December Prediction-2023

दिसम्‍बर 2023 राशिफल

दिसंबर महीना आपके लिए विभिन्न चुनौतियों और संभावनाओं के साथ आया है। इस महीने, ग्रहों के स्थिति में परिवर्तन हो रहा है, जिससे आपके जीवन में कुछ नए परिवर्तन आ सकते हैं। मंगल और बृहस्पति की स्थिति से आपको कुछ लाभ हो सकता है, लेकिन शनि का वक्री होना कुछ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

दिसंबर महीना आपके लिए विभिन्न चुनौतियों और संभावनाओं के साथ आया है। इस महीने, ग्रहों के स्थिति में परिवर्तन हो रहा है, जिससे आपके जीवन में कुछ नए परिवर्तन आ सकते हैं। मंगल और बृहस्पति की स्थिति से आपको कुछ लाभ हो सकता है, लेकिन शनि का वक्री होना कुछ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

मंगल आपकी ऊर्जा को बढ़ा सकता है और आपको कार्यों में सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है। बृहस्पति की शुभ स्थिति से आपको नए अवसर मिल सकते हैं और आपके विचारों में प्रगाढ़ता आ सकती है।

विरोधात्मक दृष्टि से, शनि की वक्री स्थिति कुछ राशियों के लिए सामाजिक और पेशेवर स्तर पर चुनौतीपूर्ण हो सकती है। यह आपको अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में देरी का सूचना देता है और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

इस राशिफल के माध्यम से, सभी 12 राशियों को यह सुझाव दिया जा रहा है कि वे इस समय को समझें और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए तैयारी करें। कुछ राशियों के लिए यह महीना खुशहाली और सफलता से भरा हो सकता है, जबकि कुछ राशियों को सतर्क रहने की आवश्यकता हो सकती है। साथ ही हर राशिफल के अंत में पायेंगें अपनी राशि के अनुसार एक विशेष उपाय जिसे करके आप अपने साल का यह अंतिम माह अपने लिये शुभ बना सकते हैं। 

मेष-

  • मंगल की दशा के कारण मिलाजुला प्रभाव देखने को मिलेगा। 
  • शुरुवाती 15 दिन लायेंगे सौगाते!
  • विदेश जाने के बन सकते है योग। 
  • माह के अंत में आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। 
  • बिजनेस डील करना पड़ सकता है भारी!
  • प्रेमी संबंध में अच्‍छे पल साथ बितायेंगे। 
मेष राशि के लिये उपाय- हनुमान जी का पूजन करे। 

वृषभ-

  • शनि व केतु कर सकते है परेशान!
  • जॉब बदलने से होगा धन लाभ। 
  • शनि के प्रभाव से काम में देरी होगी। 
  • आर्थिक पक्ष सामान्‍य रहने वाला है। 
  • पैसे खोने की संभावना है। 
  • संपत्ति से फायदा हो सकता है 
  • माता जी को हड्डी से संबंधित परेशानी हो सकती है। 
  • प्रेमी संबंध में अनबन हो सकती है। 
वृषभ राशि के लिये उपाय- मां दुर्गा की आराधना ज़रूर करें।  

मिथुन-

  • खुशियों भरा होने वाला है यह माह। 
  • करियर, नौकरी में तरक्‍की मिलेगी। 
  • अचानक होगा धन लाभ, आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। 
  • विद्यार्थियों को पढ़ाई में आ सकती है समस्या। 
  • माता जी के स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखें। 
  • प्रेम और विवाह के लिये यह माह बहुत शुभ है। 
  • पारिवारिक माहौल में सुधार होगा।
मिथुन राशि के लिये उपाय- भगवान श्री हरि की आराधना करें और प्रत्येक शनिवार को पीपल वृक्ष पर जल चढ़ाये।

कर्क-

  • नौकरी में हो सकता है बदलाव। 
  • नये व्‍यापार में हाथ न आज़मायें, नुकसान होने की संभावना है।
  • शेयर मार्केट में हो सकता है नुकसान।   
  • शारीरिक कष्ट हो सकता है। 
  • फिजू़ल खर्ची बढ़ सकती है और आर्थिक प्रबंधन गड़बड़ा सकता है।
  • प्रेमी जीवन और वैवाहिक जीवन में परेशानी आ सकती है। 
  • इस माह पिताजी का सहयोग मिलेगा।
कर्क राशि के लिये उपाय- सोमवार को चंद्रमा की चाँदनी में योगाभ्यास करे।

सिंह-

  • शनिदेव परिवार में करा सकते है उठा पटक। 
  • करियर में अनुकूल परिणाम मिलेगें।
  • आर्थिक पक्ष इस माह अच्‍छा रहने वाला है।
  • नौकरी में प्रमोशन के बन रहे है योग। 
  • इस महीने हो सकता है धनलाभ। 
  • पेट से संबंधित समस्या हो सकती। 
  • पारिवारिक जीवन के लिये यह माह शानदार है। 
  • विवाह के योग बन रहे हैं।
सिंह राशि के लिये उपाय-  हर रविवार आदित्यहृदयस्त्रोतं का पाठ करें।   

