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सावन विशेष: शिवलिंग पर कौनसा फूल चढ़ाने का है क्या फल?

सावन का महीना भोले के भक्तों के लिए सबसे खास होता है। इस समय भक्त शिव जी को रिझाने के लिए निर्मल मन से उनकी पूजा करते हैं। सावन में आप भगवान शिव की कृपा पाने और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय कर रहे होंगे।

क्या आपको पता है कि शिवलिंग पर कौनसा फूल चढ़ाकर आप अपनी किस्मत बदल सकते हैं। सावन में भगवान भोले की कृपा पाने के लिए आपको अलग-अलग तरह के फूल शिवलिंग पर चढ़ाने चाहिए। आप शिवजी को धतूरे, बेला, हरसिंगार, शमी और आंक के फूल चढ़ा सकते हैं। 

किस फूल को चढ़ाने का क्या है फल?

  • भगवान शिव को शमी के फूल चढ़ाने से शनि महाराज के नेगेटिव इम्पैक्ट कम होते हैं। 
  • बाबा भोले को बेला का फूल चढ़ाने से वे व्यक्ति की मनचाही मुराद पूरी करते हैं। 
  • भगवान शिव को आंक का फूल चढ़ाने से मोक्ष मिलता है।
  • सावन में भगवान शिव को धतूरे का फूल या फल चढ़ाने से गरीबी खत्म होती है और व्यक्ति फाइनेंशियली ग्रो करता है।  
  • सावन में बाबा को हरसिंगार यानी पारिजात के फूल चढ़ाने से मैरिड कपल के रिलेशनशिप में नजदीकियां आती हैं और दोनों के बीच अच्छा तालमेल बनता है। 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।  

सावन विशेष: शिवलिंग की परिक्रमा में बरतें क्या सावधानियां?

सावन का महीना शुरू होते ही हर ओर माहौल शिवमय हो चुका है। हर कोई शिवजी की भक्ति में मगन है और सभी बाबा को रिझाने में जुटे हुए हैं। शिव भगवान अपने भक्तों से जल्दी खुश हो जाते हैं।

वे अपने भक्तों की थोड़ी-सी सेवा और भक्ति से खुश हो जाते हैं लेकिन क्या आपको पता है उनकी पूजा से जुड़े कुछ नियम भी हैं? इन नियमों में से ही एक है शिवलिंग की परिक्रमा करने के नियम।

माना जाता है कि मूर्ति की परिक्रमा से व्यक्ति के थॉट्स पॉजिटिव होते हैं और नेगेटिविटी खत्म होती है। इसके साथ ही परिक्रमा करने से पुण्य भी बढ़ता है। आपको हम आज के लेख में बताएंगे कि शिवलिंग की परिक्रमा करने का विशेष नियम क्या है?

शिवलिंग की परिक्रमा के नियम- 

दरअसल, शिवलिंग की आधी परिक्रमा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग की जलाधारी को नहीं लांघना चाहिए, यानी शिव लिंग की परिक्रमा को जलाधारी तक पहुंचने पर ही पूरा मान लिया जाता है। 

शिवलिंग की परिक्रमा राइट यानी दाहिने हाथ की ओर से शुरू करनी चाहिए। 

परिक्रमा करते समय आपको शिवजी से प्रार्थना करनी चाहिए कि मेरे द्वारा जाने-अनजाने में और पूर्वजन्मों में भी भी किए गए सभी पाप इस प्रदक्षिणा के साथ-साथ नष्ट हो जाएं। हे प्रभु! मुझे अच्छी बुद्धि प्रदान करें और मेरे रोग-शोक का नाश करें।

 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।