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फ़िरोज़ा खोलेगा बंद किस्मत के ताले !

 

आज हम बात करने जा रहे है बहुत ही खूबसूरत पत्थर  फ़िरोज़ा की जिसे  किंग्स ऑफ़ स्टोन भी कहते है , पहले के समय पर जो राजा महाराजा होते थे उनको ये गिफ्ट किया जाता था ये भारतीय ज्योतिष के साथ साथ पर्शियन और यूरोपियन सभ्यताओं में भी महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है की इसको पहनने से आपके पास हर ताले की चाबी आ जाती है। 

फ़िरोज़ा पहनने के फायदे –

  • इसको पहनने से आप हर तरीके की नेगेटिव ऊर्जा से बचे रहते है ये प्रोटेक्शन स्टोन की तरह काम करता है। 
  • इसका इस्तेमाल अध्यात्म और हीलिंग के लिए भी किया जाता है। 
  • कई सरे सेलिब्रिटीज जैसे सलमान खान भी इसे पहना करते है , इसको पहनने से आपके पास हर तरीके की ग्रोथ के मौके बनने लगते हैं। 
  • ये भी कहा जाता है की जिसका कही कुछ नहीं हो सकता, जहाँ सारे उपाय फेल हैं  वहां फ़िरोज़ा कारगर है। 
  • ये लक स्टोन की तरह भी काम करता है ये एस्ट्रोलॉजी में गुरु ग्रह से सम्बन्ध रखता है। 
  • इसे धनु और मीन राशि के लोग पहन सकते है। 

इसे परचेस करने के लिए आप हमारी वेबसाइट  www.gemsmantra.com विजिट कर सकते है । 

भगवान श्रीकृष्ण ने आठवें अवतार के रूप में ही क्यों लिया जन्म? ये जानने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।  

 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष: कान्हा के माखन चोरी का क्या था कारण?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कई इलाकों में दही-हांडी प्रतियोगिता होती है। इसमें मटकी में मक्खन या दही को ऊंचाई पर लटकाया जाता है जिसे बच्चों और युवाओं की अलग-अलग टोलियां मटकी फोड़कर भगवान की बाल लीलाओं को दिखाती हैं। 

जन्माष्टमी पर किस समस्या के समाधान के लिए करें कौनसा अचूक उपाय? इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

क्या आपके जेहन में भी कभी यह सवाल आया है कि आखिर क्यों कान्हा गोपियों की मटकी फोड़ते थे और माखन चोरी करते थे? आज के ब्लॉग में हम भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला की वजह ही बताने वाले हैं। उनकी इस लीला के पीछे ठोस वजह रही है। 

कहा जाता है कि नंद गांव के लोग कंस को कर यानी टैक्स के तौर पर मक्खन देते थे। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों से माखन को मथुरा तक भेजने के लिए मना किया लेकिन वे कंस के डर से कान्हा की बात को नहीं मानती थीं। 

इस कारण ही भगवान श्रीकृष्ण गोपियों की मटकियां फोड़ने के साथ-साथ उनका मक्खन चोरी कर खा लेते थे। इसके चलते गोपियां मथुरा तक माखन नहीं पंहुचा पाती थीं। इससे यह संदेश गया कि ब्रज के लोग अब कंस के आतंक से नहीं डरते हैं। 

भगवान श्रीकृष्ण ने आठवें अवतार के रूप में ही क्यों लिया जन्म? इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

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भगवान श्रीकृष्ण ने आठवें अवतार के रूप में ही क्यों लिया जन्म?

क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर श्री कृष्ण के रूप में भगवान ने अष्टमी तिथि को ही क्यों चुना? उन्होंने देवकी के आठवें पुत्र के रूप में ही क्यों जन्म लिया? क्या आपको पता है कि जन्माष्टमी पर कौनसा उपाय करके आप अपने घर में खुशहाली और शांति ला सकते हैं। आज हम इसी पर बात करेंगे।  

जन्माष्टमी पर किस मुहूर्त में पूजा करने से पूरी होगी हर मुराद? इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

  • अगर आपने नोटिस किया होगा तो भगवान श्रीकृष्ण ने अपने पुरे जीवन का एक ही मंत्र रखा ‘कर्म’। भगवान कृष्ण का गीता का उपदेश हो या उनके काम। इन सब में एक ही बात दिखती है और वो है कर्म। जिसका कोई ऑप्शन नहीं है। जैसे- भगवान कृष्ण ने कंस को उसके कर्मों का फल दिया। महाभारत का युद्ध कर्म के ही कारण हुआ। 
  • अब बात करते हैं 8 नंबर और कर्म की। न्यूमेरोलॉजी में 8 नंबर को शनि महाराज से एसोसिएट किया गया है और शनिदेव कर्मफल दाता माने जाते हैं। यानी जिसका जैसा कर्म उसे वैसा फल। इसलिए कहा जाता है कि 8 नंबर कर्म को दर्शाता है। इसलिए भगवान ने भी आठवें अवतार में ही हमे ये सिख दी कि “कर भला तो हो भला”

इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त यानी सोमवार को पड़ रही है। इस बार जब आप लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव रात में मनाएं तो उन्हें पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराने के बाद सुंदर से वस्त्र पहनाएं और माखन-मिश्री का भोग लगाना भी न भूलें। वहीं, आपको लड्डू गोपाल जी को शहद चटाना भी नहीं भूलना चाहिए। इससे आपके परिवार में सभी लोगों के बीच प्यार बढ़ेगा और कलह खत्म होंगे। 

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जन्माष्टमी पर किस समस्या के समाधान के लिए करें कौनसा अचूक उपाय?

क्या आपको परेशानियां घेरे रहती हैं? क्या आपके जीवन में भी रुपयों की कमी है? क्या आप अपने करियर में खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं? क्या आपकी संतान नहीं हो रही है? या आपकी अपने लाइफ पार्टनर से अनबन होते रहती है? अगर इनमें से किसी भी सवाल का जवाब हां है तो ये ब्लॉग आपके लिए खास होने वाला  है। दरअसल, आज हम बात करने वाले हैं जन्माष्टमी पर किए जाने वाले कुछ ऐसे उपायों के बारे में जिन्हें करने से आपकी प्रॉब्लम्स सॉल्व हो सकती हैं।

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फाइनेंसियल प्रॉब्लम्स से उभरने के लिए उपाय- 

  • अगर आप फाइनेंसियल क्राइसेस के दौर से गुजर रहे हैं तो आपको जन्माष्टमी पर राधा-कृष्ण भगवान के मंदिर में जाकर अपने हाथों से बनाई गई पीले फूलों की माला या वैजयंती के फूलों की माला कान्हा जी को पहनानी चाहिए। 
  • अगर आपको लोन या कर्ज चुकाने में प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है तो इस बार जन्माष्टमी पर आपको माता लक्ष्मी के स्वरूप माने जाने वाले दक्षिणावर्ती शंख से भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करना चाहिए। यानी उन्हें स्नान कराना चाहिए। इससे भी फाइनेंसियल प्रॉब्लम्स दूर होती हैं और माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है। 
  • इसके अलावा अगर आप सुख-समृद्धि पाना चाहते हैं तो जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल जी को पूजा करते समय पान का एक पत्ता चढ़ाएं। बाद में इस पत्ते पर सिंदूर से ‘श्री’ लिखकर पूजा करने के बाद अपनी तिजोरी में रख दें। इससे आपके घर-परिवार में बरकत आएगी और कभी फाइनेंसियल प्रॉब्लम्स नहीं आएंगी। 

रिलेशन में मजबूती के लिए उपाय- 

  • अगर आपकी मैरिड लाइफ में प्रॉब्लम्स आ रही हैं या आप अपने रिलेशनशिप को और अधिक मजबूत बनाना चाहते हैं तो आपको भगवान कृष्ण का दक्षिणावर्ती शंख में दूध भरकर अभिषेक करना चाहिए। 
  • इसके अलावा कृष्ण जन्म के समय लड्डू गोपालजी को सोने में शहद चटाने से भी घर-परिवार में रिलेशन अच्छे होते हैं। 
  • इसके साथ ही लड्डू-गोपाल जी को इलायची का भोग लगाने से भी घर-परिवार के सभी सदस्यों में प्यार-स्नेह बढ़ता है। 

निसंतान दंपति के लिए उपाय-

  • निसंतान दंपत्ति को जन्माष्टमी के दिन गाय और उसके बछड़े की सेवा करनी चाहिए। 
  • इसके साथ ही आप अपने घर में गाय और उसके बछड़े की मूर्ति लाएं। उसे लड्डू-गोपालजी की मूर्ति के पास रखकर उनकी भी पूजा करें। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से जल्द ही अच्छी खबर मिलती है। 
  • इस दिन संतान गोपाल मंत्र या संतान गोपाल सहस्त्रनाम का जप करने से भी संतान की प्राप्ति होती है। 

ग्रह क्लेश दूर करने के उपाय-

  • जन्माष्टमी के दिन संध्या के समय तुलसी के पौधे सामने घी का दिया जलाएं और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते हुए पौधे की 11 बार परिक्रमा करें। इससे आपके घर में सुख-शांति आएगी और घर के सभी क्लेश दूर होंगे। 
  • जन्माष्टमी पर राधा-कृष्ण के मंदिर में अनाज चढ़ाना चाहिए। इसके बाद इसे गरीबों को दान करने से परिवार में सुख-शांति आती है। 