कन्या-

  • थोड़ा सा दुःख और बहुत ज्यादा सुख की होगी प्राप्ति। 
  • करियर के लिहाज़ से स्ट्रगल करना पड़ सकता है। 
  • कोई नई चीज़ सीखने का मन करेगा। 
  • इस महीने जीवन बदलने का होगा मन   
  • प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हो सकता है। 
  • कर्ज लेने से बचे इस माह। 
  • सर दर्द, अपच, जोड़ो मे दर्द जैसी परेशानी हो सकती है। 
  • प्रेमी संबंधों में झगड़ो से बचे और समझदारी से काम लें।
कन्‍या राशि के लिये उपाय –  प्रतिदिन 41 बार ॐ केतवे नमः मंत्र का जप करें। 

तुला-

    1. घर में मांगलिक कार्य हो सकते है।  
    2. नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। 
    3. व्‍यापार में सफलता मिलेगी लेकिन कुछ भी नया करने से इस माह बचे। 
    4. पैसों को लेकर निराशा मिल सकती है।   
    5. सेहत पर विशेष ध्‍यान दें, बाहर के खान-पान से बचे।  
    6. शादी के लिये इंतजार करना पड़ सकता है।
    7.  प्रेमी जीवन में परेशानियां आ सकती है। 
    8. मंगल तीसरे भाव में जिससे पारिवारिक जीवन खुशहाल होगी। 
     
तुला राशि के लिये उपाय-  प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करे।

वृश्चिक-

  • आध्यात्मिक ज्ञान, धार्मिक लाभ की होगी प्राप्ति। 
  • फोकस और अटेंशन की कमी हो सकती है।
  • काम का प्रेशर बढ़ेगा। 
  • बिज़नेस में नुकसान हो सकता है। 
  • अनचाहे खर्चे हो सकते हैं।  
  • रिलेशन को लेकर बरते सावधानी। 
  • प्रेमी जीवन में समझदारी से काम लें।
  • सेहत ठीक-ठाक रहले वाली है। 
वृश्चिक राशि के लिये उपाय-  प्रतिदिन 27 बार ‘ॐ हनुमते नमः’ मंत्र का जप करे।   

धनु-

  • आर्थिक स्थिति रहेगी मजबूत।
  • पेट और पैर से संबंधित परेशानी हो सकती है।
  • विदेश में व्यापार से लाभ के संयोग है। 
  • जल्दबाज़ी में लिआ गया फैसला नुकसान दे सकता है।  
  • विद्यार्थी इस महीने विचलित हो सकते है।
  • डिप्रेशन, एंजाइटी हो सकती है। 
  • पारिवारिक माहौल खुशनुमा रहने वाला है।
धनु राशि के लिये उपाय- किसी भी व्यक्ति को भोजन जरूर करायें। 

मकर-

  • कार्यक्षेत्र में मिले जुले परिणाम मिल सकते है। 
  • पैसों में अचानक से गिरावट हो सकती है। 
  • नये बिज़नेस प्लान से फायदा मिलेगा। 
  • नई चुनौ‍तियां मिल सकती है। 
  • सर और पैर में दर्द, चेहरे में कोई समस्या हो सकती है।
  • परिवार में आपसी साझेदारी बनी रहेगी।  
  • प्रेमी जीवन में तकलीफ हो सकती है। 
  • पारिवारिक यात्रा संभव है।
मकर राशि के लिये उपाय- भगवान शिव का पूजन अवश्‍य करे।

कुंभ-

  • अपने कार्य के प्रति अचानक से एनर्जेटिक हो सकते है । 
  • नौकरी को लेकर निराश हो सकते है।  
  • मंगल का प्रभाव आगे के 40 दिन आपको प्रभावित करेगा। 
  • नये फैसले आपको नई ऊंचाई पर ले जायेंगे।  
  • प्रेमी जीवन में बहुत अशांति दिखाई दे रही है। 
  • रिलेशनशिप को लेकर कड़े फैसले ले सकते हैं, जो आपके लिये बाद में बेहतर साबित होगें। 
  • परिवार में मनमुटाव हो सकता है।
  • जीवन में किसी नये के आने की उम्‍मीद आपके मन में आयेगी। 
कुंभ राशि के लिये उपाय- प्रतिदिन शनि चालीसा का पाठ करें।

मीन-

  • जॉब या बिज़नेस के लिये रहेगा फायदेमंद। 
  • स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखें। 
  • नौकरी में नये बदलाव देखने को मिलेगा। 
  • निवेश बहुत देरी से प्रॉफिट देगा। 
  • बिज़नेस में ले सकते है नये फैसले।  
  • त्वचा को लेकर हो सकती है समस्या । 
  • प्रेमी जीवन और वैवाहिक जीवन अच्‍छा है।
  • परिवार के साथ किसी ट्रिप पर जा सकते है।
मीन राश‍ि के लिये उपाय- प्रतिदिन 108 बार ॐ हनुमते नमः मंत्र का जाप करें। 

