आज हम बात कर रहे है कालाष्टमी के बारे में , ये व्रत हर महीने की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है, जिसमें भगवान शिव के काल भैरव स्वरुप की पूजा की जाती है। इस बार 27 जुलाई को यह व्रत रखा जायेगा। इस बार की कालाष्टमी इसलिए भी विशेष हो जाती है क्योंकि ये श्रावण मास की मासिक कालाष्टमी है।
उपाय
काल भैरव अष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा करने से राहु व केतु के दोष से मुक्ति मिलती है।
इस दिन की हुई भैरवनाथ की पूजा से घर में मौजूद नेगेटिव एनर्जी दूर होती है।
अगर कोई परेशानी बहुत समय से है तो, आप इस दिन रोटी लेें और उस पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने के लिए देें।
पारिवारिक समस्या सुलझाने के लिए शिव चालीसा का पाठ करेें।
सभी तरह के सुख पाने के लिए इस दिन काल भैरव के सामने सरसों के तेल से भरा दिया जलाये, और इस मंत्र का जाप करें “ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ”।
बुरी नज़र से बचने के लिए इस दिन काला धागा भैरव नाथ के चरणों में अर्पित करने के बाद उसे अपने सीधे पैर में बाँध लें।
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इष्ट देव अर्थात अपने अराध्य को याद करने से ही हमारे कई बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं। दोस्तों, ईश्वर की कृपा मनुष्य जीवन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हीं की कृपा से हमें जीवन में सुख-शांति मिलती है। उनका आशीर्वाद ही हमें जीवन में समृद्धिवान बनाता है और हमें अपने तमाम दुखों का सामना करने की शक्ति देता है।
ऐसे में अक्सर लोग ये प्रश्न लेकर आते हैं, ये सवाल करते हैं कि हमारे इष्ट देवी या देवता कौन हैं और हमें आखिर किन भगवान की पूजा करनी चाहिए?
इसलिए आज हम बात करेंगे कि आखिर आपकी जन्म तारीख से आप कैसे आसानी से जान सकते हैं कि आपके इष्ट देवी-देवता कौन है।
मूलांक 1 इष्ट देव
इष्ट देव मूलांक 1 के लिए : अगर आप का मुख्य अंक 1 है यानी आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 य 28 तारीख को हुआ हैं तो, आपको ये मान लेना चाहिए कि आपके ईष्ट देवता राम जी हैं। अगर आप किसी दूसरे धर्म से हैं या किसी भी कारण से राम जी की पूजा नहीं कर सकते तो, आपके लिए दूसरा विकल्प है सूर्य देव। सूर्य देव का प्रकाश किसी से नहीं अछूता है। इसलिए आप सूर्य देव को भी अपने ईष्ट देव के रूप में चुन सकते हैं। ये देखा गया है कि नंबर 1 वाले लोगों को गुस्सा एक दम आता हैं और उस समय में ये क्या कर जाए या क्या कह जाए इन्हें भी पता नहीं चलता हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि 1 अंक के जातक हैं तो आपको सूर्य नारायण की पूजा आराधना करनी चाहिए , इससे जीवन में बहुत से कार्य सिद्ध होने लगेंगे।
उपाय:
सुबह सबसे पहले सूर्योदय से लगभग 1 घंटे की समयावधि के अंदर सूर्य देव को जल दे और उन्हें अपने ईष्ट देवता के रूप में मानते हुए उन्हें प्रणाम करें।
रोज़ घर से निकलते समय या ज़रूरी काम पर जाते समय अपने पिता और पिता तुल्य किसी व्यक्ति के चरण स्पर्श करें।
रविवार का दिन सूर्य देव का दिन बोला गया है, ऐसे में हर रविवार एक छोटा टुकड़ा गुड़ का ज़रूर खाएं।
मूलांक 2 इष्ट देव
