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मासिक दुर्गाष्टमी को कौनसे उपाय कर पाएं माता रानी की कृपा?

क्या आपको पता है कि मासिक दुर्गाष्टमी माता रानी की कृपा पाने का विशेष दिन है? इस बार सावन की मासिक दुर्गाष्टमी का त्यौहार 13 अगस्त को पड़ रहा है। इसी दिन आखिरी मंगला गौरी व्रत भी है। इससे ये दिन कई मायनों में खास होने वाला है। 

इस दिन आपको मां भगवती की पूजा करनी चाहिए। अगर पॉसिबल हो तो इस दिन व्रत रखिए। इससे आपकी विश पक्का पूरी होगी। इस दिन के लिए कुछ रेमेडीज भी हैं जिन्हें करने से आपकी लाइफ में खुशियां बढ़ सकती हैं।

मासिक दुर्गाष्टमी को करें ये उपाय-

  • इस दिन माता रानी को शृंगार चढ़ाने से सौभाग्य बढ़ता है।  
  • मां दुर्गा को लाल गुलाब अर्पित करने से आपकी लाइफ में कभी पैसे की कमी नहीं होगी। 
  • मां दुर्गा को लाल चुनरी चढ़ाने से वे खुश होती हैं। 
  • मां दुर्गा को नारियल का भोग लगाकर अगले दिन उसे प्रसाद के रूप में लेने से व्यक्ति को संतान सुख मिलता है। 
  • इस दिन दुर्गा सप्तसती का पाठ जरूर करना या किसी ब्राह्मण से कराना चाहिए। इससे आपके घर और जीवन में आई हुई नेगेटिविटी दूर होती है। 

नाग पंचमी विशेष : सर्पों के राजा तक्षक के जीवनदान की कहानी व कुछ उपाय, इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए click करें।

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नाग पंचमी विशेष : सर्पों के राजा तक्षक के जीवनदान की कहानी व कुछ उपाय

यह तो आपने कई बार सुना होगा कि नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन नागों की पूजा करने से धन-संपदा के साथ ही घर में सुख-शांति भी आती है। इस बार नाग पंचमी 9 अगस्त को पड़ रही है। 

दरअसल, सनातन धर्म में नागों को बहुत इम्पोर्टेंस दी गई है। भगवान शिव के गले में वासुकि नाग और भगवान श्रीहरि विष्णु का शेष नाग की शैय्या पर विराजमान होना इस इम्पोर्टेंस को बताने के लिए काफी है। आज के ब्लॉग में हम नागराज तक्षक और राजा जन्मेजय की उस कहानी की बात करेंगे जिससे नाग पंचमी का महत्व जुड़ा है। 

दरअसल, नागराज तक्षक ने राजा जन्मेजय के पिता राजा परीक्षित का पीछा कर उनकी हत्या कर दी। इस पर राजा जनमेजय ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए पुरे नाग वंश को खत्म करने के उद्देश्य से यज्ञ किया। इसे आस्तिक ऋषि ने रोककर राजा जनमेजय को सांपो का महत्व बताया। जिस दिन यह यज्ञ रोका गया उसी दिन से नाग पंचमी मनाई जा रही है।

नागपंचमी पर किए जाने वाले उपाय 

  • इस दिन चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को दूध से स्नान कराने के बाद उनकी पूजा करनी चाहिए और उन्हें बहते पानी में प्रवाहित कर देना चाहिए। इससे कुंडली में बन रहे कालसर्प दोष के नेगेटिव इम्पैक्ट कम होते हैं। 
  • इसके साथ ही ऐसा करने से घर में सुख-शांति आती है और धन भी बरसने लगता है। इस पूजा से आपकी आर्थिक तंगी दूर होती है और आपके हेल्थ इश्यूज भी सॉल्व होते हैं। 

रुद्राक्ष पहनते समय किन बातों का रखें ध्यान? इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए click करें।

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हरियाली तीज: बुध महाराज को कैसे करें स्ट्रांग?