Deepawali 2023

deepawali 2023 vishesh upaaye astro arun pandit

कितने ही अंधेरे मिलकर कायम हो जाएँ,
मिटाने को उजियारे की एक लौ काफी है।

दीपों का त्यौहार दीपावली नई उमंग और नया उत्साह लेकर आता है, गहरे से गहरे अँधियारे को खत्म करने के लिए जैसे एक दीपक ही काफी होता है, वैसे ही हमारे मन के अंधेरे यानि बुराइयों को खत्म करने के लिए भी दीपावली का त्यौहार जाना जाता है। यह त्यौहार कई मायनों में अलग-अलग महत्व रखता है, इस दिन केवल धन के अर्जन के लिए लक्ष्मी पूजा नहीं होती बल्कि कई तरह की सिद्धियों को पाने का बहुत सही समय होता है। दीपावली का त्यौहार 5 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाए जाते हैं। हिन्दू परंपरा के अनुसार इस दिन साधक लोगों द्वारा कई सात्विक सिद्धियों की प्राप्ति के लिए पूजन, जप और साधना की जाती है। इसलिए आज के इस ब्लॉग में आप जानेंगे, दीपावली के इन 5 दिनों में आपको क्या करना चाहिए। ताकि आप दैवीय कृपा पाकर एक खुशहाल और भरापूरा जीवन जी सकें।

धनतेरस (10 जनवरी)

धनतेरस सनातन हिन्दू धर्म का एक ऐतिहासिक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे दीपावली के 2 दिन पहले मनाया जाता है। इस पर्व का महत्व धन, संपत्ति, और आरोग्य की प्राप्ति के लिए होता है, इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। जो समुद्र मंथन के आखिरी दिन औषधियों से पूर्ण अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।

क्या करें-

इस दिन आपको अपने शारीरिक और मानसिक आरोग्य की रक्षा करने के लिए सात्विक आहार और औषधियों का सेवन करना चाहिए । साथ ही देवी लक्ष्मी और देवी गायत्री की पूजा कर भगवान धन्वंतरि के इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय त्रैलोक्यपतये त्रैलोक्यनिधये श्रीमहाविष्णुस्वरूपाय श्रीधन्वन्तरीस्वरूपाय श्री श्री श्री औषधचक्राय नारायणाय नमः॥
धनतेरस का दिन हमें धन, संपत्ति, और आरोग्य के महत्व को समझने का मौका देता है। हमें अपने जीवन में सात्विकता और आत्मविकास की दिशा में ही आगे बढ़ते रहना चाहिए।

नरक चतुर्दशी (11 नवंबर)

नरक चतुर्दशी दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाने वाला पवित्र त्यौहार है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर नामक दैत्य का अंत करके उसके पास बंधक 16108 स्त्रियों को मुक्त किया था और उनके सम्मान की रक्षा के लिए सभी को अपनी पटरानी होने का दर्जा दिया था। इसलिए सनातन धर्म में दीपावली से ठीक एक दिन पहले भगवान कृष्ण की पूजन और चिंतन किया जाता है।

क्या करें-

नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके अपने घर में 5 दीपक जलाकर श्री कृष्ण अर्पणम कहकर रखने से घर में मौजूद बुरी ताकतों का नाश होता है। इनमें से पहला दीपक घर के पूजा स्थान, दूसरा रसोई घर में, तीसरा उस जगह जलाना चाहिए जहां हम पीने का पानी रखते हैं, चौथा पीपल या वट के पेड़ के तले और पांचवां घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए।

मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।

यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥

साथ ही इस शक्तिशाली मंत्र का ऐसा करने से श्रीकृष्ण का वास सदैव आपके घर पर बना रहता है और हर संकट का अंत होता है।

दीपावली (12 नवंबर)

दीपावली का त्यौहार साल का सबसे ज्यादा प्रकाशक पर्व है, इस दिन अंतरिक्ष से भी भारत में हर तरफ उजियारा दिखाई देता है। कार्तिक मास की अमावस्या सबसे घनी अंधियारी अमावस्या होती है, इसलिए इस दिन हर तरफ प्रकाश और अच्छाई की रोशनी दिखाई देती है। लक्ष्मी पूजन, साधना, सुख-समृद्धि की प्रार्थना करने के लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है।

क्या करें-

दीपावली के दिन माता महालक्षमी की पूजन और साधना करने का विधान है, कार्तिक मास की अमावस्या सबसे ज्यादा सिद्धि देने वाली रात्रि है, इसलिए मंत्रसिद्धि, कार्यसिद्धि, धन सिद्धि, समृद्धि सिद्धि करने का यह बहुत शुभ समय है, इस दिन पूरे घर में प्रकाश रखें, सफाई रखें, दान करें, गाय की सेवा करें, ब्रह्मचर्य का पालन करें, और जितना अधिक हो सके माता महालक्ष्मी के इस वैदिक मंत्र का जप करें-

॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ  महालक्ष्मी नमः:॥

गोवर्धन पूजा (13 नवंबर)

गोवर्धन पूजा दीपावली के दूसरे दिन इसलिए मनाई जाती है, क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इन्द्र देव के स्थान पर गोवर्धन पूजा सारे वृंदावन से कराई थी, और इसी दिन गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्का उंगली पर उठाकर वृंदावन की रक्षा की थी। तब से इसी तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है। इस दिन गाय की पूजन का भी विशेष महत्व है।

क्या करें-

समस्त सृष्टी गौवंश का दूध पीकर ही पलता है, इसलिए गाय को सनातन धर्म में माता का दर्जा दिया गया है। इस दिन गाय के गोबर से घर के आँगन में गोवर्धन पर्वत बनाकर कृष्ण पूजा और कुलदेव का पूजन करके गायों की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है। इस दिन हर समय ॥ॐ गोविन्दाय नमः॥ का जाप करते रहें और गायों की पूजा इस मंत्र से करें।
गावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम्॥ सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः। गावो मामुपतिष्ठन्तामिति नित्यं प्रकीर्तयेत्॥

गोवर्धन पूजा का दिन गाय की सेवा में ही बीते ऐसा प्रयास हमें करना चाहिए।

भाई दूज (14 नवंबर)

भाई दूज दीपावली का अंतिम दिवस होता है इस दिन पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन यमदेव अपनी बहन यमी से मिलने उनके निवास स्थान पर गए थे और देवी यमी ने यमराज का रक्षा तिलक लगाकर स्वागत किया था। इसलिए सनातन धर्म में इस दिन हर बहन अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी दीर्घायु और समृद्धि के लिए यमराज से प्रार्थना करती है। भाई अपनी विवाहित बहन के ससुराल जाकर तिलक करवाते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

क्या करें-

इस दिन यमराज और चित्रगुप्त के नाम से अर्घ्य और दीप दान किया जाता है। 

सबसे पहले सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान और सूर्य अर्घ्य देना चाहिए। इसके तुरंत बाद या इस तिथि के शुभ मुहूर्त में बहनों को यमराज और चित्रगुप्त पूजन करनी चाहिए और भाइयों को कुमकुम व चंदन का तिलक लगाना चाहिए और भगवान यम से उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करनी चाहिए। पूजा और तिलक करते समय इस मंत्र का जाप जरूर करें- 

यमी यमराजं पूजयति, सुभद्रा कृष्णं पूजयति,

गंगायमुना नद्यः प्रवहन्तु भ्रातस्तव वर्धस्व समृद्धिम्॥

 

इसके बाद बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसका सत्कार करें और उसके मंगल जीवन की कामना करें, और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन दें।

Note- बताए गए नियम सभी राशियों के लिए लागू है

Know How November Born People are | Personalities

Know How are November Born People | जानिए कैसे होते हैं नवंबर में जन्मे लोग | Facts | Personalities - 2023

What Your Birth Date Has to Say About You according to Astrology - November 1 to 30st 2023

27 November 2023

28 November 2023

29 November 2023

30 November 2023

01 November 2023

02 November 2023

03 November 2023

04 November 2023

05 November 2023

06 November 2023

07 November 2023

08 November 2023

09 November 2023

10 November 2023

11 November 2023

12 November 2023

13 November 2023

14 November 2023

15 November 2023

16 November 2023

17 November 2023

18 November 2023

19 November 2023

20 November 2023

21 November 2023

22 November 2023

23 November 2023

24 November 2023

25 November 2023

26 November 2023

27 November 2023

28 November 2023

29 November 2023

30 November 2023

31 October 2023

29 July 2023

30 July 2023

About The Author -

Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.

WATCH DOB COMPLETE VIDEO -

Read our Latest Blogs -

November Prediction-2023

november rashifal 2023 jaane kya hoga prabhav numerologist arun ji

नबम्‍बर राशिफल 2023| जाने नबम्‍वर के महीने में आपकी राशि पर क्‍या होगा प्रभाव!

इस शुभ दीपावली लाभ या हानि!!!!

क्या लेकर आया है नवंबर का ये महीना आपके लिये। इस महीने में 6 ग्रह अपना स्थान परिवर्तन कर रहे है, खासतौर पर राहु-केतु आपकी जिंदगी में उथल-पुथल मचा सकते है। साथ ही शनि कुछ राशियों में वक्री हो रहे है, जिससे कुछ राशियों में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते है। इस महीने ग्रहों की चाल तेजी से बदलने वाली है। ऐसे में सभी 12 राशियों पर बड़े ही रोचक प्रभाव देखे जाने वाले हैं, कुछ राशियों के लिए यह महीना खुशहाली से भरा होगा, लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं, जिनके लिए नवंबर का यह महीना अशुभ परिणामों से भरा हो सकता है। तो पूरा राशिफल ज़रुर देखें !!

