पांचवे भाव में मंगलदेव नीच अवस्था में है, जिससे आपको पढ़ाई को लेकर थोड़ी चिंता और तनाव हो सकता है। इस समय आपके मन में सेल्फ डाउट पैदा हो सकता है, और आपको अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखने की जरूरत होगी। बुध देव का अस्त होना भी भ्रम और असमंजस की स्थिति पैदा कर सकता है। 13 से 14 मई तक चंद्रमा 9वें भाव में रहेगा, जिससे आपको अपनी पढ़ाई में संतुलन और आत्मविश्वास मिलेगा। इस समय आप बेहतर तरीके से सीखने और अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम होंगे।
छठे भाव में 18 मई को केतु का गोचर आपके करियर में एक इनवर्ड, स्पिरिचुअल या डिटेच फेज की शुरूआत कर सकता है। इस समय आप अपने कार्यस्थल पर थोड़ा इमोशनल रूप से दूरी बनाकर रख सकते हैं और अपने करियर को नए पर्सपेक्टिव से देख सकते हैं।
बुध देव का अस्त होना 15 से 17 मई तक कार्यस्थल पर कुछ भ्रम या कंफ्यूजन बना सकता है, जिससे आपको निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है।
गुरु महाराज का चौथे भाव में आना घर और ऑफिस के सेटअप या लंबी अवधि की योजना बनाने में सहायक होगा। यह समय आपके काम और घर के बीच संतुलन स्थापित करने का है।
14 मई से गुरु महाराज का चौथे भाव में गोचर से घर में ज्ञान, सलाह और सकारात्मकता लाएगा। इस समय आप परिवार के मामलों में अधिक समझदारी से काम करेंगे और घर में शांति का माहौल रहेगा।
बुध देव का अस्त होना 12 से 17 मई तक घर में हल्की गलतफहमी या दूरी का कारण बन सकता है। इस समय आपको अपने परिवार के साथ स्पष्ट और संतुलित बातचीत करने की आवश्यकता होगी।
12 मई को चंद्रमा 8वें भाव में रहेगा, जिससे इमोशनल असंतुलन या नींद से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इस समय आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत होगी।
मंगल नीच का है, जिससे छाती और पाचन से संबंधित समस्याओं का सामना हो सकता है। इस समय आपको इन समस्याओं से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
15 से 17 मई तक चंद्रमा 10वें भाव में रहेगा, इस दौरान आपको अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने की आवश्यकता होगी ताकि आप अपनी सेहत को बेहतर बनाए रख सकें।
दूसरे भाव में बुध देव और सूर्य की युति आपको अपनी वाणी और तर्कशक्ति से पैसे कमाने के अवसर दे सकती है, लेकिन बुध देव का अस्त होने से आपको किसी भी प्रकार के भ्रम से बचने के लिए स्पष्टता बनाए रखने की आवश्यकता होगी।
18 मई को राहु 12वें भाव में आकर अनजाने खर्चों का सामना करवा सकता है। इस समय आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने और अनावश्यक खर्चों से बचने की आवश्यकता होगी।