करियर में सक्सेस पाने व किस्मत जगाने के लिए उपाय-

  • करियर में सक्सेस पाने के लिए इस दिन आपको कपूर जलाकर उस पर थोड़ी मिसरी डालनी चाहिए। इसके साथ ही कपूर और मिश्री का दान करना भी अच्छा माना जाता है। 
  • जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपालजी को माखन-मिश्री, सफेदद मिठाई व केसर-मेवे का तुलसी दल डालकर भोग लगाने से किस्मत चमकती है। 
  • इसके अलावा लड्डू-गोपाल जी को चीनी के बजाय मिश्री डालकर बनाई गई मखाने की खीर का भोग लगाने से भी उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है। भोग लगाते समय तुलसी दल डालना बिलकुल भी न भूलें। 

ये थे कुछ ऐसे टोटके जिन्हें इस जन्माष्टमी पर कर के आप अपने जीवन की हर मुश्किल से निजात पा सकते हैं। इस बार सिर्फ व्रत और पूजा ही नहीं बल्कि इन उपायों को भी करें। हमारे साथ कमेंट सेक्शन में अपने अनुभव जरूर शेयर करें।  

मंगल का जन्माष्टमी पर होगा बड़ा गोचर, अब मचेगा तांडव! इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

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जन्माष्टमी पर किस मुहूर्त में पूजा करने से पूरी होगी हर मुराद?

अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी हर मुराद पूरी हो तो आपको इस बार जन्माष्टमी पर मुहूर्त के अनुसार ही लड्डू गोपाल जी की पूजा करनी चाहिए। आज हम आपको बताएंगे जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल जी की पूजा का सही समय क्या है? इसमें आप जो भी पूजा या उपाय करेंगे उसके सफल होने के चान्सेज दोगुने हो जाएंगे।

जन्माष्टमी मुहूर्त 

  • इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 के दिन मनाई जाएगी। इस दिन अष्टमी तिथि की शुरुआत सुबह 3:49 बजे होगी। इसका समापन अगले दिन यानि 27 अगस्त की तड़के 2:20 बजे होगा। 
  • 26 अगस्त को दोपहर 3:55 बजे रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत होगी जिसमें माखनचोर नटखट कन्हैया का जन्म हुआ था।  
  • वहीं, इसी समय सर्वार्थ सिद्धि योग भी शुरू हो रहा है। 
  • जन्माष्टमी पर निशीथ काल की पूजा का समय रात 12:00 बजे से 12:45 बजे तक रहेगा।  
  • अगर आप इस मुहूर्त में कोई भी उपाय या पूजा करते हैं तो व सफल व फलदाई होगा। 

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हल षष्ठी- जब होती है हल की पूजा व नहीं पिया जाता दूध-दही

क्या आपको पता है कि हमारे देश में एक ऐसा पर्व भी आता है जिस दिन हल की पूजा की जाती है और दूध या दही भी नहीं पीया जाता है। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे।

दरअसल, भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल छठ यानी हल षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान बलराम का जन्म हुआ है। इस बार हल षष्ठी का व्रत 24 अगस्त को पड़ रहा है। 

माना जाता है कि हल षष्ठी का व्रत अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर रखा था। इस व्रत के प्रभाव से ही जब अश्वतथामा ने उनके बच्चे को नुकसान पहुंचने की कोशिश की तो वे असफल रहे। इसी कथा से हल षष्ठी के महत्व के बारे में पता चलता है। 

इस व्रत को शादीशुदा महिलाएं अपने बच्चों की रक्षा के लिए करती हैं।  इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी की पूजा की जाती है।  

क्या करें, क्या न करें ? 

  • हल छठ के दिन किसान हल की पूजा करते हैं और इस दिन दूध दही का उपयोग भी नहीं करते हैं।
  • इस दिन सात प्रकार के अनाज और घी का दिया भगवान बलराम के आगे जरूर जलाया जाता है।

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मंगल का जन्माष्टमी पर होगा बड़ा गोचर, अब मचेगा तांडव!