क्या आपको पता है कि हरियाली तीज के दिन आप अपने घर की बहन-बेटियों को कुछ सामान गिफ्ट करके अपने बर्थ चार्ट में बुध महाराज को स्ट्रांग कर सकते हैं? इससे आपको बिजनेस में भी अच्छा मुनाफा मिलता है और आपकी प्रोग्रेस भी होती है। 

सावन की मनमोहक हरियाली के बीच हरियाली तीज का त्यौहार आ रहा है। इस बार ये पर्व 7 अगस्त को पड़ेगा। दरअसल, माना जाता है कि माता पार्वती ने 107 बार जन्म लिया और 108वीं बार उन्हें भगवान शिव ने पति होने का वरदान इसी दिन दिया। कहा जाता है कि जो भी स्त्री इस दिन व्रत रखती है उसे संतान और सौभाग्य दोनों मिलते हैं।

उपाय

  • अब बात करते हैं बुध महाराज को स्ट्रांग करने की। हरियाली तीज पर आप अपने घर की बहन-बेटियों को हरी चूड़ियां, सोलह शृंगार का सामान गिफ्ट कर के अपनी कुंडली में ग्रहों के राजकुमार यानी बुध महाराज को स्ट्रांग कर सकते हैं।
  • इसे आपका बिजनेस तो बढ़ेगा ही और आप पर मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसने लगेगी। 
  • इसके अलावा जो महिलाएं इस दिन मां गौरी की पूजा करती हैं। उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। 
  • अगर किसी लड़की की शादी न हो रही हो या शादी होने में कोई इश्यू आ रहा हो तो इस व्रत को रखने से ऐसी प्रॉब्लम्स सॉल्व हो जाती हैं। 

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सावन अमावस्या पर पितरों को कैसे करें खुश?

अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है। यह दिन पितरों को समर्पित किया गया है। अमावस्या यानी न्यू मून का दिन। यह महीने का वह दिन होता है जब हमें चंद्रमा दिखाई तो नहीं देता लेकिन उसका हमारी लाइफ पर गजब का इम्पैक्ट पड़ता है। ये दिन एक नई शुरुआत को तो दिखाता ही है और ये चंद्रमा के नए साइकल को भी दिखाता है।

इस बार सावन की अमावस्या 4 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन सिद्धि योग, पुष्य नक्षत्र और रविवार भी पड़ रहा है। इस दिन आप भी कुछ रेमेडीज को करके अपनी लाइफ को खुशहाल बना सकते हैं। 

सावन अमावस्या पर बन रहे हैं ये योग-

  • रवि पुष्य योग: सूर्योदय यानी सुबह 5:34 बजे से दोपहर 1:26 बजे तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सूर्योदय से दोपहर 1:26 बजे तक
  • सिद्धि योग: सुबह 10:38 बजे तक

पितरों के लिए कैसे करें तर्पण?

सावन की अमावस्या पर सुबह नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पितरों के निमित्त जल, काले ​तिल, सफेद फूल व कुशा से तर्पण करें। तर्पण करते समय कुशा घास से बनी पवित्री जरूर पहनें। इससे पितरों को तर्पण का जल मिलता है और वे खुश होते हैं और आपको आशीर्वाद देते हैं।

इस दिन करें कौनसे विशेष उपाय?

  • इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा कर सात परिक्रमा करें। इससे आपको शनि महाराज की कृपा मिलेगी और आपको अपनी मेहनत का रिजल्ट भी मिलने लगेगा। 
  • इस दिन अगर आप पेड़ लगाते हैं तो इससे आपकी जन्म कुंडली में बुध महाराज की स्थिति मजबूत होती है।
  • इसके अलावा आपको माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस दिन आटे की गोलियां बनाकर मछलियों के लिए डालनी चाहिए।
  • सावन की अमावस्या के दिन शाम को आटे से बने दीपक में बत्ती जलाकर किसी भी नदी के घाट पर रखना चाहिए। इससे आप पर मां लक्ष्मी की कृपा तो बरसेगी ही। इस साथ ही आपके पितृ यानि एनचेस्टरस भी खुश होकर आशीर्वाद देंगे।

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सावन की मासिक शिवरात्रि क्यों होती है खास?

क्या आपको पता है कि सावन की मासिक शिवरात्रि का क्या महत्व है? क्या आप जानते हैं कि इस दिन बाबा भोलेनाथ को कांवड़ का जल चढ़ाने से क्या फल मिलता है?

