Search
Close this search box.
Menu Close

सोमवती अमावस्या: जानें मुहूर्त, उपाय और पूजन विधि

हिंदू धर्म में हर माह पड़ने वाली अमावस्या तिथि का विशेष महत्त्व है। इस बार भाद्रपद की अमावस्या 2 सितंबर को पड़ रही है। सोमवार को अमावस्या पड़ने से यह सोमवती अमावस्या होगी। पितरों का आशीर्वाद पाने और उन्हें खुश करने के लिए अमावस्या के दिन तीर्थ में स्नान करने और पितरों के निमित्त दान व तर्पण करने का विशेष महत्त्व है।  

अगर आपके घर में भी है नेगेटिव एनर्जी तो अपनाएं ये उपाय, इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें।

सोमवती अमावस्या का मुहूर्त 

अमावस्या तिथि 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 3 सितंबर की सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी।  सोमवती अमावस्या पर सुबह 4 बजकर 38 मिनट से 5 बजकर 24 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा और सुबह 6 बजकर 9 बजे से 7 बजकर 44 मिनट तक पूजा का मुहूर्त रहेगा। 

सोमवती अमावस्या पर कैसे करें पूजन? 

सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर किसी तीर्थ स्थान या नदी में स्नान करें और इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इस दौरान व्यक्ति को अपने पितरों का तर्पण भी करना चाहिए। इसके साथ ही गाय के कच्चे दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। 

इसके बाद भगवान शिव को शुद्ध जल से स्नान कराना चाहिए और उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दौरान अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान करने से विशेष लाभ मिलता है। 

और क्या करें? 

  • सोमवती अमावस्या के दिन व्यक्ति को पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और शाम को दीप दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • इसके साथ ही सुहागिन महिलाओं को पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करनी चाहिए। माना जाता है कि इससे अखंड सौभाग्य मिलता है और वैवाहिक जीवन में चली आ रहीं दिक्कतें खत्म होती हैं। 
  • सोमवती अमावस्या पर जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए।
  • आप अपनी नजदीकी गौशाला में गायों के लिए चारे की व्यवस्था भी कर सकते हैं। 

रुद्राक्ष पहनते समय किन बातों का रखें ध्यान? इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।

सावन अमावस्या पर पितरों को कैसे करें खुश?

अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है। यह दिन पितरों को समर्पित किया गया है। अमावस्या यानी न्यू मून का दिन। यह महीने का वह दिन होता है जब हमें चंद्रमा दिखाई तो नहीं देता लेकिन उसका हमारी लाइफ पर गजब का इम्पैक्ट पड़ता है। ये दिन एक नई शुरुआत को तो दिखाता ही है और ये चंद्रमा के नए साइकल को भी दिखाता है।

इस बार सावन की अमावस्या 4 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन सिद्धि योग, पुष्य नक्षत्र और रविवार भी पड़ रहा है। इस दिन आप भी कुछ रेमेडीज को करके अपनी लाइफ को खुशहाल बना सकते हैं। 

सावन अमावस्या पर बन रहे हैं ये योग-

  • रवि पुष्य योग: सूर्योदय यानी सुबह 5:34 बजे से दोपहर 1:26 बजे तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सूर्योदय से दोपहर 1:26 बजे तक
  • सिद्धि योग: सुबह 10:38 बजे तक

पितरों के लिए कैसे करें तर्पण?

सावन की अमावस्या पर सुबह नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पितरों के निमित्त जल, काले ​तिल, सफेद फूल व कुशा से तर्पण करें। तर्पण करते समय कुशा घास से बनी पवित्री जरूर पहनें। इससे पितरों को तर्पण का जल मिलता है और वे खुश होते हैं और आपको आशीर्वाद देते हैं।

इस दिन करें कौनसे विशेष उपाय?

  • इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा कर सात परिक्रमा करें। इससे आपको शनि महाराज की कृपा मिलेगी और आपको अपनी मेहनत का रिजल्ट भी मिलने लगेगा। 
  • इस दिन अगर आप पेड़ लगाते हैं तो इससे आपकी जन्म कुंडली में बुध महाराज की स्थिति मजबूत होती है।
  • इसके अलावा आपको माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस दिन आटे की गोलियां बनाकर मछलियों के लिए डालनी चाहिए।
  • सावन की अमावस्या के दिन शाम को आटे से बने दीपक में बत्ती जलाकर किसी भी नदी के घाट पर रखना चाहिए। इससे आप पर मां लक्ष्मी की कृपा तो बरसेगी ही। इस साथ ही आपके पितृ यानि एनचेस्टरस भी खुश होकर आशीर्वाद देंगे।

रुद्राक्ष पहनते समय किन बातों का रखें ध्यान? टॉपिक के बारे में जानना चाहते हैं तो दिए हुए लिंक पर click करें।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।