अगस्त के महीने में कई ग्रह एक से दूसरी राशि में ट्रांजिट कर रहे हैं। इसके साथ ही इस महीने कई व्रत-त्योहार भी पड़ रहे हैं। इस महीने 26 अगस्त यानी जन्माष्टमी के दिन मंगलदेव, मिथुन राशि में ट्रांजिट करने जा रहे हैं। वे इस राशि में 20 अक्टूबर तक रहेंगे।

मंगल का एक राशि से दूसरे में जाना इसलिए इम्पोर्टेन्ट होता है क्योंकि मंगल हमारी एनर्जी, हिम्मत, विल पॉवर को दिखाता है। इसके साथ ही मंगलदेव हमारी लाइफ में मोटिवेशन को भी दिखाते हैं। मंगल का हमारी लाइफ में इम्पोर्टेन्ट रोल होता है। 

उनके आशीर्वाद से लाइफ में कई इम्पोर्टेन्ट चेंज भी आते हैं। आज बात करेंगे कि मंगलदेव के इस ट्रांजिट का मेष से मीन राशि तक के लोगों की लाइफ में क्या असर पड़ने वाला है? 

मेष

मेष राशि वालों की कुंडली में मंगलदेव लग्न और आठवें  हाउस के लार्ड होते हैं और इस ट्रांजिट के बाद वे आपकी कुंडली के तीसरे भाव में आ जाएंगे। इस दौरान आप एनर्जेटिक फील करेंगे और आपके लंबे समय से रुके हुए काम भी बनने लगेंगे। 

अगर आप अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं तो आपको जॉब के अच्छे ऑफर मिलेंगे। इसके साथ ही नौकरी-पेशा लोगों को कोई नया प्रोजेक्ट मिल सकता है। 

तीसरे भाव से मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के छठे, नौवें और दसवें भाव पर रहेगी। इससे कॉम्पटेटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे लोगों को खुशखबरी मिलने की उम्मीद है। 

इस समय आपके दुश्मन आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। हालांकि, इस समय आपको अपने पिताजी से मदद मिलेगी। इसके अलावा आपको रुका हुआ पैसा भी वापस मिलेगा। 

लव लाइफ के लिहाज से देखें तो इस समय आपको अपने पार्टनर का सपोर्ट मिलेगा। वहीं, शादीशुदा लोगों की बात करें तो आपका पार्टनर आपकी फीलिंग्स की कद्र करेगा। इस समय आपको अपने छोटे भाई-बहनों से अच्छी सलाह मिलेंगी। 

उपाय– हर मंगलवार को हनुमान जी के दर्शन करें और संकट मोचन हनुमाष्टक का जप करें। 

वृषभ

अब बात करते हैं वृषभ राशि वालों की। मंगलदेव आपकी कुंडली में सातवें और बारहवें हॉउस के लॉर्ड हैं। वे आपकी कुंडली के दूसरे भाव में ट्रांजिट करने जा रहे हैं। 

इस ट्रांजिट के बाद मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के पांचवे, आठवें और नौंवे भाव पर रहेगी। इस समय आप अपनी लव लाइफ और हायर एजुकेशन को लेकर पजेसिव नजर आएंगे। हालांकि, आपको इस समय अपने लव पार्टनर को स्पेस देना चाहिए। 

नौकरी-पेशा लोगों की बात करें तो इंजीनियरिंग और सर्जरी से जुड़े लोगों की इस समय अपने फिल्ड में शानदार परफॉर्मेंस रहेगी। इस समय आपका एक्सीडेंट होने की आशंका है। इस दौरान आपको लंबी दूरी की यात्रा करने से बचना चाहिए। 

इस समय आपको अपने पापा और टीचर्स का पूरा सपोर्ट मिलेगा। हालांकि, उनकी हेल्थ को लेकर आपको सतर्क रहने की जरूरत है। 

उपाय- रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

मिथुन

मिथुन राशि वालों की बात करें तो इस ट्रांजिट से मंगलदेव आपकी कुंडली के पहले भाव में विराजमान होंगे। इस दौरान मंगलदेव आपकी कुंडली के छठे यानी शत्रु और ग्यारहवें यानी आय भाव के लॉर्ड होंगे।  इस दौरान आपकी इम्युनिटी बढ़ेगी और आप एनर्जेटिक महसूस करेंगे। 

इस ट्रांजिट से मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के चौथे, सातवें और आठवें भाव पर रहेगी। इस दौरान आपकी माताजी आप पर लाड लुटाएंगी। हालांकि, इस दौरान आपकी माताजी को बवासीर या अल्सर की दिक्कत हो सकती है। इस समय आपको उनका ख्याल रखना चाहिए। 

अगर आप रियल इस्टेट के कारोबार से जुड़े हैं तो इस समय आपकी कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है और आपको अच्छा मुनाफा भी मिल सकता है। इसके अलावा आप जमीन भी खरीद सकते हैं। 