आज के लेख हम बात करेंगे सावन की मासिक शिवरात्रि के बारे में। माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। 

इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से अक्षय फल मिलता है। इस बार सावन की मासिक शिवरात्रि 2 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन बाबा पर कांवड़ का जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 

भोले बाबा की कृपा पाने के लिए करें क्या उपाय?

  • इस दिन पंचामृत यानी दूध, दही, शहद, घी और चीनी से भोले बाबा का अभिषेक करें। इससे आपको अपनी हर प्रॉब्लम का सोल्यूशन मिलने लगेगा। 
  • इसके अलावा आप भगवान शिव के सामने शिव तांडव स्त्रोत्र का पाठ कर सकते हैं या इसे सुन सकते हैं। यह डिप्रेशन, एंग्जाइटी या किसी और मेंटल प्रॉब्लम से जूझ रहे लोगों के लिए रामबाण दवा की तरह काम करता है। 
  • इसके अलावा आप अपने बर्थ चार्ट यानी जन्म कुंडली के सभी प्लैनेट्स बैलेंस करने के लिए भी कुछ चीज़े शिवलिंग पर अर्पित कर सकते हैं। जैसे- शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से शनिदेव, चना दाल चढ़ाने से ज्यूपिटर, दूर्वा या बेल पत्र चढ़ाने से बुध, लाल चंदन चढ़ाने से मंगलदेव और इत्र अर्पित करने से शुक्र महाराज की स्थिति कुंडली में अच्छी हो जाती है। 

अगर आप सावन के सोमवार में जलाये जाने वाले 108 बाती के दीपक के बारे में जानना चाहते हैं तो दिए हुए लिंक पर click करें। 

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सावन प्रदोष विशेष: महादेव को क्यों प्रिय है यह व्रत?

आज के लेख में हम बात करेंगे एक ऐसे व्रत के बारे में जिसे करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती हैं। इस व्रत को रखने से बाबा भोले भंडारी की कृपा आप पर बरसने लगेगी। दरअसल, आज हम आज बात करने वाले हैं महादेव के प्रिय प्रदोष व्रत के बारे में। 

दरअसल, जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष पिया, तो वह इतना असरदार था कि महादेव का कंठ यानी गला नीला पड़ गया। इसके चलते सभी देवों और लोगों ने जल व बेल पत्री की मदद से उनके गले की जलन को कम किया। 

महादेव ने विष पीकर सारे जगत का कल्याण किया इसलिए देवता उनकी पूजा करने लगे। इससे खुश होकर महादेव ने तांडव किया और जब ये सारा इंसिडेंट हुआ उस दिन त्रयोदशी तिथि थी। इस कारण ही महादेव को प्रदोष का व्रत अतिप्रिय है।

कब है सावन का पहला प्रदोष व्रत?

  • इस बार सावन का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त यानी गुरुवार को पड़ रहा है। इस कारण इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। अगर आप सच्चे मन से इस व्रत को करते हैं तो आपकी मनचाही मुराद पूरी हो सकती है। 
  • इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा एकसाथ करने से आपकी मैरिज होगी और अगर मैरिड लाइफ में कोई दिक्कत आ रही है तो वह भी दूर होगी।
  • इस व्रत को करने से आपको संतान प्राप्ति हो सकती है। इस दिन आप महादेव के सामने घी का दिया जलाएं। 
  • कोर्ट केसेज या कोई भी डिस्प्यूट हो तो इस व्रत को रखने से या इस दिन महादेव पर एक लोटा जल चढ़ाने से वो सभी इश्यूज खत्म होने लगते हैं। 

सावन विशेष: शिवजी को क्या चढ़ाने से मिलता है क्या फल?  हमारे इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए दिए हुए लिंक पर click करें।

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बाबा भोले भंडारी को क्यों प्रिय है सावन का महीना?

बारिश के साथ-साथ सावन का भी आगाज हो गया है। सावन बाबा भोले भंडारी का सबसे प्रिय माह है। इस साल सावन के महीने की शुरुआत सोमवार से हुई है और यह महीना सोमवार के दिन ही खत्म भी होगा। ऐसे में इस बार का महीना बहुत खास है। 

सावन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस महीने जो भी भक्त बाबा भोलेनाथ की पूजा करता है या उन्हें एक लोटा जल चढ़ता है उसके सारे काम बनते चले जाते हैं। क्या आप जानते हैं की महादेव को सावन मास इतना प्रिय क्यों है ?

