श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कई इलाकों में दही-हांडी प्रतियोगिता होती है। इसमें मटकी में मक्खन या दही को ऊंचाई पर लटकाया जाता है जिसे बच्चों और युवाओं की अलग-अलग टोलियां मटकी फोड़कर भगवान की बाल लीलाओं को दिखाती हैं।
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क्या आपके जेहन में भी कभी यह सवाल आया है कि आखिर क्यों कान्हा गोपियों की मटकी फोड़ते थे और माखन चोरी करते थे? आज के ब्लॉग में हम भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला की वजह ही बताने वाले हैं। उनकी इस लीला के पीछे ठोस वजह रही है।
कहा जाता है कि नंद गांव के लोग कंस को कर यानी टैक्स के तौर पर मक्खन देते थे। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों से माखन को मथुरा तक भेजने के लिए मना किया लेकिन वे कंस के डर से कान्हा की बात को नहीं मानती थीं।
इस कारण ही भगवान श्रीकृष्ण गोपियों की मटकियां फोड़ने के साथ-साथ उनका मक्खन चोरी कर खा लेते थे। इसके चलते गोपियां मथुरा तक माखन नहीं पंहुचा पाती थीं। इससे यह संदेश गया कि ब्रज के लोग अब कंस के आतंक से नहीं डरते हैं।
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