इसके साथ ही पार्टनरशिप में बिजनेस करने वाले लोगों को भी अच्छा धन लाभ होता दिख रहा है। हालांकि, इस समय आपको अपने बिजनेस पार्टनर से लड़ाई-झगड़ा और बहस करने से बचना चाहिए। 

इसके अलावा इस समय आप अपने लाइफ पार्टनर से छोटी-छोटी बातों पर नाराज रह सकते हैं। इस अवधि में आपके बीच में फालतू की चीजों को लेकर बहस हो सकती है। 

उपाय- रोजाना ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र’ का जप करें। 

कर्क

कर्क राशि वालों की कुंडली में मंगलदेव इस ट्रांजिट के बाद बारहवें यानी व्यय भाव में विराजमान होंगे। वे आपकी कुंडली के पांचवें यानी प्रेम और दसवें यानी कर्म भाव के लॉर्ड रहेंगे। इस समय आपका ट्रांसफर हो सकता है।

इसके अलावा आप नौकरी या अपना प्रोफेशन भी बदल सकते हैं।  हालांकि, यह ट्रांजिट आपके लिए विदेश यात्रा का मौका लेकर आ सकता है। इस ट्रांजिट से मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के तीसरे, छठे और सातवें भाव पर पड़ेगी।

इस समय आपकी इम्युनिटी वीक रह सकती है और आप एनर्जी के लेवल पर लो फील करेंगे। इस अवधि में आपको अपनी हेल्थ पर ज्यादा खर्चा करना पड़ सकता है। 

इस समय आपके दुश्मन आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। आप उन पर हावी रहेंगे। इस समय आपको अपने लाइफ पार्टनर की सेहत का भी ख्याल रखना चाहिए। इस दौरान उनकी सर्जरी हो सकती है या उन्हें चोट लग सकती है। 

उपाय- आपको रोजाना मंदिर जाकर माता रानी के दर्शन करने चाहिए।

सिंह

सिंह राशि वालों की कुंडली में मंगलदेव का ट्रांजिट आपके ग्यारहवें यानी आय भाव में होगा। मंगलदेव आपकी कुंडली के चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। इस समय आपको पहले से किए गए इन्वेस्टमेंट से अच्छा फायदा होने की संभावना है। यह समय फाइनेंशियल प्लानिंग के लिहाज से भी अच्छा रहने वाला है। 

इस ट्रांजिट से मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के दूसरे, पांचवें और छठे भाव पर रहेगी। इस समय आपका अच्छा इंक्रीमेंट हो सकता है। इसके साथ ही आप सेविंग्स करने में भी कामयाब रहेंगे। हालांकि, इस समय आप अपनी लव लाइफ को लेकर पजेसिव रह सकते हैं। 

वहीं, कॉम्पटेटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह समय वरदान साबित होगा। इस समय आपकी परफॉर्मेंश शानदार रहने वाला है। इस समय आपको कानूनी अड़चनों से भी छुटकारा मिलता दिख रहा है। 

उपाय– आपको हर मंगलवार को हनुमान जी को प्रसाद अर्पित करना चाहिए।

कन्या

अगर बात करें कन्या राशि वालों की तो इस ट्रांजिट से मंगलदेव आपकी कुंडली के दसवें यानी कर्म भाव में विराजमान हो जाएंगे। मंगलदेव आपकी कुंडली में तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। इस समय आप वर्कप्लेस में खुद को एनर्जेटिक महसूस करेंगे। 

इस समय आपके बॉस और सीनियर्स आपकी खूब वाह-वाही करते नजर आएंगे। इस समय आपका प्रमोशन मिल सकता है। बिजनेस करने वालों को इस समय अपनी मेहनत का फायदा मिलता दिख रहा है। 

इस ट्रांजिट से मंगलदेव की दृष्टि कुंडली के पहले, चौथे और पांचवें भाव पर रहेगी। इस समय आपका कॉन्फिडेंस बढ़ा-चढ़ा रहेगा। इस अवधि में आपका अपने लव पार्टनर से ब्रेकअप होने की आशंका है। इसके साथ ही आपके बच्चों की सेहत भी बिगड़ सकती है। 

उपाय- मंगलवार के दिन गरीबों को मिठाई बांटें। 

तुला

तुला राशि वालों के लिए मंगल ग्रह का ये ट्रांजिट अच्छे रिजल्ट लेकर आ रहा है। मंगलदेव, मिथुन राशि में गोचर के बाद आपकी कुंडली के नौंवे यानी भाग्य भाव में आ जाएंगे। आपकी कुंडली में मंगलदेव दूसरे और सातवें भाव के लॉर्ड हैं। 