इष्ट देव मूलांक 2 के लिए : अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या 29 तारीख को हुआ है तो, अंक ज्योतिष के हिसाब से आपका मूलांक हुआ 2. अंक ज्योतिष में मूलांक 2 के स्वामी है, चंद्रमा। ऐसे में जैसे-जैसे अमावस्या से पूर्णिमा तक चंद्रमा की अवस्थाएं बदलती हैं, उसी तरह से ही नंबर 2 वाले लोगों की मन की अवस्थाएं भी बदलती रहती हैं। जैसे चंद्रमा सूर्य से रोशनी लेता हैं वैसे ही यह लोग भी दूसरों की सहायता के साथ ही काम करते दिखाई देते हैं। ज्योतिष की मानें तो, अंक 2 के लोगों को भगवान शिव या मां गौरी को अपना ईष्ट देव मानना चाहिए। या फिर आप इनके अलावा चन्द्रमा को भी अपने ईष्ट देव के रूप में पूजते हुए उनकी उपासना कर सकते हैं।
उपाय:
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को जल चढ़ाना चाहिए और शिव जी से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
आपको अपनी मां या मां सम्मान महिलाओं का कभी भी अनादर नहीं करना चाहिए। हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए।
पानी बर्बाद करने से बचे और दूध बर्बाद करने से आपको खासतौर से बचना चाहिए।
मूलांक 3 इष्ट देव
इष्ट देव मूलांक 3 के लिए : अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ हैं तो आपका मूलांक हुआ 3, जिनके स्वामी गुरु बृहस्पति माने गए हैं। जिस प्रकार एक गुरु का वास्तविक कार्य, दूसरों को सही मार्ग दर्शन देना होता है, ठीक उसी प्रकार अंक 3 वाले लोग भी दूसरों का भला करने के लिए तत्पर रहते हैं और उनको सही रास्ता दिखाते हैं। नंबर 3 वाले जातकों को भगवान विष्णु को अपना ईष्ट मानते हुए उनकी आराधना करनी चाहिए। अगर आप किसी कारणवश उनकी पूजा-अर्चना नहीं कर सकते तो, आप जिन्हें भी अपना गुरु मानते हो चाहे फिर वो भगवान शिव हो या श्री राम या श्री कृष्ण। आपको उन्हें अपना ईष्ट देव मानते हुए उनका पूजन करना चाहिए।
उपाय:
अपने गुरुओं और बड़े भाई का हमेशा सम्मान करें, कभी भी उनका अनादर नहीं करें।
जब भी किसी अच्छे या महत्वपूर्ण कार्य पर जाएं अपने माथे पर हल्दी का तिलक ज़रूर लगाएं।
संभव हो तो रोज़ाना, नहीं तो गुरूवार-गुरूवार नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर फिर उस पानी से ही नहाएं।
मूलांक 4 इष्ट देव
इष्ट देव मूलांक 4 के लिए : अब बात करते हैं अंक 4 वाले जातकों की। तो जिन भी लोगों का जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ हैं, तो अंक ज्योतिष के अनुसार उनका मूलांक 4 होता है, जिनके स्वामी छायाग्रह राहु को माना गया है। ऐसे में जिस भी जातक का अंक 4 है, इनके ईष्ट देव मां दुर्गा या मां सरस्वती को माना गया है। जिस प्रकार शास्त्रों में राहु को स्वरभानु नाम के दानव का केवल सिर माना गया है और इसी की तरह ही नंबर 4 वाले लोगों के दिमाग में भी हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है। इनके दिमाग में आने वाले अलग-अलग प्रकार के विचार कभी नहीं रुकते उनका आदान-प्रदान हमेशा चलता रहता है।
उपाय:
मूलांक 4 वाले लोगों को मां दुर्गा या मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिए।
ऐसे लोगों को किसी भी काम को पूरा करने के लिए, शुरुआत से ही एक नहीं बल्कि 2 प्लान लेकर चलना चाहिए।
आपको शारीरिक कर्म से अधिक मानसिक कर्म की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए।
ज़रूरी या महत्वपूर्ण कार्य पर जाते समय चंदन का तिलक ज़रूर करें।
