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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष: कान्हा के माखन चोरी का क्या था कारण?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कई इलाकों में दही-हांडी प्रतियोगिता होती है। इसमें मटकी में मक्खन या दही को ऊंचाई पर लटकाया जाता है जिसे बच्चों और युवाओं की अलग-अलग टोलियां मटकी फोड़कर भगवान की बाल लीलाओं को दिखाती हैं। 

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क्या आपके जेहन में भी कभी यह सवाल आया है कि आखिर क्यों कान्हा गोपियों की मटकी फोड़ते थे और माखन चोरी करते थे? आज के ब्लॉग में हम भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला की वजह ही बताने वाले हैं। उनकी इस लीला के पीछे ठोस वजह रही है। 

कहा जाता है कि नंद गांव के लोग कंस को कर यानी टैक्स के तौर पर मक्खन देते थे। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों से माखन को मथुरा तक भेजने के लिए मना किया लेकिन वे कंस के डर से कान्हा की बात को नहीं मानती थीं। 

इस कारण ही भगवान श्रीकृष्ण गोपियों की मटकियां फोड़ने के साथ-साथ उनका मक्खन चोरी कर खा लेते थे। इसके चलते गोपियां मथुरा तक माखन नहीं पंहुचा पाती थीं। इससे यह संदेश गया कि ब्रज के लोग अब कंस के आतंक से नहीं डरते हैं। 

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भगवान श्रीकृष्ण ने आठवें अवतार के रूप में ही क्यों लिया जन्म?

क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर श्री कृष्ण के रूप में भगवान ने अष्टमी तिथि को ही क्यों चुना? उन्होंने देवकी के आठवें पुत्र के रूप में ही क्यों जन्म लिया? क्या आपको पता है कि जन्माष्टमी पर कौनसा उपाय करके आप अपने घर में खुशहाली और शांति ला सकते हैं। आज हम इसी पर बात करेंगे।  

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  • अगर आपने नोटिस किया होगा तो भगवान श्रीकृष्ण ने अपने पुरे जीवन का एक ही मंत्र रखा ‘कर्म’। भगवान कृष्ण का गीता का उपदेश हो या उनके काम। इन सब में एक ही बात दिखती है और वो है कर्म। जिसका कोई ऑप्शन नहीं है। जैसे- भगवान कृष्ण ने कंस को उसके कर्मों का फल दिया। महाभारत का युद्ध कर्म के ही कारण हुआ। 
  • अब बात करते हैं 8 नंबर और कर्म की। न्यूमेरोलॉजी में 8 नंबर को शनि महाराज से एसोसिएट किया गया है और शनिदेव कर्मफल दाता माने जाते हैं। यानी जिसका जैसा कर्म उसे वैसा फल। इसलिए कहा जाता है कि 8 नंबर कर्म को दर्शाता है। इसलिए भगवान ने भी आठवें अवतार में ही हमे ये सिख दी कि “कर भला तो हो भला”

इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त यानी सोमवार को पड़ रही है। इस बार जब आप लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव रात में मनाएं तो उन्हें पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराने के बाद सुंदर से वस्त्र पहनाएं और माखन-मिश्री का भोग लगाना भी न भूलें। वहीं, आपको लड्डू गोपाल जी को शहद चटाना भी नहीं भूलना चाहिए। इससे आपके परिवार में सभी लोगों के बीच प्यार बढ़ेगा और कलह खत्म होंगे। 

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