सावन मास से जुड़ी कुछ खास बातें-

  • इसी महीने में माता पार्वती ने तप करके भगवान शिव को पति रूप में पाने का वरदान पाया था।
  • सावन  मास तब होता है जब पूर्णिमा के दिन श्रवण नक्षत्र होता है। 
  • माना जाता है कि श्रवण का मतलब होता है- ‘सुनना’। इस महीने में कथा, भागवत व शिव पुराण आदि सुनने का भी बहुत महत्व है। 
  • इस महीने का महत्त्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि मार्कंडेय ऋषि ने अपनी लंबी उम्र के लिए सावन में ही तप किया था।

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सावन विशेष: शिवजी को क्या चढ़ाने से मिलता है क्या फल?

सावन का महीना शुरू हो गया है। भगवान शिव को प्रिय इस महीने में भक्त उन्हें खुश करने के लिए व्रत-उपवास रखते हैं और तपस्या भी करते हैं। कुछ लोग कांवड़ लेकर भगवान शिव को चढ़ाते हैं और कुछ लोग ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए भी जाते हैं।

भगवान शंकर का एक नाम आशुतोष भी है। यानी वह जो भक्त की साधना से जल्द ही खुश हो जाएं। भगवान शिव हर भक्त की मनोकामना को पूरा करने वाले हैं।

क्या आप जानते हैं कि शिवजी को सावन में कौनसी चीज चढ़ाकर आपकी कौनसी मनोकामना पूरी हो सकती है? आज के लेख में हम इसी पर बात करेंगे। 

शहद

जो लोग नेम-फेम और ब्यूटी पाना चाहते हैं उन्हें भगवान शिव को शहद अर्पित करना चाहिए। 

गेहूं और धतूरे का फल

निःसंतान दंपति को भूतभावन भगवान शिव पर गेहूं और धतूरे का फल चढ़ाने चाहिए। इससे उन्हें संतान सुख मिलता है।

गन्ने का रस व चीनी

जो लोग अपने जीवन में प्रॉस्पेरिटी पाना चाहते हैं उन्हें शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शिव जी को चीनी चढ़ाने से भी व्यक्ति के जीवन में लग्जरी आती है।

दूध और तिल

जिन लोगों को रोगों से मुक्ति चाहिए उन्हें भगवान शिव का दूध से अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शिवलिंग पर तिल चढ़ाने से भी रोग मिटते हैं।

दही और घी

सावन में भगवान शिव पर घी चढ़ाने से आपका औरा अच्छा होता है। वहीं, शिवलिंग पर दही चढ़ाने से लाइफ में खुशी आती है और आप मोटिवेटेड रहते हैं। 

इत्र और सुगंधित तेल

जो लोग शिवलिंग पर इत्र चढ़ाते हैं उन्हें धर्म के रास्ते पर दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। इसके अलावा शिवलिंग पर सुगंधित तेल चढ़ाने से लग्जरी और दौलत मिलती है।

चंदन और केसर

सावन में भगवान शिव को चंदन लगाने का विशेष महत्त्व है। इससे व्यक्ति का मान-सम्मान बढ़ता है। वहीं,

शिवलिंग पर केसर अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं।

भांग और बेलपत्र 

शिवलिंग पर भांग चढ़ाने से बुराई खत्म होती हैं। वहीं, बेलपत्र चढ़ाने से लाइफ की सभी डिफकल्टीज़ खत्म होती हैं।

आंवलें का रस

भगवान शिव को आंवले का रस चढ़ाने से व्यक्ति की उम्र बढ़ती है।

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रुद्राक्ष पहनते समय किन बातों का रखें ध्यान?