इष्ट देव मूलांक 5 के लिए : अंक ज्योतिष के हिसाब से जिन भी लोगों का जन्म महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ हैं, उनका मूलांक 5 बनता है। 5 अंक के स्वामी बुध ग्रह होते हैं, जो बुद्धि के कारक ग्रह हैं। ऐसे में नंबर 5 वाले लोग किसी भी बात को बहुत बारीकी से देखते-समझते हैं। माना गया है कि अगर ये लोग अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल करें तो ये एक बड़े व्यापारी भी बन सकते हैं, जबकि अगर ये अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं तो ये आसानी से भटक भी जाते हैं।अंक ज्योतिष में अंक 5 वाले लोगों के लिए भगवान श्री कृष्ण या बुध देव उनके ईष्ट देवता बताए गए हैं। ऐसे में इन लोगों को श्री कृष्ण या फिर बुध देव को ही अपने ईष्ट देव के रूप में मानते हुए उनकी आराधना करनी चाहिए।
उपाय:
अपनी बहन, बुआ और बेटी के साथ हमेशा अपने संबंध मधुर रखें।
घर पर मोर पंख रखें।
संभव हो तो ज़रूरतमंदों व गरीबों में शिक्षा की सामग्री दान करें।
मूलांक 6 इष्ट देव
इष्ट देव मूलांक 6 के लिए : जिन व्यक्तिओं का जन्म किसी भी माह की 6, 15 या 24 तारीख को हुआ है, तो उनका मूलांक 6 होगा। जिनके स्वामी शुक्र ग्रह माने गए हैं। ये देखा गया है कि जिन भी लोगों का अंक 6 होता है, वे लोग बहुत संवेदनशील स्वभाव वाले होते हैं, इसके पीछे का कारण ये भी है कि ज्योतिष में शुक्र ग्रह को स्त्री ऊर्जा का ग्रह माना हैं। इसलिए इन लोगों के इंट्यूशन कमाल के होते हैं। किसी भी चीज़ को लेकर इनका चुनाव सबसे बेहतरीन चीजों की ओर रहता हैं। इसलिए अंक ज्योतिष के हिसाब से यदि आपका या आपके किसी जानने वाले का जन्म किसी भी माह की 6, 15 या 24 तारीख को हुआ है तो इनके भी ईष्ट देव श्री कृष्ण को माना गया है। साथ ही भगवान श्री विष्णु और वामन देव को भी ये लोग अपना इष्ट देव मान सकते हैं।
उपाय:
आपको शुक्रवार के दिन सफ़ेद मिठाई बाटें।
छोटी कन्याओं की किसी न किसी रुप में सेवा करनी चाहिए। संभव हो तो हर शुक्रवार, नहीं तो कम से कम महीने में एक बार 12 वर्ष से छोटी आयु की कन्याओं को भरपेट भोजन कराएं।
मूलांक 7 इष्ट देव
इष्ट देव मूलांक 7 के लिए : अब बारी आई है 7 नंबर की। ऐसे में जिन भी लोगों का जन्म किसी भी माह की 7, 16 या 25 तारीख को हुआ है तो उनका मूलांक 7 होगा। जिनके स्वामी ग्रह केतु होते हैं। जिस प्रकार राहु को असुर का सिर बोला गया, ठीक उसी प्रकार केतु को बिना सिर के शरीर का निचला भाग यानी ‘धड़” बताया गया है। ये देखा गया है कि नंबर 7 वाले लोग अक्सर भ्रम की स्थिति में ही रहते हैं और अपने लक्ष्य से भ्रमित होते हुए अपनी दिशा भूल सकते हैं।हालांकि ये लोग बहुत अच्छे मित्र होते हैं, क्योंकि ये मित्रता बिना किसी स्वार्थ के निभाते हैं। या जिस भी कार्य को एक बार करने की ठान लेते हैं तो उसे फिर ज्यादा दिमाग न लगाते हुए बिना सोचे-समझे दिन रात एक कर देते हैं।अंक ज्योतिष के अनुसार अंक 7 वाले जातकों के लिए उनके ईष्ट देव गणेश जी या नर सिंह देव होते हैं।
उपाय:
नंबर 7 वाले जातकों को साधु-संतो की सेवा करनी चाहिए।
पक्षियों के लिए 7 अलग-अलग प्रकार के अन्न का दाना रखें।
संभव हो तो घर पर पालतू कुत्ता रखें या अगर ये मुमकिन नहीं हैं तो आप गली के कुत्ते को खाना भी खिला सकते हैं।
मूलांक 8 इष्ट देव
इष्ट देव मूलांक 8 के लिए: जिन लोगों का जन्म किसी भी माह की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है तो, उनका मूलांक 8 होगा। जिनके स्वामी ग्रह कर्मफल दाता शनि होते हैं। माना गया है कि ये लोग यूँ तो बहुत मेहनती होते हैं, लेकिन इन्हें अपनी मेहनत का सही फल नहीं मिल पाता हैं, जिससे अकसर इन्हे अपनी मेहनत का फल कुछ देरी से ही मिलता है। इनके इष्ट देवता होते हैं शनि देव, या फिर आप ब्रह्मा जी को भी अपना इष्ट देव मान सकते हैं।
