लोगों की कुंडली में हैं चांडाल योग

1. राहुल गांधी:

 जन्म तिथि- 18 जून 1970, जन्म समय- 21:52 pm, जन्म स्थान- दिल्ली   राहुल गांधी की मकर लग्न है। इनके द्वितीय भाव में राहु विराजमान है। वही देखें तो द्वितीय भाव के स्वामी शनिदेव महाराज इनके चतुर्थ भाव में नीच राशि में स्थित है। यहां राहु नीच शनि के जैसे परिणाम देगा। राहु अपनी नवम दृष्टि से गुरु को देख रहा है। गुरु दशम भाव में विराजमान है। इसके चलते इनको अपने कार्यक्षेत्र में अत्यधिक मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही है।   

2 . पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जनरल परवेज मुशर्रफ-  

जन्म तिथि- 11 अगस्त 1941, जन्म समय- 05:00 AM, जन्म स्थान- दिल्ली     जनरल मुशर्रफ़ की कर्क लग्न है। इनकी लग्न में ही गुरु चांडाल दोष बना हुआ है। यहां राहु लग्न में बैठकर लग्नेश की तरह व्यवहार करेगा। वही गुरु इनके छठे और नवम भाव के स्वामी है। राहु ने गुरु को महाबली बना दिया है। इनके द्वितीय भाव [धन भाव] के स्वामी सूर्य देव लग्न में स्थित है। ग्रहों की यह स्थिति इनकी कुंडली में महाधनी योग बनती है। लेकिन राहु की महादशा में गुरु ने छठे भाव के परिणाम दिए और इनको कोर्ट कचहरी के चक्कर लगवाए।