शादीशुदा लोग इस समय अपने लाइफ पार्टनर के साथ किसी एडवेंचर्स यात्रा पर जा सकते हैं। इसके साथ ही इस अवधि में अविवाहित लोगों की शादी तय हो सकती है। आप अपने लव पार्टनर को भी अपने परिवार के लोगों से मिलवा सकते हैं। 

इस समय मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के बारहवें, तीसरे और चौथे भाव पर होगी। इस समय आप ट्रेवलिंग पर खर्चा करते दिख रहे हैं। हालांकि, इस समय आपको अपनी जुबान पर लगान रखने की जरूरत है। वरना आपकी लड़ाइयां हो सकती हैं। 

उपाय- आपको स्कूल में किताबें दान करनी चाहिए। 

वृश्चिक

वृश्चिक राशि वालों की कुंडली में मंगलदेव पहले और छठे भाव के लॉर्ड होते हैं। मिथुन राशि में ट्रांजिट करने के बाद वे आपकी कुंडली के आठवें भाव में विराजमान हो जाएंगे। 

इस समय आपकी लाइफ में अनिश्चितता आती दिख रही है। इस समय आपके दुश्मन आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा आपको गाड़ी चलाते समय भी सतर्क रहने की जरूरत है। 

इस अवधि में मंगल महाराज की दृष्टि आपकी कुंडली के दूसरे, तीसरे और ग्यारहवें भाव पर रहेगी। फाइनेंशियली ये समय आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इस दौरान आपको किसी पुराने इन्वेस्टमेंट से अच्छा रिटर्न मिल सकता है। 

इस समय आपको अपने किसी भी फैमिली मेंबर का दिल दुखाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही आपका अपने छोटे भाई-बहन से झगड़ा होता दिख रहा है। इस समय आपको तोल-मोल कर बोलने की जरूरत है। 

उपाय- इस समय आपको रोजाना बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।

धनु

अब बात करते हैं धनु राशि वालों की। मिथुन राशि में ट्रांजिट के बाद मंगलदेव आपकी कुंडली के सातवें भाव में आ जाएंगे। मंगलदेव आपकी कुंडली में पांचवे और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। इस समय आपको अपनी जॉब खतरे में दिखाई दे सकती है। हालांकि, इस समय आपको किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

यह समय लव बर्ड्स के लिए शानदार रहने वाला है। इस समय आपको मैरिज का प्रपोजल मिल सकता है। हालांकि, शादीशुदा लोगों के रिलेशनशिप में दरार आती दिख रही है। 

इस समय मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के पहले, दूसरे और दसवें भाव पर रहेगी। इस समय आपका स्वभाव उग्र हो सकता है। ऐसे में आपको किसी से भी विवाद करने से बचना चाहिए। 

इसके अलावा आपको गले से जुड़ी कोई बीमारी भी परेशान कर सकती है। इस समय आप सेविंग्स नहीं कर पाएंगे और आपका पैसा दवाओं पर खर्च हो सकता है। 

उपाय- आपको गुड़ का दान करना चाहिए। 

मकर

मंगलदेव इस ट्रांजिट के बाद मकर राशि वालों की कुंडली के छठे भाव में रहने वाले हैं। वे आपकी कुंडली में चौथे और ग्यारहवें हाउस के लार्ड होंगे। इस ट्रांजिट से आपको अपनी हेल्थ में सुधार देखने को मिलेगा। इस अवधि में अगर आप किसी भी कॉम्पटीशन में हिस्सा लेते हैं तो सफलता आपके कदम चूमेगी। 

इसके साथ ही इस समय नौकरी-पेशा लोगों का ट्रांसफर हो सकता है। इस समय आपको अपनी जॉब से रिलेटेड काम के लिए विदेश भी जाना पड़ सकता है। इस दौरान आपके दुश्मन आपसे दबकर रहेंगे। 

इस ट्रांजिट से मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के नौवें, बारहवें और पहले भाव पर रहेगी। इस समय आपके खर्चे बढ़ सकते हैं। इसके अलावा आप चिड़चिड़े भी हो सकते हैं।

उपाय- आपको अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। 

कुंभ

कुंभ राशि वालों की बात करें तो इस ट्रांजिट के बाद मंगलदेव आपकी कुंडली के पांचवे भाव में आ जाएंगे। कुंभ राशि वालों की कुंडली में मंगलदेव तीसरे और दसवें भाव के स्वामी यानी लॉर्ड होते हैं। इस समय आपके बच्चों के मुंह में छाले हो सकते हैं या उन्हें चोट लग सकती है। इसके अलावा आपके बच्चे चिड़चिड़े भी हो सकते हैं।