उपाय:
नंबर 8 वाले लोगों को अपने आसपास जितने भी कर्मचारी हो, जैसे आपके घर काम करने वाले नौकर या कार्यक्षेत्र पर आपकी सेवा में काम आने वाले लोग, उनको आपको कभी भी निराश नहीं करना चाहिए।
छाया दान करें। इसके लिए एक पात्र में थोड़ा सा सरसों का तेल डालें और उसमे अपनी प्रतिमा देखें और फिर उस तेल को किसी ज़रूरतमंद को या गरीब को दान कर दें।
अपने नौकरों या मजदूर वर्ग में गर्म कपड़े दान करें।
मूलांक 9 इष्ट देव
इष्ट देव मूलांक 9 के लिए : अब बात करते हैं अंक ज्योतिष के अंतिम अंक की यानी नंबर 9 की। अगर आपका जन्म महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ हैं तो, आपका मूलांक हुआ 9, जिनके स्वामी शक्ति यानी ऊर्जा के कारक ग्रह मंगल होते हैं। नंबर 9 वाले लोग बहुत ऊर्जावान होते हैं और हमेशा सक्रिय भूमिका में रहते हैं। इन्हें हमेशा कुछ न कुछ कार्य करते रहना चाहिए, नहीं तो इनकी ऊर्जा ठीक से उपयोग में नहीं आ पाती। अंक 9 वाले लोगों के लिए उनके इष्ट देव भगवान हनुमान जी या कार्तिकेय हो जाएंगे। कार्तिकेय को दक्षिण में मुरुगन भी कहते हैं ।
उपाय:
आपको अपने छोटे भाई-बहनों का सम्मान करना चाहिए, उनसे गलत भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ऊर्जा को सही दिशा मिले, इसके लिए हर मंगलवार बजरंग बाण का पाठ करें।
महीने में एक बार रक्त दान ज़रूर करें।
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आज के लेख में हम बात करेंगे एक ऐसे व्रत की जिसे करने से आपके जीवन में आ रही हर बाधा से आपको मुक्ति मिल सकती है। ये है गजानन संकष्टी का व्रत , हम सब जानते है कि सर्वप्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से हर विघ्न दूर होते हैं , इस बार ये संकष्टी का व्रत श्रावण मास के बुधवार यानि 24 जुलाई के दिन है जो कि बहुत विशेष दिन है , ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार दो शुभ योग पड़ रहे हैं , सौभाग्य और शोभन योग इस दौरान की हुई गणपति की साधना से मनोवांछित फल मिलते है। इससे जुड़े कुछ खास उपाय-
उपाय
इस दिन भगवान गणेश को 108 दूर्वा चढ़ाने चाहिए इससे आपकी सारी बाधा दूर होगी।
आप लड्डू या मोदक का भोग चढ़ा सकते है, इससे भगवान गणेश प्रसन्न होंगे और आप पर कृपा करेंगे।
ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः मंत्र ज्यादा से ज्यादा बार जप करें, इससे आपके महत्वपूर्ण कार्यो में आ रही बाधाएं दूर होंगी।
सिन्दूर अर्पित करें इससे आपका सौभाग्य बढ़ेगा।
भगवान गणेश को केला अतिप्रिय है, इसलिए इस दिन उन्हें केले का भोग अवश्य लगाएं।
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क्या आपको पता है कि इस बार सावन का महीना कई मायनों में खास रहने वाला है। दरअसल, इस बार सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसके पहले ही दिन सोमवार पड़ रहा है। इस बार सावन के महीने की शुरुआत दो अच्छे योगों- सर्वार्थ सिद्धि व आयुष्मान योग के साथ हो रही है। इसके साथ ही इस बार सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं जिसे भी शुभ संकेत माना जाता है।
सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व
सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्त्व है। माना जाता है कि सावन में जो भी व्यक्ति भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वरदान मिलता है। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा स्ट्रांग होता है। इसके अलावा राहु-केतु के नेगेटिव इम्पैक्ट भी दूर होते हैं। इस समय दूध दान करने का विशेष महत्त्व बताया गया है।
पूजा विधि
सावन में भगवान शिव का दूध, दही, शक्कर, गाय के घी, शहद, पंचामृत और जल से अभिषेक करना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें बिल्व पत्र, आक का फूल, धतूरा, धतूरे का फूल, पान-सुपारी, सफेद चंदन, लाल चंदन, अक्षत, कपूर, इत्र और सफेद वस्त्र अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा शिव स्तुति, ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए। इस समय भगवान शिव को भोग लगाने के बाद कपूर की आरती करके ही भोजन करना चाहिए।
सावन सोमवार तिथि
सावन का पहला सोमवार व्रत – 22 जुलाई, 2024
सावन का दूसरा सोमवार व्रत – 29 जुलाई, 2024
सावन का तीसरा सोमवार व्रत – 5 अगस्त, 2024
सावन का चौथा सोमवार व्रत – 12 अगस्त, 2024
सावन का पांचवां सोमवार व्रत – 19 अगस्त, 2024
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गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। माना जाता है कि गुरु पूर्णिमा को ही महर्षि वेदव्यास का भी जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। क्या आपको पता है इस बार की गुरु पूर्णिमा खास होने वाली है। इस बार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को है और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
माना जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए किसी भी धार्मिक कार्य का कई लाख गुना फल मिलता है। इस बार गुरु पूर्णिमा पर सुबह 5:31 बजे से रात 12:14 बजे तक तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
गुरु पूर्णिमा पर करें ये उपाय-
इस दिन जो व्यक्ति अपने गुरु की पूजा, सेवा और उन्हें भोग लगाकर उनका आशीर्वाद लेता है उसे नेम-फेम और पैसा तो मिलता ही है साथ ही उसकी हर मनोकामना भी पूरी होती है। इस दौरान गुरु द्वारा दिए गए मंत्रों का जप करना भी विशेष फलदायी होता है।
आज के दिन बड़े-बुजुर्गों की भी सेवा करने से भी अच्छे फल मिलते हैं।
इसके अलावा गुरु पूर्णिमा पर भगवान शिव का दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से अभिषेक करने के बाद जल से अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद उन्हें बिल्व पत्र यानी बेल पत्री चढ़ाकर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करने से रोग-शोक और दुख-दर्द खत्म होते हैं।
गुरु पूर्णिमा के दिन जरूरतमंद लोगों को सफेद चीजें व रुपए दान करने से घर में बरकत आती है और सक्सेस के रास्ते खुलते हैं।
करियर और पढ़ाई में उन्नति पाने के लिए गुरु पूर्णिमा पर पीले कपड़े, पीले रंग की मिठाई, चने की दाल, केसर और घी का दान करना चाहिए।
छात्रों को इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में अपने गुरुजनों की पूजा करनी चाहिए।
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देवशयनी एकादशी का पर्व इस बार 17 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जायेंगे। इस बार की देवशयनी एकादशी कई मायनो में महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इस बार 5 शुभ संयोग बन रहें हैं। ये योग हैं- शुभ योग, शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और इन सबके साथ अनुराधा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग है।