मेष-

  • राहु और केतु के गोचर से कार्यक्षेत्र ठीक-ठाक रहेगा। 
  • शनि स्वयं की राशि में बैठे हैं।
  • बहुत ज्यादा व्यस्त हो सकते है। 
  • जॉब के लिये विदेश से शुभ समाचार प्राप्त हो सकते है। 
  • पैसों को लेकर समस्या रह सकती है। 
  • ख़र्चे कर सकते है परेशान !
  • विद्यार्थी पढ़ाई में कुछ Creative कर सकते है। 
  • सेहत का रखें ख्याल । 
  • केतु कर सकता है आपको हैरान!
  • इस महीने बन रहे है शादी के संयोग। 
मेष राशि के लिये उपाय- शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा और घर में यज्ञ और हवन करना होगा शुभ । 

वृषभ-

  • कार्यक्षेत्र में शनि देव कड़ी मेहनत कराने वाले है। 
  • ये महीना राहु-केतु के गोचर से बहुत व्यस्त रहेगा। 
  • पार्टनर के साथ रिश्ते बिगड़ सकते है ।
  • आर्थिक पक्ष में खर्च अधिक होंगे। 
  • विद्यार्थी बहुत भटकते हुये नज़र आ रहे है। 
  • सेहत ठीक-ठाक रहेगी। 
  • शादी करने का हो सकता है मन। 

वृषभ राशि के लिये उपाय-108 बार माँ दुर्गा का मंत्र “ॐ दुर्गाय नमः” का जाप करके दिन की शुरुवात करें।

मिथुन-

  • कार्यक्षेत्र में कम मेहनत में ज्यादा सफलता मिल सकती है। 
  • आर्थिक समस्याओं से निजात मिल सकती है। 
  • इस महीने आप बहुत Energetic महसूस करोगे। 
  • प्रेमी जीवन सुखद बीतेगा। 
  • किसी और की वजह से पढ़ाई में नुकसान हो सकता है। 
मिथुन राशि के लिये उपाय- ॐ बुधाय नमः मंत्र का जप प्रतिदिन 21 बार जरूर करें।

कर्क-

  • कार्यक्षेत्र में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। 
  • जॉब और बिज़नेस में बेहतर परिणाम मिलेंगे।   
  • नये Business में नुकसान हो सकता है । 
  • ये महीना विद्यार्थियों के लिये बहुत अच्छा रहेगा । 
  • केतु के प्रभाव से Health में पैसा खर्च हो सकता है। 
  • परिवार के किसी सदस्य को हो सकता है घमंड !
कर्क राशि के लिये उपाय- प्रतिदिन 21 बार ॐ सोमाय नमः मंत्र का जप करें एवं चाँदी के बर्तन पर पानी पिये। 

सिंह-

  • नौकरी में प्रमोशन और करियर में चैलेंजेस। 
  • सीनियर ले सकते है आपकी परीक्षा
  • इस महीने कमाओगे ढ़ेर सारा पैसा 
  • दोस्तों की वजह से हो सकता है समय बर्बाद 
  • पेट और आँख से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 
  • आपका लव रिलेशन अब शादी में बदल सकता है। 
  • परिवार में हो सकता है झगड़ा।
सिंह राशि के लिये उपाय- सूर्य देव को प्रतिदिन जल चढ़ाये और ॐ श्रीं सूर्याय नमः मंत्र का जप करें।

कन्या-

  • कार्यक्षेत्र में 15 तारीख के बाद मिल सकते है बेहतर परिणाम। 
  • इस महीने आपके खर्चों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। 
  • मेहनत करने से मिलेगी सफलता  
  • गुरु की सलाह मानने से होगा लाभ 
  • आपकी माँ हो सकती है आपसे नाराज़
  • सिरदर्द, और आँखों में दर्द हो सकता है। 
कन्‍या राशि के लिये उपाय – प्रतिदिन गणेश जी की पूजा करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें।  

तुला-

  • नौकरी में मिल सकती है नई Opportunity 
  • हर क्षेत्र में मिलेगी आपको सफलता। 
  • अपने प्रोडक्ट्स का करायें Market Checkup 
  • अपनी हेल्थ का रखें ध्यान 
  • विद्यार्थियों को अपने रिजल्ट में थोड़ा नाखुश होना पड़ सकता है। 
  • Love life और Married life में सकारात्मक रिजल्ट मिलेंगे।  
तुला राशि के लिये उपाय- प्रतिदिन 41 बार ॐ राहवे नमः और ॐ केतवे नमः मंत्र का जप करे।

वृश्चिक-

  • मंगल से संबंधित कार्य में यश मिलेगा । 
  • अचानक से मिलेगी आपको Opportunity 
  • विद्यार्थियों को हो सकती है Anxiety 
  • विद्यार्थी जीवन का दूसरा नाम है संघर्ष  
  • वाहन चलाते समय रखें ध्यान दुर्घटना होने की है संभावना  
  • केतु इस महीने करायेगा आपका मोहभंग 
  • परिवार में छोटा-मोटा झगड़ा हो सकता है।
वृश्चिक राशि के लिये उपाय- प्रतिदिन 21 बार ॐ हं हनुमते नमः मंत्र का जप करे।