वर्तमान में हर व्यक्ति अपनी लाइफ की सभी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहता है। हर व्यक्ति चाहता है कि उस पर भगवान शिव की कृपा बरसती रहे। ऐसे में वह सबसे पहले रुद्राक्ष का सहारा ही लेता है। शिव पुराण, श्रीमद् देवी भागवत समेत अन्य ग्रंथों में रुद्राक्ष की इम्पोर्टेंस और इसे पहनने के नियम बताए गए हैं। 

रुद्राक्ष धारण करने के फायदे-

  • रुद्राक्ष को भगवान शिव का वरदान माना जाता है। रुद्राक्ष को नेगेटिव एनर्जी दूर करने और बीमारियों व हार्मोनल डिस्बैलेंस को सही करने के लिए पहना जाता रहा है। इस पहनने से हेल्थ-वेल्थ तो अच्छी होती ही है। 
  • इसके साथ ही मन शांत रहने के साथ ही बीपी भी कंट्रोल में रहता है। रुद्राक्ष पहनने से आदमी को एकाग्रता में मदद मिलती है और स्प्रिचुएल पाथ पर बढ़ने में भी फायदा होता है। इसके अलावा लाइफ में बैलेंस बनाने और कॉन्फिडेंस को बढ़ाने में भी रुद्राक्ष अहम भूमिका निभाता है।

रुद्राक्ष धारण करने के नियम-

  • वहीं, रुद्राक्ष को लेकर सोसायटी में कई तरीके की अफवाहें फैली हुई हैं। इनमें से कई अफवाहें ऐसी हैं जिनका कोई सिर-पैर नहीं है। एक ऐसी ही अफवाह है महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। लेकिन ये सिर्फ अफवाह भर ही है।
  • शास्त्रों में बताया गया है कि बिना रुद्राक्ष के शिव पूजा नहीं की जा सकती।
  • शिवपुराण में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को अभिमंत्रित किए हुए रुद्राक्ष को ही पहनना चाहिए। बिना अभिमंत्रित रुद्राक्ष को धारण करना वर्जित माना गया है। 
  • इसके साथ ही रुद्राक्ष को पहनने वालों को मांस, शराब समेत अन्य तामसिक चीजों को किसी भी हाल में नहीं खाना-पीना चाहिए। 
  • इसके अलावा सोते समय, शौच जाते समय या फिजिकल रिलेशन बनाने के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
  • वहीं, माना जाता है कि रुद्राक्ष को कभी श्मशान घाट पर भी नहीं ले जाना चाहिए। 
  • नहाने के बाद ही रुद्राक्ष को शुद्ध करके पहनना चाहिए। इसके साथ ही रुद्राक्ष को हमेशा काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए।
  • अगर आप रुद्राक्ष की माला पहनते हैं तो उसे किसी अन्य व्यक्ति को कभी न दें। इसके साथ ही दूसरे की पहनी हुई रुद्राक्ष की माला को कभी खुद भी न पहनें। 
  • इसके अलावा रुद्राक्ष की माला को उतारकर साफ जगह पर ही रखना चाहिए।

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एक ऐसा दीपक जो आपका जीवन रोशन कर सकता है!

आज हम बात कर रहे हैं ऐसी बाती की जिससे दीप जलाने पर आपके सारे कष्ट स्वयं महादेव हर लेंगे इसे सहस्त्रवली या 3 तार की 108 बाती का दीपक कहा जाता है।

108 बाती का दीप जलाने के फायदे-

  •  इसे घी में भिगोकर प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव के सामने जलाने से सभी तीर्थों की यात्रा करने का फल मिल जाता हैं।  
  •  कहते हैं जिस व्यक्ति ने कोई तीर्थ ना किया हो, कभी किसी तीर्थ पर स्नान न किया हो वह केवल सोमवार, उसमें भी श्रावण सोमवार के दिन भगवान शिव के सामने अगर 3 तार की 108 लंबी बाती का दीया जला दें, तो उसे सारे तीर्थों में स्नान का फल मिल जाता है।  
  •  वहीं अगर इसमें काले तिल डाल दिए जाएं, तो इसे भगवान शिव के समक्ष जलाने से कुंडली में शनि के द्वारा मिलने पीड़ा कम हो जाती है। 

 तीन तार की 108 बाती बनाने का तरीका

3 तार की 108 बाती बनाने के लिए आप सफ़ेद सूती धागा लें उसे तीन बार अपने हाथ की चार अंगुलियों में लपेटे इससे आपकी एक बाती तैयार हो गयी अब ऐसे ही आपको 108 बाती तैयार करनी है, इन सब का एक बंडल बना लें  और एक अलग धागा लेकर इस पूरे 108 के बंडल को बांध लें। आपकी 108 लंबी बाती तैयार है। 

भोलेनाथ के 108 नाम जाप के बारे में अधिक जानने के लिए दिये गए लिंक पर CLICK करें। 

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