इस बार की तिथि का आरंभ व समापन-
आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि का आरंभ:- 16 जुलाई, मंगलवार, रात 8:33 बजे से
आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि का समापन:- 17 जुलाई, बुधवार, रात 9:2 बजे तक
पूजा का शुभ मुहूर्त: 17 जुलाई की सुबह 5:34 बजे से
देवशयनी एकादशी के व्रत पारण का समय: 18 जुलाई, सुबह 5:35 बजे से 8:20 बजे के बीच
पारण के दिन द्वादशी का समापन: रात 8:44 बजे
शुभ योग का समय इस प्रकार है-
शुभ योग: प्रात:काल से लेकर सुबह 7:05 बजे तक
शुक्ल योग: सुबह 07:05 बजे से 18 जुलाई को सुबह 6:13 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:24 बजे से 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक
अमृत सिद्धि योग: सुबह 5:24 बजे से 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक
अनुराधा नक्षत्र: प्रात:काल से लेकर 18 जुलाई को सुबह 3:13 बजे तक
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आज हम बात करेंगे कोकिला व्रत के बारे में, इस व्रत को आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन रखा जाता है। इस व्रत को माता सती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था। ऐसा माना जाता है की इस व्रत को करने से मैरिड लाइफ में खुशियाँ बढ़ती हैं और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। इस साल यह व्रत 20 जुलाई को रखा जाएगा। इस दिन रवि योग भी है जिसके कारण इसका फल दोगुना हो जाता है।
इस व्रत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
जब मां सती अपने अपमान के बाद दक्ष प्रजापति के हवनकुंड में कूदीं तब भगवान शिव ने उन्हें श्राप दिया कि तुमने अपने पति की आज्ञा नहीं मानी अब तुम्हें पति का वियोग सहना होगा। इसके चलते मां सती ने 10,000 साल तक कोयल के रूप में जंगल में भ्रमण किया और आषाढ़ पूर्णिमा को व्रत रखा। इसके बाद उन्होंने पार्वती के रूप में जन्म लिया और शिव को पति रूप में प्राप्त किया।
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
मीट-मांस , प्याज-लहसुन या शराब आदि का सेवन न करें।
सभी का आदर सम्मान करें।
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एस्ट्रोलॉजी में बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है। बुध महाराज को वाणी, बुद्धि, बिजनेस, रुपए-पैसे और लॉजिकल अबिलिटी का कारक माना जाता है। क्या आपको पता है कि बुध महाराज सिंह राशि में ट्रांजिट करने वाले हैं। उनका यह गोचर 19 जुलाई को होगा।
आज के लेख में हम जानेंगे कि बुध महाराज के इस ट्रांजिट से किन लोगों की लॉटरी लगेगी और किन लोगों को नौकरी मिलेगी।
कर्क राशि-
इस गोचर का सीधा असर कर्क राशि वालों की वाणी और पैसे पर होने वाला है। इस समय आपको अचानक धन लाभ होगा और आप अपनी नॉलेज व स्किल का यूज़ एक्स्ट्रा पैसे कमाने के लिए कर सकते हैं।
इसके साथ ही आप सेविंग्स पर भी फोकस करेंगे। इस समय आपकी पर्सनैलिटी में निखार आएगा। बिजनेस करने वालों को अटका हुआ पैसा वापस मिल सकता है।
धनु राशि
इस समय आपको मेहनत के साथ-साथ किस्मत का भी साथ मिलेगा। नौकरी से जुड़े लोगों का प्रमोशन हो सकता है। इस समय आपको विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है।