लव लाइफ के लिहाज से देखें तो इस समय आपको अपने लव पार्टनर पर पाबंदियां लगाने से बचना चाहिए। वरना आपका रिलेशनशिप टूट सकता है। इस समय इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को सफलता मिलती दिख रही है। 

इस समय मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के आठवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव पर रहेगी। इस अवधि में नौकरी-पेशा लोगों को ऑफिस से रिलेटेड काम के लिए टूर पर जाना पड़ सकता है। इसके साथ ही कारोबारियों को इस समय कोई भी रिस्क लेने से बचना चाहिए। 

उपाय- आपको रोजाना सिद्ध कुंजिका स्त्रोत्र का पाठ करना चाहिए। 

मीन

अब बात करते हैं लास्ट बट नॉट द लीस्ट मीन राशि वालों की। आपकी कुंडली में मंगलदेव दूसरे और नौवें भाव के लॉर्ड हैं और इस ट्रांजिट के बाद आपके चौथे भाव में रहेंगे। 

इस समय आपको एन्चेस्ट्रल प्रॉपर्टी मिल सकती है। इसके साथ ही आप नई गाड़ी या घर भी खरीद सकते हैं। इस समय आपका अपनी मां से विवाद हो सकता है। मंगलदेव की दृष्टि आपकी कुंडली के सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव पर रहेगी। 

बिजनेस करने वालों को इस समय खूब लाभ मिलता दिख रहा है। इस समय आपकी इनकम में भी इजाफा होगा। शादीशुदा लोगों की बात करें तो इस समय आप अपने लाइफ पार्टनर पर शक कर सकते हैं। इसके चलते आप दोनों के बीच विवाद हो सकता है। 

उपाय– आपको गरीब बच्चों को लाल रंग के कपड़े डोनेट करने चाहिए।

देवगुरु बृहस्पति ने किया नक्षत्र गोचर, सभी 12 राशियां कर लें तैयारी! इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। Astro Arun Pandit जी की टीम की ओर से आपको शुभकामनाएं।  

कैसे प्रकट हुईं वेदमाता गायत्री?

क्या आपको पता है कि वेदमाता गायत्री का जन्म कैसे हुआ? आज हम बात करेंगे उन्हीं मां गायत्री की और उनके मंत्र की महिमा की। 

दरअसल, ब्रह्माजी एक बार पुष्कर में यज्ञ करने पहुंचे जिसमें उनकी पत्नी को भी शामिल होना था लेकिन किसी कारण से उनकी पत्नी को देर हो गई। 

इसी बीच ब्राह्मणों ने यज्ञ के मुहूर्त का समय बीतने बात कही। इस पर ब्रह्माजी ने उनसे कोई उपाय करने के लिए कहा। इस दौरान वहां से गौ माता गुजर रही थीं। ब्राह्मणों ने उन्हें रोका और वेद मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए। 

इससे गाय के मुख से मां गायत्री देवी प्रकट हुईं। इसके बाद ब्रह्माजी की मां गायत्री से शादी करवाई गई और वे दोनों यज्ञ में शामिल हुए। यह सावन मास की पूर्णिमा का दिन था इसलिए हर साल इस दिन को गायत्री जयंती बनाई जाती है। इस बार ये दिन 19 अगस्त को पड़ रहा  है। 

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गायत्री मंत्र का महत्त्व

अब बात करते हैं मां गायत्री के मंत्र “ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।” गायत्री मंत्र का जप करने से आदमी का औरा पॉजिटिव होता है। 

अगर आपको एंग्जायटी या कोई और मेन्टल हेल्थ इशू है तो इस मंत्र के जप से आपको उनसे रिकवरी में मदद मिलेगी। इससे उनके मन के दुख, भय और शोक जैसी नेगेटिविटी बातें खत्म होती हैं। तो ये थीं गायत्री जयंती की विशेष जानकारी। 

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रक्षाबंधन: कौन से रंग की राखी चमकाएगी आपके भाई की किस्मत?

रक्षा बंधन का पर्व इस बार 19 अगस्त को है। भाई-बहन के अटूट स्नेह के इस पर्व के लिए आप भी तैयारी कर रहे होंगे। आपके मन भी ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि अपने भाई को कौनसे रंग की राखी बांधकर आप उनकी किस्मत के सितारे बुलंद कर सकते हैं। 

मान्यता है कि भाई की कलाई पर लाल रंग की राखी बांधने से उनका साहस और पराक्रम बढता है। वहीं, पीले रंग की राखी बांधने से भाई का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। आज के ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि आप अपने भाई को किस रंग की राखी बांध सकते हैं।