धनु-

  • कार्यक्षेत्र में शुभ संयोग बन रहे है।
  • इस महीने आप आलसी हो सकते है। 
  • इस महीने आप ऊर्जा से भरे दिखाई देंगे। 
  • Love Relation में मिल सकती है खुशखबरी
  • परिवार का मिलेगा साथ
धनु राशि के लिये उपाय- भगवान गणेश की उपासना करें और गरीबों को भोजन जरूर करायें।    

मकर-

  • कार्यक्षेत्र में मिले जुले परिणाम मिल सकते है। 
  • इस महीने बिज़नस में लाभ होगा 
  • इस महीने आप अपनी limit को Cross करेंगे। 
  • जिंदगी में Management होता है जरुरी 
  • विदेश में पढ़ाई के लिये है शुभ संयोग।  
  • प्रेमी जीवन में तकलीफ हो सकती है। 
मकर राशि के लिये उपाय- भगवान शिव का पूजन करें और शिवलिंग पर जल से अभिषेक करे।  

कुंभ-

  • कार्यक्षेत्र में रहेगी चुनोतियाँ। 
  • इस महीने मेंटल स्ट्रेस परेशान कर सकती है। 
  • आर्थिक पक्ष ठीक-ठाक रहेगा। 
  • विद्यार्थी अपने समय को बर्बाद कर सकते हैं।
  • प्रेमी जीवन में बहुत अशांति दिखाई दे रही है। 
  • परिवार में हो सकता है मनमुटाव।
कुंभ राशि के लिये उपाय- राधाकृष्ण मंदिर में जाकर राधा नाम जप करें।

मीन-

  • कार्यक्षेत्र में office colleague से अनबन हो सकती है । 
  • इस महीने बहुत खर्च हो सकते हैं।  
  • Property लेने के लिये समय अनुकूल नहीं है। 
  • विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई से डर लग सकता है।  
  • अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 
  • परिवार में नोक-झोंक हो सकती है।
मीन राश‍ि के लिये उपाय- हनुमान मंदिर में जाकर पूजा अर्चना जरूर करें और असहायों की सहायता करें।

Navam divas 2023

navam divas maa siddhidatri mantra jaap astrologer arun ji

नवम दिवस - देवी सिद्धिदात्री

माता सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के नौवें दिन की जाती है। उनके नाम का अर्थ, सिद्धी मतलब आध्यात्मिक शक्ति और दात्री मतलब देेने वाली। अर्थात् सिद्धी को देने वाली। देवी भक्तों के अंदर की बुराइयों और अंधकार को दूर करती हैं और ज्ञान का प्रकाश भरती हैं।

माता सिद्धिदात्री का स्वरूप

माँ सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान हैं और वे शेर की सवारी करती हैं। उनकी चार भुजाएँ हैं जिनमें दाहिने एक हाथ में वे गदा और दूसरे दाहिने हाथ में चक्र तथा दोनों बाएँ हाथ में क्रमशः शंख और कमल का फूल धारण की हुईं हैं। देवी का यह स्वरूप सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाला है।

पौराणिक मान्यताएँ

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने सभी प्रकार की सिद्धियों को पाने के लिए देवी सिद्धिदात्री की उपासना की थी। तब देवी ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी को सभी सिद्धियाँ दीं। तब शिव जी का आधा शरीर देवी सिद्धिदात्री का हो गया। जिसके बाद शिव जी को अर्धनारीश्वर कहा गया।

ज्योतिषी के अनुसार

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से केतु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

मंत्र
ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥
प्रार्थना मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
स्तुति
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

About The Author -

Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.

Ashtam divas 2023

ashtam divas maa mahargauri ka swaroop astro arun ji

अष्‍टम दिवस - देवी महागौरी

माता महागौरी की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है। सच्चे मन से भक्तों द्वारा की गई प्रार्थना माँ अवश्य स्वीकर करती हैं। महागौरी के नाम का अर्थ, महा मतलब महान/बड़ा और गौरी मतलब गोरी। देवी का रंग गोरा होने के कारण ही उन्हें महागौरी कहा गया।

माता महागौरी का स्वरूप

देवी महागौरी की चार भुजाएँ हैं और वे वृषभ की सवारी करती हैं। वे दाहिने एक हाथ से अभय मुद्रा धारण की हुईं हैं, वहीं दूसरे दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएँ एक हाथ में डमरू तथा दूसरे बाएँ हाथ से वे वर मुद्रा में है।

पौराणिक मान्यताएँ

पौराणिक मान्याताओं के अनुसार देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए गर्मी, सर्दी और बरसात का बिना परवाह किए कठोर तप किया था जिसके कारण उनका रंग काला हो गया था। उसके बाद शिव जी उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और गंगा के पवित्र जल से स्नान कराया जिसके बाद देवी का रंग गोरा हो गया। तब से उन्हें महागौरी कहा जाने लगा।

ज्योतिषी के अनुसार

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

मंत्र
ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
प्रार्थना मंत्र
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
स्तुति
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

About The Author -

Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.