आप शादी, नामकरण जैसे किसी कार्यक्रम में जा सकते हैं। कम्प्टीशन की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को इस समय सफलता मिलने के पूरे योग हैं।
मिथुन राशि-
इस गोचर से मिथुन राशि वालों का साहस और पराक्रम बढ़ेगा। इसके साथ ही आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा। इससे आप हर काम में हिस्सा भी लेंगे और उसे पूरा भी करेंगे। इस समय आप किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगे ।
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हिंदू मान्यता में हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्त्व होता है। कई लोग एकादशी का व्रत भी रखते हैं। माना जाता है कि एकादशी के व्रत से व्यक्ति के कई जन्मों के पाप कट जाते हैं।
इस बार 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। इससे जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स हम आपको बताने जा रहे है-
फैक्ट्स
इस दिन के बाद चार महीनों के लिए भगवान श्रीहरि विष्णु शयन के लिए क्षीर सागर में चले जाते हैं। इसके चलते सभी मांगलिक कार्यक्रम या शादी-ब्याह के कामों में रोक लग जाती है।
इस दिन के बाद से संसार की बाग-डोर भगवान शिव संभालते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन सभी तीर्थ बृजधाम आ जाते हैं, ऐसे में इन चार महीनों में बृज दर्शन के लिए जरूर जाएं।
इस बार एकादशी पर दो बहुत ही अच्छे योग बन रहे हैं। ये योग हैं सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग। इन योग में की गई खरीदारी, दान-पुण्य आदि को बहुत शुभ माना जाता है।
इस दिन तीर्थक्षेत्रों में स्नान का विशेष महत्व है।
इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है। पीले वस्त्र पहने जाते हैं और पीली वस्तुओं का भोग लगाया जाता है।
देवशयनी एकादशी व्रत के पारायण का समय– 18 जुलाई, 2024; सुबह 5:34 से 8:19 बजे तक (यह समय नई दिल्ली के अनुसार है)
इस बार एकादशी पर कुछ खास योग बन रहे हैं जिनके बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर clickकरें।
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आने वाली 16 जुलाई को ग्रहों के राजा सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इस गोचर के दौरान दो योग बन रहे है, रवि योग और शुभ योग। इस गोचर से पांच राशियों के लोगों को करियर और कारोबार में सक्सेस मिल सकती है। ये पांच राशियां इस प्रकार हैं-
मेष राशि
गवर्नमेंट जॉब्स के लिए तैयारी कर रहे लोगों को अच्छे रिजल्ट्स मिल सकते हैं।
बिजनेस में कोई बड़ा प्रॉफिट हो सकता है।
सोसाइटी में नेम-फेम बढ़ सकता है।
सिंह राशि
अगर आप जॉब स्विच करने की सोच रहे हैं तो यह समय अच्छा रहेगा।
आपको विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है।
आपके लिए शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना प्रॉफिट देने वाला हो सकता है।
वृश्चिक राशि
इस समय स्टूडेंट्स कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं।
कपड़े का काम कर रहे लोगों को प्रॉफिट हो सकता है।
बिजनेस में कोई नया एक्सपैंशन हो सकता है।
मकर राशि
आप कोई नयी चीज़ खरीद सकते हैं।
संतान प्राप्ति के लिये समय अच्छा है।
कई लोगों को विदेश में जॉब मिलने के भी चांसेज बन रहे हैं।
कुम्भ राशि
लोहे के व्यापारियों को लाभ हो सकता है।
आप अपना घर भी खरीद सकते है।
नौकरी-पेशा लोगों को प्रोमोशन मिल सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।