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मेष राशि

अगर आपके भाई की मेष राशि है, तो आप उन्हें लाल रंग की राखी बांध सकती हैं। इससे वे अपनी लाइफ में एनर्जेटिक महसूस करेंगे। 

वृषभ राशि

जिन बहनों के भाई की वृषभ राशि है उन्हें अपने भाई को रंग-बिरंगी राखी बांधनी चाहिए। इससे आपके भाई की लाइफ में पॉजिटिविटी आएगी। 

मिथुन राशि

अगर आपके भाई की मिथुन राशि है तो आपको उन्हें ग्रीन कलर की राखी बांधनी चाहिए। इससे उन्हें करियर व बिजनेस में अच्छी ग्रोथ मिलेगी। 

कर्क राशि

वहीं, जिनके भाई की कर्क राशि है वे अपने भाई को व्हाइट कलर की राखी बांध सकते हैं। यह उनकी लाइफ में पीस और प्रॉस्पेरिटी लेकर आएगा। 

सिंह राशि

अगर आपके भाई की सिंह राशि है तो आप उन्हें रेड या येलो कलर की राखी बांध सकते हैं। इससे उन्हें नेम और फेम मिलेगा। 

कन्या राशि

जिन लोगों के भाई की राशि कन्या है, उन्हें अपने भाई को डार्क ग्रीन कलर की राखी बांधनी चाहिए। इससे आपके भाई को लाइफ में हर एरिया में सक्सेस मिलेगी। 

तुला राशि

अब बात करते हैं उन लोगों की जिनकी राशि तुला है। ऐसे लोगों की बहन को अपने भाई की कलाई पर पिंक कलर की राखी बांधनी चाहिए। इससे उनकी लाइफ खुशियों से भर उठेगी। 

वृश्चिक राशि

अगर आपके भाई की वृश्चिक राशि है, तो आप उनके हाथ पर मेहरून कलर की राखी बांध सकते हैं। इससे उन्हें सभी प्रॉब्लम्स से छुटकारा मिलेगा।

धनु राशि

अगर आपका भाई धनु राशि का है तो आपको उन्हें येलो कलर की राखी बांधनी चाहिए। इससे उनकी हेल्थ और वेल्थ दोनों में ही सुधार नजर आएगा। 

मकर राशि

जिन लोगों के भाई की मकर राशि है उन्हें अपने भाई को ब्लू कलर की राखी बांध सकते हैं।  इससे आपके भाई को करियर में प्रमोशन मिलेगा। 

कुंभ राशि

अगर आपके भाई की कुंभ राशि है, तो आपको अपने भाई को डार्क ग्रीन कलर की राखी बांधनी चाहिए। इससे उनके हेल्थ रिलेटेड इश्यूज खत्म होंगे। 

मीन राशि

अब बात करते हैं लास्ट बट नॉट द लीस्ट, मीन राशि वालों की। अगर आपके भाई की मीन राशि है तो आपको उन्हें येलो कलर की राखी बांधनी चाहिए। इससे उनकी लाइफ में मनी रिलेटेड प्रॉब्लम्स खत्म होंगी। 

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संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है शनि प्रदोष व्रत

क्या आपको पता है कि सावन के महीने में एक व्रत ऐसा भी आ रहा है जिसे करने से आपको संतान की प्राप्ति हो सकती है। यह है शनि प्रदोष का व्रत। कहते हैं जिसके ऊपर महादेव का हाथ हो मतलब आशीर्वाद हो उसे सभी ग्रह-नक्षत्रों का साथ मिल जाता है।

इस बार 17 अगस्त यानी शनिवार को शनि प्रदोष पड़ रहा है। इसमें महादेव के साथ शनि महाराज की भी विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। हर वार को पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग होती है, सोमवार का सोम प्रदोष व्रत रखने से बर्थ चार्ट में चन्द्रमा की स्थिति ठीक होती है।

वैसे ही शनि प्रदोष का व्रत शनिदेव के नेगेटिव इम्पैक्ट को तो कम करता ही है। इसके साथ ही इस व्रत को करने से व्यक्ति को संतान की भी प्राप्ति होती है। इसके अलावा अगर कोई काम बार-बार रुक रहा हो तो वह भी इस व्रत को करने से पूरा होता है।

ध्यान देने योग्य बातें-

  •  प्रदोष की पूजा प्रदोष काल यानि सूर्यास्त के 1 घंटे पहले और एक घंटे बाद तक ही होनी चाहिए। वरना व्रत का पूरा फल नहीं मिलता है।  
  • प्रदोष के व्रत में आपको बिलकुल भी नमक नहीं खाना चाहिए।

महादेव को क्यों प्रिय है प्रदोष व्रत? हमारे इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए दिए हुए लिंक पर click करें।

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