Saptam divas 2023

saptam divas maa kaalratri mantra stuti vastu expert arun ji

सप्‍तम दिवस - देवी कालरात्रि

माता कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है। इन्हें देवी पार्वती के समतुल्य माना गया है। देवी के नाम का अर्थ- काल अर्थात् मृत्यु/समय और रात्रि अर्थात् रात है। देवी के नाम का शाब्दिक अर्थ अंधेरे को ख़त्म करने वाली है।

माता कालरात्रि का स्वरूप

देवी कालरात्रि कृष्ण वर्ण की हैं। वे गधे की सवारी करती हैं। देवी की चार भुजाएँ हैं, दोनों दाहिने हाथ क्रमशः अभय और वर मुद्रा में हैं, जबिक बाएँ दोनों हाथ में क्रमशः तलवार और खडग हैं।

पौराणिक मान्यताएँ

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शुंभ और निशुंभ नामक दो दानव थे जिन्होंने देवलोक में तबाही मचा रखी थी। इस युद्ध में देवताओं के राजा इंद्रदेव की हार हो गई और देवलोक पर दानवों का राज हो गया। तब सभी देव अपने लोक को वापस पाने के लिए माँ पार्वती के पास गए। जिस समय देवताओं ने देवी को अपनी व्यथा सुनाई उस समय देवी अपने घर में स्नान कर रहीं थीं, इसलिए उन्होंने उनकी मदद के लिए चण्डी को भेजा। जब देवी चण्डी दानवों से युद्ध के लिए गईं तो दानवों ने उनसे लड़ने के लिए चण्ड-मुण्ड को भेजा। तब देवी ने माँ कालरात्रि को उत्पन्न किया। तब देवी ने उनका वध किया जिसके कारण उनका नाम चामुण्डा पड़ा। इसके बाद उनसे लड़ने के लिए रक्तबीज नामक राक्षस आया। वह अपने शरीर को विशालकाय बनाने में सक्षम था और उसके रक्त (खून) के गिरने से भी एक नया दानव (रक्तबीज) पैदा हो रहा था। तब देवी ने उसे मारकर उसका रक्त पीने का विचार किया, ताकि न उसका खून ज़मीन पर गिरे और न ही कोई दूसरा पैदा हो। माता कालरात्रि को लेकर बहुत सारे संदर्भ मिलते हैं। आइए हम उनमें से एक बताते हैं कि देवी पार्वती दुर्गा में कैसे परिवर्तित हुईं? मान्यताओं के मुताबिक़ दुर्गासुर नामक राक्षस शिव-पार्वती के निवास स्थान कैलाश पर्वत पर देवी पार्वती की अनुपस्थिति में हमला करने की लगातार कोशिश कर रहा था। इसलिए देवी पार्वती ने उससे निपटने के लिए कालरात्रि को भेजा, लेकिन वह लगातार विशालकाय होता जा रहा था। तब देवी ने अपने आप को भी और शक्तिशाली बनाया और शस्त्रों से सुसज्जित हुईं। उसके बाद जैसे ही दुर्गासुर ने दोबारा कैलाश पर हमला करने की कोशिश की, देवी ने उसको मार गिराया। इसी कारण उन्हें दुर्गा कहा गया।

ज्योतिषी के अनुसार

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

मंत्र
ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥
प्रार्थना मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
स्तुति
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

About The Author -

Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.

Shashtam divas 2023

shastam divas maa katayani manyata astrologer arun ji

षष्‍टम दिवस - देवी कात्यायनी

कात्यायनी माता की पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। देवी पार्वती ने यह रूप महिषासुर नामक राक्षस को मारने के लिए धारण किया था। माता का यह रूप काफ़ी हिंसक माना गया है, इसलिए माँ कात्यायनी को युदध की देवी भी कहा जाता है।

माता कात्यायनी का स्वरूप

माँ कात्यायनी शेर की सवारी करती हैं। इनकी चार भुजाएँ हैं, बाएँ दो हाथों में कमल और तलवार है, जबकि दाहिने दो हाथों से वरद एवं अभय मुद्रा धारण की हुईं हैं। देवी लाल वस्त्र में सुशोभित हो रही हैं।

पौराणिक मान्यताएँ

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी कात्यायनी ने कात्यायन ऋषि को जन्म दिया था, इसलिए उनका नाम कात्यायनी पड़ा। कई जगह यह भी संदर्भ मिलता है कि वे देवी शक्ति की अवतार हैं और कात्यायन ऋषि ने सबसे पहले उनकी उपासना की, इसलिए उनका नाम कात्यायनी पड़ा। जब पूरी दुनिया में महिषासुर नामक राक्षस ने अपना ताण्डव मचाया था, तब देवी कात्यायनी ने उसका वध किया और ब्रह्माण्ड को उसके आत्याचार से मुक्त कराया। तलवार आदि अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित देवी और दानव महिषासुर में घोर युद्ध हुआ। उसके बाद जैसे ही देवी उसके क़रीब गईं, उसने भैंसे का रूप धारण कर लिया। इसके बाद देवी ने अपने तलवार से उसका गर्दन धड़ से अलग कर दिया। महिषासुर का वध करने के कारण ही देवी को महिषासुर मर्दिनी कहा जाता है।

ज्योतिषी के अनुसार

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बृहस्पति के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

मंत्र
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
प्रार्थना मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
स्तुति
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

About The Author -

Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.

