इस बार सर्वार्थ सिद्धि व आयुष्मान योग से शुरू होगा श्रावण मास

क्या आपको पता है कि इस बार सावन का महीना कई मायनों में खास रहने वाला है। दरअसल, इस बार सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसके पहले ही दिन सोमवार पड़ रहा है। इस बार सावन के महीने की शुरुआत दो अच्छे योगों- सर्वार्थ सिद्धि व आयुष्मान योग के साथ हो रही है। इसके साथ ही इस बार सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं जिसे भी शुभ संकेत माना जाता है।

सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व

सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्त्व है। माना जाता है कि सावन में जो भी व्यक्ति भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वरदान मिलता है। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा स्ट्रांग होता है। इसके अलावा राहु-केतु के नेगेटिव इम्पैक्ट भी दूर होते हैं। इस समय दूध दान करने का विशेष महत्त्व बताया गया है। 

पूजा विधि 

सावन में भगवान शिव का दूध, दही, शक्कर, गाय के घी, शहद, पंचामृत और जल से अभिषेक करना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें बिल्व पत्र, आक का फूल, धतूरा, धतूरे का फूल, पान-सुपारी, सफेद चंदन, लाल चंदन, अक्षत, कपूर, इत्र और सफेद वस्त्र अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा शिव स्तुति, ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए। इस समय भगवान शिव को भोग लगाने के बाद कपूर की आरती करके ही भोजन करना चाहिए।

सावन सोमवार तिथि 

सावन का पहला सोमवार व्रत – 22 जुलाई, 2024

सावन का दूसरा सोमवार व्रत – 29 जुलाई, 2024

सावन का तीसरा सोमवार व्रत – 5 अगस्त, 2024

सावन का चौथा सोमवार व्रत – 12 अगस्त, 2024

सावन का पांचवां सोमवार व्रत – 19 अगस्त, 2024

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देवशयनी एकादशी: जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

देवशयनी एकादशी का पर्व इस बार 17 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जायेंगे। इस बार की देवशयनी एकादशी कई मायनो में महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इस बार 5 शुभ संयोग बन रहें हैं। ये योग हैं- शुभ योग, शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और इन सबके साथ अनुराधा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग है। 

इस बार की तिथि का आरंभ व समापन-

आषाढ़ शुक्ल एकादशी ति​थि का आरंभ:- 16 जुलाई, मंगलवार, रात 8:33 बजे से

आषाढ़ शुक्ल एकादशी ति​थि का समापन:- 17 जुलाई, बुधवार, रात 9:2 बजे तक

पूजा का शुभ मुहूर्त: 17 जुलाई की सुबह 5:34 बजे से

देवशयनी एकादशी के व्रत पारण का समय: 18 जुलाई, सुबह 5:35 बजे से 8:20 बजे के बीच

पारण के दिन द्वादशी का समापन: रात 8:44 बजे 

शुभ योग का समय इस प्रकार है-

  1. शुभ योग: प्रात:काल से लेकर सुबह 7:05 बजे तक
  2. शुक्ल योग: सुबह 07:05 बजे से 18 जुलाई को सुबह 6:13 बजे तक 
  3. सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:24 बजे से 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक
  4. अमृत सिद्धि योग: सुबह 5:24 बजे से 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक
  5. अनुराधा नक्षत्र: प्रात:काल से लेकर 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक

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