Pancham divas 2023

pancham divas maa skand mata ka swaroop numerologist arun ji

पंचम दिवस - देवी स्कंदमाता

माता स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि के पाँचवें दिन होती है। देवी के इस रूप के नाम का अर्थ, स्कंद मतलब भगवान कार्तिकेय/मुरुगन और माता मतलब माता है, अतः इनके नाम का मतलब स्कंद की माता है।

माता स्कंदमाता का स्वरूप

माँ स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। देवी दो हाथों में कमल, एक हाथ में कार्तिकेय और एक हाथ से अभय मुद्रा धारण की हुईं हैं। कमल पर विराजमान होने के कारण देवी का एक नाम पद्मासना भी है। माता की पूजा से भक्तों को सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। देवी की सच्चे मन से पूजा करने पर मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। देवी के इस रूप को अग्नि देवी के रूप में भी पूजा जाता है। जैसा की माँ ममता की प्रतीक हैं, इसलिए वे भक्तों को प्रेम से आशीर्वाद देती हैं।

पौराणिक मान्यताएँ

मान्यताओं के अनुसार तारकासुर नामक एक राक्षस था जो ब्रह्मदेव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप करता था। एक दिन भगवान उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसके सामने प्रकट हो गए। तब उसने उसने अजर-अमर होने का वरदान माँगा। ब्रह्मा जी ने उसे समझाया की इस धरती पर जिसने भी जन्म लिया है उसे मरना ही है। फिर उसने सोचा कि शिव जी तपस्वी हैं, इसलिए वे कभी विवाह नहीं करेंगे। अतः यह सोचकर उसने भगवान से वरदान माँगा कि वह शिव के पुत्र द्वारा ही मारा जाए। ब्रह्मा जी उसकी बात से सहमत हो गए और तथास्तु कहकर चले गए। उसके बाद उसने पूरी दुनिया में तबाही मचाना शुरू कर दिया और लोगों को मारने लगा। उसके अत्याचार से तंग होकर देवतागण शिव जी के पास पहुँचे और विवाह करने का अनुरोध किया। तब उन्होंने देवी पार्वती से विवाह किया और कार्तिकेय के पिता बनें। जब भगवान कार्तिकेय बड़े हुए, तब उन्होंने तारकासुर दानव का वध किया और लोगों को बचाया।

ज्योतिषी के अनुसार

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

मंत्र
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥
प्रार्थना मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

About The Author -

Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.

chaturth divas 2023

chaturth divas maa kushmanda mantra astro arun pandit

चतुर्थ दिवस - माँ कूष्माण्डा

कूष्माण्डा माता की पूजा नवरात्रि के चौथे दिन होती है। कूष्माण्डा संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ- कू मतलब छोटा/सूक्ष्म, ऊष्मा मतलब ऊर्जा और अण्डा मतलब अण्डा है। देवी के कूष्माण्डा रूप की पूजा से भक्तों को धन-वैभव और सुख-शांति मिलती है।

माता कूष्माण्डा का स्वरूप

माँ कूष्माण्डा की 8 भुजाएँ हैं जो चक्र, गदा, धनुष, तीर, अमृत कलश, कमण्डलु और कमल से सुशोभित हैं। माता शेरनी की सवारी करती हैं।

पौराणिक मान्यताएँ

जब चारों ओर अंधेरा फैला हुआ था, कोई ब्रह्माण्ड नहीं था, तब देवी कूष्माण्डा ने मंद-मंद मुस्कुराते हुए सृष्टि की उत्पति की। देवी का यह रूप ऐसा है जो सूर्य के अंदर भी निवास कर सकता है। यह रूप सूर्य के समान चमकने वाला भी है। ब्राह्माण्ड की रचना करने के बाद देवी ने त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) और त्रिदेवी (काली, लक्ष्मी और सरस्वती) को उत्पन्न किया। देवी का यही रूप इस पूरे ब्रह्माण्ड की रचना करने वाला है। ज्योतिषी के अनुसार कूष्माण्डा माँ सूर्य का मार्गदर्शन करती हैं। अतः इनकी पूजा से सूर्य के कुप्रभावों से बचा जा सकता है।

माँ कूष्माण्डा का मंत्र
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥
प्रार्थना मंत्र
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

About The Author -

Astro Arun Pandit is the best astrologer in India in the field of Astrology, Numerology & Palmistry. He has been helping people solve their life problems related to government jobs, health, marriage, love, career, and business for 49+ years.